भारत को झकझोरने वाली 10 प्रमुख घटनाएं, जिम्मेदारों पर भी उठे सवाल
10 major accidents in India in year 2025: वर्ष 2025 भारत के लिए कई मायनों में दुखद साबित हुआ, क्योंकि देश ने एक के बाद एक कई हृदय विदारक हादसों और त्रासदियों का सामना किया। चाहे वह मानवीय चूक के कारण हुई औद्योगिक त्रासदी हो, धार्मिक आयोजन में हुई ...
10 major accidents in India in year 2025: वर्ष 2025 भारत के लिए कई मायनों में दुखद साबित हुआ, क्योंकि देश ने एक के बाद एक कई हृदय विदारक हादसों और त्रासदियों का सामना किया। चाहे वह मानवीय चूक के कारण हुई औद्योगिक त्रासदी हो, धार्मिक आयोजन में हुई भगदड़ हो या फिर सुरक्षा विफलता के कारण हुआ आतंकी हमला हो, इन घटनाओं ने देश की सुरक्षा प्रणाली, भीड़ प्रबंधन और आपदा तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े किए। इन दुर्घटनाओं में न सिर्फ जान-माल का नुकसान हुआ बल्कि ये देशवासियों के दिलों पर भी गहरे जख्म छोड़ गईं। यूं तो गुजरते साल में कई दुर्घटनाएं और हादसे हुए, लेकिन यहां हम चुनिंदा 10 हादसों के बारे में बता रहे हैं।
1. अहमदाबाद विमान दुर्घटना : 2 जून, 2025 का मनहूस दिन, जब अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर यात्री विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दुखद दुर्घटना में विमान में सवार 241 यात्री और चालक दल के सदस्य मारे गए। हालांकि एक यात्री की आश्चर्यजनक रूप से जान बच गई। प्रारंभिक जांचों में सामने आया कि यह हादसा तकनीकी खराबी के चलते हुए। इस विमान ने अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरी थी। उड़ान के कुछ ही समय बाद विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह साल 2025 की दुनिया की सबसे बड़ी विमानन त्रासदी थी, जिसने देश में विमानन सुरक्षा मानकों पर भी सवाल खड़े किए।
2. प्रयागराज महाकुंभ भगदड़ : दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागम यूपी के प्रयागराज महाकुंभ में 29 जनवरी को शाही स्नान के अवसर पर भगदड़ मच गई। इस त्रासदी में 30 से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। अत्यधिक भीड़, बैरिकेडिंग में कमी और अफवाहों के कारण यह भगदड़ हुई। इस घटना ने भारत के बड़े धार्मिक आयोजनों में भीड़ नियंत्रण और आपदा प्रबंधन की कमियों को उजागर किया। महाकुंभ के दौरान 66 करोड़ (देश की आधी आबादी से थोड़े कम) से ज्यादा श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे थे।
3. पहलगाम आतंकवादी हमला : 22 अप्रैल का बहुत ही क्रूर दिन था, जब आतंकवादियों ने पहलगाम की बैसरन घाटी में 26 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। इन आतंकवादियों ने लोगों से धर्म पूछकर उन्हें गोली मारी। इनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े एक संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली थी। हालांकि इस घटना के बाद भारत सरकार ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया। इसमें कई आतंकियों को मारने का दावा भी किया गया।
सरकार ने यह भी दावा किया था कि इस घटना के लिए जिम्मेदार 3 आतंकियों को भी सुरक्षाबलों ने मार गिराया है। कुछ समय के लिए तो दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हो गईं। हालांकि बाद में संघर्षविराम हो गया, जिसका अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार श्रेय लेने की कोशिश की। लेकिन, यह घटना अपने पीछे सवाल भी छोड़ गई कि आतंकी इतने भीतर तक घुसकर हमला करने में आखिर सफल कैसे हो गए? उस समय पुलिस और दूसरे सुरक्षाबल क्या कर रहे थे?
