विजय माल्या का CBI को खुला खत, बोले- 'सरकार और बैंक वसूली के आंकड़ों में कर रहे खेल', रिटायर जज से जांच की मांग

भगोड़े आर्थिक अपराधी विजय माल्या ने केंद्र सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से उनसे बरामद की गई रकम के बारे में असंगत बयानों पर सवाल उठाया है और मामले की जांच के लिए एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की नियुक्ति की मांग की है। माल्या ने कहा कि सरकार और बैंक संसद और जनता के सामने परस्पर विरोधी आंकड़े पेश कर रहे हैं। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कब तक भारत सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक मुझे और जनता को धोखा देते रहेंगे? वित्त मंत्री संसद में कहती हैं कि मुझसे 14,100 करोड़ रुपये वसूले गए। बैंक कहते हैं कि 10,000 करोड़ रुपये वसूले गए। 4,000 करोड़ रुपये के अंतर का क्या? उन्होंने आगे बताया कि राज्य मंत्री ने अब संसद को बताया है कि उन पर अभी भी 10,000 करोड़ रुपये बकाया हैं, जबकि बैंकों का दावा है कि उन पर 7,000 करोड़ रुपये बकाया हैं।इसे भी पढ़ें: भगोड़े आर्थिक अपराधियों का राज़ खुला: 15 पर 58,000 करोड़ की देनदारी, विजय माल्या और नीरव मोदी का भी नामउन्होंने कहा कि वसूली गई राशि का कोई लेखा विवरण या जमा नहीं है और साथ ही यह भी कहा कि गणनाओं पर स्पष्टता की आवश्यकता है। माल्या ने तर्क दिया कि वास्तविक आंकड़ों की पुष्टि के लिए एक स्वतंत्र जांच आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सच्चाई का पता लगाने के लिए एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की नियुक्ति क्यों न की जाए, खासकर जब मेरा न्यायोचित ऋण 6,203 करोड़ रुपये है। इस स्थिति को मेरे लिए एक दयनीय स्थिति बताया।इसे भी पढ़ें: Maruti Suzuki ने गाड़ी वित्तपोषण के लिए Chhattisgarh Gramin Bank के साथ हाथ मिलायाकेंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को लोकसभा को सूचित किया कि 31 अक्टूबर, 2025 तक भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 (FEOA) के तहत कुल 15 व्यक्तियों को भगोड़ा आर्थिक अपराधी (FEO) घोषित किया गया है। यह जानकारी संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा सदस्य और दौसा से कांग्रेस सांसद मुरारी लाल मीणा द्वारा उठाए गए एक अतारांकित प्रश्न के उत्तर में साझा की गई।

Dec 3, 2025 - 16:32
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विजय माल्या का CBI को खुला खत, बोले- 'सरकार और बैंक वसूली के आंकड़ों में कर रहे खेल', रिटायर जज से जांच की मांग

भगोड़े आर्थिक अपराधी विजय माल्या ने केंद्र सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से उनसे बरामद की गई रकम के बारे में असंगत बयानों पर सवाल उठाया है और मामले की जांच के लिए एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की नियुक्ति की मांग की है। माल्या ने कहा कि सरकार और बैंक संसद और जनता के सामने परस्पर विरोधी आंकड़े पेश कर रहे हैं। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कब तक भारत सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक मुझे और जनता को धोखा देते रहेंगे? वित्त मंत्री संसद में कहती हैं कि मुझसे 14,100 करोड़ रुपये वसूले गए। बैंक कहते हैं कि 10,000 करोड़ रुपये वसूले गए। 4,000 करोड़ रुपये के अंतर का क्या? उन्होंने आगे बताया कि राज्य मंत्री ने अब संसद को बताया है कि उन पर अभी भी 10,000 करोड़ रुपये बकाया हैं, जबकि बैंकों का दावा है कि उन पर 7,000 करोड़ रुपये बकाया हैं।

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उन्होंने कहा कि वसूली गई राशि का कोई लेखा विवरण या जमा नहीं है और साथ ही यह भी कहा कि गणनाओं पर स्पष्टता की आवश्यकता है। माल्या ने तर्क दिया कि वास्तविक आंकड़ों की पुष्टि के लिए एक स्वतंत्र जांच आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सच्चाई का पता लगाने के लिए एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की नियुक्ति क्यों न की जाए, खासकर जब मेरा न्यायोचित ऋण 6,203 करोड़ रुपये है। इस स्थिति को मेरे लिए एक दयनीय स्थिति बताया।

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केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को लोकसभा को सूचित किया कि 31 अक्टूबर, 2025 तक भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 (FEOA) के तहत कुल 15 व्यक्तियों को भगोड़ा आर्थिक अपराधी (FEO) घोषित किया गया है। यह जानकारी संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा सदस्य और दौसा से कांग्रेस सांसद मुरारी लाल मीणा द्वारा उठाए गए एक अतारांकित प्रश्न के उत्तर में साझा की गई।