सेंटअप नहीं मिलने से नाराज छात्रों ने किया प्रदर्शन:DMCH में हंगामे के कारण इमरजेंसी सेवा बाधित, आंदोलन तेज करने की दी चेतावनी

दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (DMCH) में शुक्रवार को उस समय अफरातफरी मच गई जब 2022 बैच के MBBS छात्र- छात्राओं ने इमरजेंसी विभाग में पहुंचकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शन के चलते इमरजेंसी सेवा प्रभावित हो गई और मरीजों का इलाज ठप पड़ गया। मरीजों और उनके परिजन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। DMC प्रशासन की ओर से 2022 बैच के 16 छात्रों को सेंटअप (प्रवेश पत्र) नहीं दिए जाने से यह स्थिति उत्पन्न हुई। छात्रों का कहना है कि कॉलेज प्रशासन ने कम उपस्थिति के आधार पर उनका सेंटअप रोक दिया है, जिससे वे सप्लीमेंट्री परीक्षा में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। छात्रों ने यह भी चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों पर जल्द विचार नहीं किया गया, तो आंदोलन तेज किया जाएगा। आंदोलन को अस्पताल में कार्यरत पीजी डॉक्टरों का भी समर्थन मिला है, जिससे अस्पताल की सामान्य चिकित्सा सेवा प्रभावित हो गई है। इमरजेंसी वार्ड में कई गंभीर मरीज इलाज के लिए पहुंचे लेकिन डॉक्टरों के प्रदर्शन में होने के कारण उन्हें समय पर इलाज नहीं मिल सका। सभी मेडिकल कॉलेजों में परेशानी नहीं हुई छात्रों का कहना है कि बिहार के अन्य सभी मेडिकल कॉलेजों में ऐसे ही मामलों में छात्रों को परीक्षा में बैठने दिया गया है। ऐसे में सिर्फ DMCH में अलग नियम लागू करना अन्याय है। छात्रों ने आरोप लगाया कि प्रशासन की हठधर्मिता के कारण उनका साल बर्बाद हो रहा है। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने प्राचार्य से गुहार लगाते हुए कहा, “आप ही हमारी आखिरी उम्मीद हैं। हमें सेंटअप दे दीजिए। यूनिवर्सिटी के नियम सबके लिए समान होने चाहिए। 15 अन्य मेडिकल कॉलेजों में सेंटअप दिया गया, तो हमसे भेदभाव क्यों?” एक छात्रा ने कहा, “पहले कहा गया था कि क्लास अटेंड करो, फिर परीक्षा में बैठने दिया जाएगा। हमने कोशिश की, लेकिन अब कह दिया गया कि अटेंडेंस पूरी नहीं है, इसलिए सेंटअप नहीं मिलेगा।” स्थिति की समीक्षा की जाएगी जैसे ही इस प्रदर्शन की सूचना प्रशासन को मिली, बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंची। SDM सदर विकास कुमार, SDPO सदर राजीव कुमार और सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार सहित वरिष्ठ अधिकारी एवं DMCH के सीनियर डॉक्टर और प्रिंसिपल शिला कुमारी भी मौके पर पहुंचे और छात्रों से बातचीत कर स्थिति को शांत करने का प्रयास किया। DMCH प्राचार्य की ओर से बताया गया कि कॉलेज प्रशासन ने बिहार आर्यभट्ट यूनिवर्सिटी के नियमानुसार कार्य किया है। "परीक्षा में वही छात्र बैठ सकते हैं जिनकी उपस्थिति नीयत मानदंडों के अनुरूप है।" हालांकि प्राचार्य ने छात्रों की मांगों और भावनात्मक अपील को गंभीरता से लेने का आश्वासन दिया है और कहा है कि स्थिति की समीक्षा की जाएगी। ग्रामीण क्षेत्र से आए गंभीर मरीज के परिजन बेहद नाराज दिखे।

