भोजपुर में खेल मैदान में नवजात बच्ची को फेंका:ठंड से बिगड़ी हालत, पुलिस ने सदर अस्पताल में कराया एडमिट; SNCU में चल रहा है इलाज
भोजपुर के करनामेपुर बाजार स्थित खेल मैदान से एक नवजात बच्ची लावारिस हालत में मिली है। ठिठुरन भरी ठंड में खुले आसमान के नीचे पड़े रहने से बच्ची की हालत काफी नाजुक हो गई थी। रोने की आवाज सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और बच्ची को आनन-फानन में आरा सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया। बच्ची के जन्म के कुछ ही घंटे बाद उसे छोड़ने की आशंका जताई जा रही है। घटना करनामेपुर थाना क्षेत्र की है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी थानाध्यक्ष ने बताया कि नवजात को ठंड में लावारिस छोड़ना गंभीर अपराध है। फिलहाल पुलिस आसपास के क्षेत्रों की सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। उन लोगों से पूछताछ कर रही है, जो सुबह के समय फील्ड के आसपास मौजूद थे। बच्ची को किसने और क्यों छोड़ा, इसका पता लगाने के लिए कई पहलुओं पर जांच जारी है। स्थानीय लोगों ने भी ऐसे मामलों को रोकने के लिए जागरूकता बढ़ाने और सुरक्षित विकल्पों जैसे शिशु दान केंद्र या अस्पताल में बेबी क्रैडल के उपयोग पर जोर दिया है। फिलहाल अस्पताल प्रशासन बच्ची को पूरी चिकित्सा सुविधा प्रदान कर रहा है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि दोषियों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
Dec 6, 2025 - 09:55
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भोजपुर के करनामेपुर बाजार स्थित खेल मैदान से एक नवजात बच्ची लावारिस हालत में मिली है। ठिठुरन भरी ठंड में खुले आसमान के नीचे पड़े रहने से बच्ची की हालत काफी नाजुक हो गई थी। रोने की आवाज सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और बच्ची को आनन-फानन में आरा सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया। बच्ची के जन्म के कुछ ही घंटे बाद उसे छोड़ने की आशंका जताई जा रही है। घटना करनामेपुर थाना क्षेत्र की है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी थानाध्यक्ष ने बताया कि नवजात को ठंड में लावारिस छोड़ना गंभीर अपराध है। फिलहाल पुलिस आसपास के क्षेत्रों की सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। उन लोगों से पूछताछ कर रही है, जो सुबह के समय फील्ड के आसपास मौजूद थे। बच्ची को किसने और क्यों छोड़ा, इसका पता लगाने के लिए कई पहलुओं पर जांच जारी है। स्थानीय लोगों ने भी ऐसे मामलों को रोकने के लिए जागरूकता बढ़ाने और सुरक्षित विकल्पों जैसे शिशु दान केंद्र या अस्पताल में बेबी क्रैडल के उपयोग पर जोर दिया है। फिलहाल अस्पताल प्रशासन बच्ची को पूरी चिकित्सा सुविधा प्रदान कर रहा है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि दोषियों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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