अडाणी ग्रुप में अमेरिकी फर्मों का भी निवेश:LIC के अलावा एथेन इंश्योरेंस और डीजेड बैंक समेत 5 कंपनियों ने करीब 25 करोड़ डॉलर लगाए
अडाणी ग्रुप की कंपनियों में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का निवेश भले ही सुर्खियों में हो, लेकिन हालिया आंकड़े कुछ और ही तस्वीर सामने ला रहे हैं। अरबपति गौतम अडाणी की यूनिट्स में कुछ सबसे बड़े निवेश LIC से नहीं, बल्कि प्रमुख अमेरिकी और ग्लोबल बीमा कंपनियों से आए हैं। आंकड़ों से खुलासा हुआ है कि जून 2025 में, अडाणी पोर्ट्स एंड SEZ में LIC के 5 हजार करोड़ रुपए के निवेश के एक महीने बाद, अमेरिकी एथेन इंश्योरेंस ने अडाणी के मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट में 6,650 करोड़ रुपए का निवेश किया। वैश्विक कर्जदाता जैसे डीबीएस बैंक, डीजेड बैंक, रोबोबैंक और बैंक सिनोपैक कंपनी ने भी अडाणी एनर्जी में करीब 25 करोड़ डॉलर का निवेश किया है। एसएंडपी की अगस्त की रिपोर्ट के अनुसार, पहली छमाही में अपनी चार इकाइयों के लिए 10 अरब डॉलर की नई लोन सुविधाएं हासिल की हैं। दरअसल, वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट ने एलआईसी के निवेश के फैसलों में सरकारी दखल का आरोप लगाया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि LIC ने अडाणी ग्रुप में 3.9 अरब डॉलर यानी करीब 33 हजार करोड़ रुपए इन्वेस्ट किए। अडाणी ने वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट को गलत बताया अडाणी ग्रुप ने कहा है कि वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट पूरी तरह गलत है। रीफाइनेंसिंग की जगह कंपनी ने जून में 45 करोड़ डॉलर का कर्ज समयपूर्व अदा किया। ग्रुप सीएफओ जुगेशिंदर सिंह ने कहा, फाइनेंस पर वॉशिंगटन पोस्ट का लिखना वैसा ही है जैसे मैं और जेफ बेजोस बालों पर आर्टिकल लिखें। LIC ने कहा कि अडाणी ग्रुप में किया गया निवेश, स्वतंत्र जांच और बोर्ड अप्रूवल के बाद हुआ है। LIC की इन्वेस्टमेंट वैल्यू 2014 के 1.56 लाख करोड़ रु. से बढ़कर 15.6 लाख करोड़ हो गया। LIC के पूर्व चेयरमैन सिद्धार्थ मोहंती ने कहा, सरकार कंपनी के निवेश निर्णयों में दखल नहीं देती। जीवन बीमा निगम के पास अडाणी के 4% शेयर भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी ने पिछले कुछ साल में विभिन्न कंपनियों में निवेश के फैसले लिए हैं। भारत की टॉप 500 कंपनियों में इसका निवेश मूल्य 2014 से 10 गुना बढ़कर 1.56 लाख करोड़ से 15.6 लाख करोड़ रुपए हो गया है। अडाणी ग्रुप में इसका निवेश ग्रुप के कुल 2.6 लाख रुपए के कर्ज के 2% से भी कम है। इसके अलावा, अडानी एलआईसी की सबसे बड़ी होल्डिंग नहीं है, बल्कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, आईटीसी और टाटा समूह हैं। LIC के पास अडाणी के 4% करीब 60,000 करोड़ रुपए मूल्य के शेयर हैं, जबकि रिलायंस में 6.94% यानी करीब 1.33 लाख करोड़ रुपए, आईटीसी लिमिटेड में 15.86% 82,800 करोड़, एचडीएफसी बैंक में 4.89% 64,725 करोड़ और एसबीआई में 9.59% यानी 79,361 करोड़ के शेयर हैं। एलआईसी के पास टीसीएस में 5.02% हिस्सेदारी है, जिसका मूल्य 5.7 लाख करोड़ है। कांग्रेस ने संसदीय कमेटी से मामले की जांच की मांग की कांग्रेस ने अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट के हवाले से कहा कि बीमा कंपनी ने अडाणी ग्रुप को फायदा पहुंचाने के लिए मई 2025 में यह निवेश किया। पार्टी का कहना है कि ग्राहकों की मेहनत की कमाई का गलत इस्तेमाल किया गया। कांग्रेस ने संसद की पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (PAC) से इसकी जांच की मांग की है। वहीं, TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया पर द वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट पोस्ट की है, जिसके अनुसार गौतम अडाणी जब इस साल की शुरुआत में भारी कर्ज में डूबे थे, अमेरिका में घूसखोरी के आरोपों का सामना कर रहे थे तब केंद्र सरकार और LIC ने अडाणी ग्रुप में निवेश किया। अडाणी एशिया के दूसरे सबसे अमीर आदमी गौतम अडाणी एशिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं। फोर्ब्स के अनुसार उनकी नेटवर्थ 6.22 लाख करोड़ रुपए है। दुनिया के अमीरों की लिस्ट में वे 27वें नंबर पर हैं। अडाणी ग्रुप का साम्राज्य कोल ट्रेडिंग, माइनिंग, लॉजिस्टिक्स, पावर जेनरेशन, सीमेंट इंडस्ट्री और डिस्ट्रीब्यूशन तक फैला हुआ है।