Aug 1, 2025 - 22:29
 0
सेंटअप नहीं मिलने से नाराज छात्रों ने किया प्रदर्शन:DMCH में हंगामे के कारण इमरजेंसी सेवा बाधित, आंदोलन तेज करने की दी चेतावनी
दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (DMCH) में शुक्रवार को उस समय अफरातफरी मच गई जब 2022 बैच के MBBS छात्र- छात्राओं ने इमरजेंसी विभाग में पहुंचकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शन के चलते इमरजेंसी सेवा प्रभावित हो गई और मरीजों का इलाज ठप पड़ गया। मरीजों और उनके परिजन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। DMC प्रशासन की ओर से 2022 बैच के 16 छात्रों को सेंटअप (प्रवेश पत्र) नहीं दिए जाने से यह स्थिति उत्पन्न हुई। छात्रों का कहना है कि कॉलेज प्रशासन ने कम उपस्थिति के आधार पर उनका सेंटअप रोक दिया है, जिससे वे सप्लीमेंट्री परीक्षा में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। छात्रों ने यह भी चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों पर जल्द विचार नहीं किया गया, तो आंदोलन तेज किया जाएगा। आंदोलन को अस्पताल में कार्यरत पीजी डॉक्टरों का भी समर्थन मिला है, जिससे अस्पताल की सामान्य चिकित्सा सेवा प्रभावित हो गई है। इमरजेंसी वार्ड में कई गंभीर मरीज इलाज के लिए पहुंचे लेकिन डॉक्टरों के प्रदर्शन में होने के कारण उन्हें समय पर इलाज नहीं मिल सका। सभी मेडिकल कॉलेजों में परेशानी नहीं हुई छात्रों का कहना है कि बिहार के अन्य सभी मेडिकल कॉलेजों में ऐसे ही मामलों में छात्रों को परीक्षा में बैठने दिया गया है। ऐसे में सिर्फ DMCH में अलग नियम लागू करना अन्याय है। छात्रों ने आरोप लगाया कि प्रशासन की हठधर्मिता के कारण उनका साल बर्बाद हो रहा है। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने प्राचार्य से गुहार लगाते हुए कहा, “आप ही हमारी आखिरी उम्मीद हैं। हमें सेंटअप दे दीजिए। यूनिवर्सिटी के नियम सबके लिए समान होने चाहिए। 15 अन्य मेडिकल कॉलेजों में सेंटअप दिया गया, तो हमसे भेदभाव क्यों?” एक छात्रा ने कहा, “पहले कहा गया था कि क्लास अटेंड करो, फिर परीक्षा में बैठने दिया जाएगा। हमने कोशिश की, लेकिन अब कह दिया गया कि अटेंडेंस पूरी नहीं है, इसलिए सेंटअप नहीं मिलेगा।” स्थिति की समीक्षा की जाएगी जैसे ही इस प्रदर्शन की सूचना प्रशासन को मिली, बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंची। SDM सदर विकास कुमार, SDPO सदर राजीव कुमार और सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार सहित वरिष्ठ अधिकारी एवं DMCH के सीनियर डॉक्टर और प्रिंसिपल शिला कुमारी भी मौके पर पहुंचे और छात्रों से बातचीत कर स्थिति को शांत करने का प्रयास किया। DMCH प्राचार्य की ओर से बताया गया कि कॉलेज प्रशासन ने बिहार आर्यभट्ट यूनिवर्सिटी के नियमानुसार कार्य किया है। "परीक्षा में वही छात्र बैठ सकते हैं जिनकी उपस्थिति नीयत मानदंडों के अनुरूप है।" हालांकि प्राचार्य ने छात्रों की मांगों और भावनात्मक अपील को गंभीरता से लेने का आश्वासन दिया है और कहा है कि स्थिति की समीक्षा की जाएगी। ग्रामीण क्षेत्र से आए गंभीर मरीज के परिजन बेहद नाराज दिखे।