अनिरुद्धाचार्य को महंगी पड़ी महिलाओं पर टिप्पणी, कोर्ट में परिवाद दर्ज
Aniruddhacharya news in hindi : कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज को महिलाओं पर टिप्पणी करना खासा महंगा पड़ गया। मथुरा की सीजेएम कोर्ट में उनके खिलाफ परिवाद दर्ज किया गया।
Aniruddhacharya news in hindi : कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज को महिलाओं पर टिप्पणी करना खासा महंगा पड़ गया। मथुरा की सीजेएम कोर्ट में उनके खिलाफ परिवाद दर्ज किया गया।
अखिल भारत हिंदू महासभा आगरा की जिलाध्यक्ष मीरा राठौर की याचिका को अदालत ने स्वीकार कर लिया है। अदालत में एक जनवरी को वादी के बयान दर्ज होंगे।
क्या है मामला : अक्टूबर माह में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य का एक वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ था, जिसमें उन्होंने बेटियों पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि आज कल बेटियों की शादी 25 वर्ष में होती है, तब तक वह कई जगह मुंह मार चुकी होती हैं।
अनिरुद्धाचार्य का यह बयान वायरल हो गया। इसके बाद से वृंदावन में बवाल मचा हुआ था। कुछ महिला वकीलों ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को एक शिकायती पत्र भी दिया था, जिसमें कार्रवाई की मांग की गई। इन वकीलों का कहना था कि अनिरुद्धाचार्य लड़कियों से माफी मांगें, नहीं तो उनका बहिष्कार किया जाएगा।
बयान पर बवाल मचने के बाद उन्होंने सफाई में कहा था कि वह महिलाओं की इज्जत करते हैं, उनके बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया है।
कौन हैं अनिरुद्धाचार्य महाराज : अनिरुद्धाचार्य महाराज का जन्म 27 सितंबर 1989 को मध्य प्रदेश के दमोह जिले के एक छोटे से गांव रिवझा में हुआ था। उनका असली नाम अनिरुद्ध राम तिवारी है। पिता पंडित थे और परिवार में तंगी का माहौल था। इस तरह बालक अनिरुद्ध का बचपन अभाव में बीता।
अनिरुद्धाचार्य ने औपचारिक स्कूली शिक्षा 5वीं कक्षा तक प्राप्त की है। लेकिन, उन्होंने वृंदावन में संत श्री गिरिराज शास्त्री जी महाराज से दीक्षा ली और अयोध्या से श्री राम कथा का अध्ययन अंजनी गुफा वाले महाराज से प्राप्त किया। उन्होंने वेद, पुराण और अन्य हिंदू धर्म ग्रंथों का अध्ययन किया। उन्हें दो बार डॉक्टरेट (पीएचडी) की उपाधि मिल चुकी है। 2024 में उन्हें एक अमेरिकन यूनिवर्सिटी द्वारा 'ह्यूमैनिटी एंड स्पिरिचुअल एजुकेशन' के लिए डॉक्टरेट की उपाधि दी गई है।
अनिरुद्धाचार्य का मुख्य आश्रम वृंदावन में स्थित है। आश्रम का नाम 'गौरी गोपाल आश्रम' है, जिसकी स्थापना 2019 में की थी। आश्रम में देश-विदेश से भक्तगण दर्शन और सत्संग के लिए आते हैं।
edited by : Nrapendra Gupta