अडाणी ग्रुप की कंपनियों में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का निवेश भले ही सुर्खियों में हो, लेकिन हालिया आंकड़े कुछ और ही तस्वीर सामने ला रहे हैं। अरबपति गौतम अडाणी की यूनिट्स में कुछ सबसे बड़े निवेश LIC से नहीं, बल्कि प्रमुख अमेरिकी और ग्लोबल बीमा कंपनियों से आए हैं। आंकड़ों से खुलासा हुआ है कि जून 2025 में, अडाणी पोर्ट्स एंड SEZ में LIC के 5 हजार करोड़ रुपए के निवेश के एक महीने बाद, अमेरिकी एथेन इंश्योरेंस ने अडाणी के मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट में 6,650 करोड़ रुपए का निवेश किया। वैश्विक कर्जदाता जैसे डीबीएस बैंक, डीजेड बैंक, रोबोबैंक और बैंक सिनोपैक कंपनी ने भी अडाणी एनर्जी में करीब 25 करोड़ डॉलर का निवेश किया है। एसएंडपी की अगस्त की रिपोर्ट के अनुसार, पहली छमाही में अपनी चार इकाइयों के लिए 10 अरब डॉलर की नई लोन सुविधाएं हासिल की हैं। दरअसल, वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट ने एलआईसी के निवेश के फैसलों में सरकारी दखल का आरोप लगाया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि LIC ने अडाणी ग्रुप में 3.9 अरब डॉलर यानी करीब 33 हजार करोड़ रुपए इन्वेस्ट किए। अडाणी ने वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट को गलत बताया अडाणी ग्रुप ने कहा है कि वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट पूरी तरह गलत है। रीफाइनेंसिंग की जगह कंपनी ने जून में 45 करोड़ डॉलर का कर्ज समयपूर्व अदा किया। ग्रुप सीएफओ जुगेशिंदर सिंह ने कहा, फाइनेंस पर वॉशिंगटन पोस्ट का लिखना वैसा ही है जैसे मैं और जेफ बेजोस बालों पर आर्टिकल लिखें। LIC ने कहा कि अडाणी ग्रुप में किया गया निवेश, स्वतंत्र जांच और बोर्ड अप्रूवल के बाद हुआ है। LIC की इन्वेस्टमेंट वैल्यू 2014 के 1.56 लाख करोड़ रु. से बढ़कर 15.6 लाख करोड़ हो गया। LIC के पूर्व चेयरमैन सिद्धार्थ मोहंती ने कहा, सरकार कंपनी के निवेश निर्णयों में दखल नहीं देती। जीवन बीमा निगम के पास अडाणी के 4% शेयर भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी ने पिछले कुछ साल में विभिन्न कंपनियों में निवेश के फैसले लिए हैं। भारत की टॉप 500 कंपनियों में इसका निवेश मूल्य 2014 से 10 गुना बढ़कर 1.56 लाख करोड़ से 15.6 लाख करोड़ रुपए हो गया है। अडाणी ग्रुप में इसका निवेश ग्रुप के कुल 2.6 लाख रुपए के कर्ज के 2% से भी कम है। इसके अलावा, अडानी एलआईसी की सबसे बड़ी होल्डिंग नहीं है, बल्कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, आईटीसी और टाटा समूह हैं। LIC के पास अडाणी के 4% करीब 60,000 करोड़ रुपए मूल्य के शेयर हैं, जबकि रिलायंस में 6.94% यानी करीब 1.33 लाख करोड़ रुपए, आईटीसी लिमिटेड में 15.86% 82,800 करोड़, एचडीएफसी बैंक में 4.89% 64,725 करोड़ और एसबीआई में 9.59% यानी 79,361 करोड़ के शेयर हैं। एलआईसी के पास टीसीएस में 5.02% हिस्सेदारी है, जिसका मूल्य 5.7 लाख करोड़ है। कांग्रेस ने संसदीय कमेटी से मामले की जांच की मांग की कांग्रेस ने अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट के हवाले से कहा कि बीमा कंपनी ने अडाणी ग्रुप को फायदा पहुंचाने के लिए मई 2025 में यह निवेश किया। पार्टी का कहना है कि ग्राहकों की मेहनत की कमाई का गलत इस्तेमाल किया गया। कांग्रेस ने संसद की पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (PAC) से इसकी जांच की मांग की है। वहीं, TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया पर द वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट पोस्ट की है, जिसके अनुसार गौतम अडाणी जब इस साल की शुरुआत में भारी कर्ज में डूबे थे, अमेरिका में घूसखोरी के आरोपों का सामना कर रहे थे तब केंद्र सरकार और LIC ने अडाणी ग्रुप में निवेश किया। अडाणी एशिया के दूसरे सबसे अमीर आदमी गौतम अडाणी एशिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं। फोर्ब्स के अनुसार उनकी नेटवर्थ 6.22 लाख करोड़ रुपए है। दुनिया के अमीरों की लिस्ट में वे 27वें नंबर पर हैं। अडाणी ग्रुप का साम्राज्य कोल ट्रेडिंग, माइनिंग, लॉजिस्टिक्स, पावर जेनरेशन, सीमेंट इंडस्ट्री और डिस्ट्रीब्यूशन तक फैला हुआ है।