4. जाते-जाते जख्म दे गया साल : वर्ष 2025 जाते-जाते भी जख्म दे गया, जब 6 दिसंबर को गोवा के अरपोरा में नाइट क्लब में लगी भीषण आग ने 25 जिंदगियां लील लीं। मस्ती का अड्डा कुछ ही मिनटों में श्मशान में तब्दील हो गया। इस दुर्घटना के बाद सरकार, प्रशासन और पुलिस सभी कठघरे में हैं। कई लोग बाहर निकलने का रास्ता नहीं खोज पाए और दम घुटने से उनकी मौत हो गई। आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया गया, लेकिन आपातकालीन निकास की कमी और सुरक्षा मानकों की घोर अनदेखी लोगों की मौत का कारण बनीं।
5. जब जश्न मातम में बदला : रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की टीम द्वारा आईपीएल फाइनल जीतने के बाद 4 जून 2025 को बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में विजेता टीम के साथ अन्य हस्तियां भी पहुंची थीं। बड़ी संख्या में लोग स्टेडियम के द्वारों पर एकत्रित हो गए। अचानक भगदड़ मच गई और देखते ही देखते जीत का जश्न मातमी चीखों में बदल गया। इस हादसे में 11 लोगों की मौत हुई और 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए। हादसे के बाद विराट कोहली ने कहा था- मेरे पास कहने के लिए शब्द नहीं हैं। मैं पूरी तरह से टूट गया हूं। इस हादसे में भीड़ प्रबंधन के मामले में लापरवाही ही सामने आई।
6. बादलों से बर्बादी : उत्तराखंड में 15 से 20 अगस्त के बीच बादलों ने बर्बादी की कहानी लिख दी। बादल फटने की घटनाओं में पिथौरागढ़ जिले के धारचूला और मुनस्यारी के ऊपरी इलाके, चमोली जिले के जोशीमठ और आस-पास के गांव तथा उत्तरकाशी जिले के बडकोट और मोली ब्लॉक के कुछ गांव बुरी तरह प्रभावित हुए। इस दौरान 70 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई, जबकि कई लोग लापता हो गए। घायलों की संख्या भी दर्जनों में थी। 15 से अधिक पुल और 100 किमी से अधिक सड़कें तबाह हो गईं। 150 से अधिक मकान पूरी तरह से नष्ट हो गए। कई हेक्टेयर कृषि भूमि पूरी तरह से बह गई, और सैकड़ों पशुधन की मृत्यु हुई।
7. करूर में 40 से ज्यादा लोगों की मौत : तमिलनाडु के करूर में 27 सितंबर 2025 को फिल्म अभिनेता से राजनेता बने थलपति विजय की रैली में भगदड़ मच गई। इस हादसे में 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। इस घटना ने पूरे राज्य को झकझोर दिया। दरअसल, विजय के आगमन में घंटों की देरी के चलते भीड़ बेकाबू हो गई थी। हाई कोर्ट ने भी TVK और उसके नेता विजय को लापरवाह बताया था। इस हादसे ने न सिर्फ विजय की पार्टी TVK की छवि को नुकसान पहुंचाया था बल्कि राजनीतिक रैलियों में सुरक्षा को नजरअंदाज करने लापरवाही को भी उजागर किया था।
8. संगारेड्डी फार्मा फैक्ट्री ब्लास्ट : 30 जून को तेलंगाना के संगारेड्डी जिले में हुए एक हादसे ने न सिर्फ तेलंगाना बल्कि पूरे देश को हिलाकर रख दिया, जब इस घटना में 46 लोगों की मौत हो गई और 33 लोग घायल हो गए। दरअसल, संगारेड्डी जिले के पाशमिलाराम में सिगाची इंडस्ट्रीज लिमिटेड के कारखाने में विस्फोट के बाद आग लग गई। विस्फोट इतना भीषण था कि पूरी इमारत ढह गई। प्रारंभिक जांच में सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन और खतरनाक रसायनों के असुरक्षित भंडारण को हादसे का मुख्य कारण बताया गया। इस घटना ने देश की फार्मा और रासायनिक औद्योगिक इकाइयों में कर्मचारी सुरक्षा और औद्योगिक मानकों के पालन में गंभीर खामी को भी उजागर किया।
9. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ : प्रयागराज महाकुंभ के दौरान जब ट्रेनों में तिल धरने की जगह नहीं थी तब 15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म पर अत्यधिक भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। इस हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। घटना की जांच में सामने आया कि एक ट्रेन के अचानक प्लेटफॉर्म बदल दिए जाने और यात्रियों द्वारा जल्दबाजी में प्लेटफॉर्म पार करने के चलते भगदड़ मची और यह हादसा हो गया। इस हादसे ने रेलवे स्टेशनों पर भीड़ प्रबंधन और बुनियादी ढांचे को तत्काल मजबूत बनाने की आवश्यकता को उजागर किया।
10. मध्य प्रदेश के 21 मजदूरों की मौत : गुजरात में 1 अप्रैल 2025 को बनासकांठा जिले के दीसा में एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में बॉयलर फटने से भीषण आग लग गई, जिसमें मध्य प्रदेश के 21 मजदूरों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। धमाका इतना तेज था कि फैक्ट्री ढह गई। यह घटना अवैध फैक्ट्री और सुरक्षा मानकों की अनदेखी का मामला था, क्योंकि इस गोदाम का लाइसेंस भी समाप्त हो चुका था।
इनके अलावा मुंबई लोकल ट्रेन हादसा, छत्तीसगढ़ में ट्रेन दुर्घटना, राजस्थान में झालावाड़ जिले के पिप्लोदी में स्कूल छत गिरना और मासूमों की मौत, केदारनाथ हेलीकॉप्टर हादसा, तेलंगाना सुरंग हादसा जैसी घटनाएं भी हुई। हर घटना अपने पीछे कई सवाल भी छोड़ गई। 2025 की ये दुखद घटनाएं देश को याद दिलाती हैं कि तीव्र विकास के साथ-साथ सुरक्षा और नियामक अनुपालन सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। चाहे वह भीड़ प्रबंधन हो, औद्योगिक सुरक्षा हो, या प्राकृतिक आपदा से निपटने की तैयारी हो, इन त्रासदियों से सबक लेकर ही हम भविष्य में ऐसी जानलेवा दुर्घटनाओं को रोक सकते हैं।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala



