श्रावस्ती के सेमरहनिया घाट पर पुल नहीं, नाव से आवाजाही:ग्रामीण मुख्यालय पहुंचने के लिए जान जोखिम में डालकर नदी पार करने को मजबूर

श्रावस्ती के जमुनहा क्षेत्र स्थित सेमरहनिया घाट पर राप्ती नदी पर वर्षों से पुल का निर्माण नहीं हो सका है। इसके कारण करीब आधा दर्जन से अधिक गांवों के लोग प्रतिदिन नाव के सहारे नदी पार कर जिला मुख्यालय भिनगा और अन्य स्थानों तक पहुंचते हैं। ग्रामीण न केवल स्वयं नाव में सवार होते हैं, बल्कि बाइक सहित अन्य सामान भी नाव पर लादकर नदी पार करते हैं, जिससे किसी बड़े हादसे का खतरा बना रहता है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि सेमरहनिया घाट पर पुल बन जाए तो भिनगा मुख्यालय की दूरी लगभग 15 किलोमीटर कम हो जाएगी। सीधे इस घाट से जाने पर दूरी मात्र 15 किलोमीटर पड़ती है, जबकि वर्तमान में कई लोगों को नासिरगंज होते हुए बरदेहरा मोड़ से होकर जाना पड़ता है, जिससे यात्रा दोगुनी लंबी हो जाती है। ग्रामीणों ने बताया कि सेमरहनिया घाट से नासिरगंज, संगमपुरवा, बद्रीपुरवा, मानपुरवा, मक्कूपुरवा और बढ़इनपुरवा सहित कई गांवों की आबादी प्रभावित है। यदि नाव से नदी पार न करें तो भिनगा पहुंचने में 15 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ता है। ग्रामीणों ने बहराइच में कुछ दिन पूर्व हुए नाव हादसे का जिक्र करते हुए हर बार नाव में सवार होने पर भयभीत रहने की बात कही। उन्होंने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से शीघ्र पुल निर्माण की मांग की है। स्थानीय लोगों के मुताबिक भिनगा विधानसभा की सपा विधायक इंद्राणी वर्मा ने बताया कि सेमरहनिया घाट पर पुल निर्माण के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। उन्होंने आश्वासन दिया कि स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा। सिविल कोर्ट के अधिवक्ता मनोज कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि पुल न होने से क्षेत्र के विकास पर असर पड़ रहा है। पुल बनने से भिनगा की दूरी कम होने के साथ ही समय और ईंधन की बचत होगी, तथा लोगों की जान जोखिम में डालकर नाव से यात्रा करने की मजबूरी भी समाप्त होगी। ग्रामीणों ने उम्मीद जताई है कि शासन जल्द फैसला लेकर पुल निर्माण कार्य शुरू कराएगा, ताकि उनकी वर्षों पुरानी समस्या का समाधान हो सके।

Dec 3, 2025 - 16:34
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श्रावस्ती के सेमरहनिया घाट पर पुल नहीं, नाव से आवाजाही:ग्रामीण मुख्यालय पहुंचने के लिए जान जोखिम में डालकर नदी पार करने को मजबूर
श्रावस्ती के जमुनहा क्षेत्र स्थित सेमरहनिया घाट पर राप्ती नदी पर वर्षों से पुल का निर्माण नहीं हो सका है। इसके कारण करीब आधा दर्जन से अधिक गांवों के लोग प्रतिदिन नाव के सहारे नदी पार कर जिला मुख्यालय भिनगा और अन्य स्थानों तक पहुंचते हैं। ग्रामीण न केवल स्वयं नाव में सवार होते हैं, बल्कि बाइक सहित अन्य सामान भी नाव पर लादकर नदी पार करते हैं, जिससे किसी बड़े हादसे का खतरा बना रहता है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि सेमरहनिया घाट पर पुल बन जाए तो भिनगा मुख्यालय की दूरी लगभग 15 किलोमीटर कम हो जाएगी। सीधे इस घाट से जाने पर दूरी मात्र 15 किलोमीटर पड़ती है, जबकि वर्तमान में कई लोगों को नासिरगंज होते हुए बरदेहरा मोड़ से होकर जाना पड़ता है, जिससे यात्रा दोगुनी लंबी हो जाती है। ग्रामीणों ने बताया कि सेमरहनिया घाट से नासिरगंज, संगमपुरवा, बद्रीपुरवा, मानपुरवा, मक्कूपुरवा और बढ़इनपुरवा सहित कई गांवों की आबादी प्रभावित है। यदि नाव से नदी पार न करें तो भिनगा पहुंचने में 15 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ता है। ग्रामीणों ने बहराइच में कुछ दिन पूर्व हुए नाव हादसे का जिक्र करते हुए हर बार नाव में सवार होने पर भयभीत रहने की बात कही। उन्होंने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से शीघ्र पुल निर्माण की मांग की है। स्थानीय लोगों के मुताबिक भिनगा विधानसभा की सपा विधायक इंद्राणी वर्मा ने बताया कि सेमरहनिया घाट पर पुल निर्माण के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। उन्होंने आश्वासन दिया कि स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा। सिविल कोर्ट के अधिवक्ता मनोज कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि पुल न होने से क्षेत्र के विकास पर असर पड़ रहा है। पुल बनने से भिनगा की दूरी कम होने के साथ ही समय और ईंधन की बचत होगी, तथा लोगों की जान जोखिम में डालकर नाव से यात्रा करने की मजबूरी भी समाप्त होगी। ग्रामीणों ने उम्मीद जताई है कि शासन जल्द फैसला लेकर पुल निर्माण कार्य शुरू कराएगा, ताकि उनकी वर्षों पुरानी समस्या का समाधान हो सके।