चुनाव में AI के इस्तेमाल पर चुनाव आयोग सख्त, 3 घंटे में हटानी होगी झूठी प्रचार सामग्री, गाइडलाइंस में क्या है खास?

Bihar Election AI Content: बिहार विधानसभा चुनाव में पहले चरण का चुनाव प्रचार चरम पर पहुंचते ही चुनाव आयोग भी एक्शन में आ गया है। आयोग ने एआई से बनाई गई प्रचार सामग्री से जुड़े नियम काफी सख्त कर दिए हैं। राजनीतिक दलों को अब एआई से बनी सामग्री पर ...

Oct 25, 2025 - 10:00
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चुनाव में AI के इस्तेमाल पर चुनाव आयोग सख्त, 3 घंटे में हटानी होगी झूठी प्रचार सामग्री, गाइडलाइंस में क्या है खास?

bihar election Bihar Election AI Content: बिहार विधानसभा चुनाव में पहले चरण का चुनाव प्रचार चरम पर पहुंचते ही चुनाव आयोग भी एक्शन में आ गया है। आयोग ने एआई से बनाई गई प्रचार सामग्री से जुड़े नियम काफी सख्त कर दिए हैं। राजनीतिक दलों को अब एआई से बनी  सामग्री पर AI-जेनरेटेड लेबल लगाना होगा। साथ ही झूठी सामग्री मिलने पर 3 घंटे में हटानी होगी।

निर्वाचन आयोग ने कहा कि एआई या डीप फेक तकनीक का गलत इस्तेमाल चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी पैदा कर सकता है। ऐसे में राजनीतिक दलों को प्रचार के दौरान सावधानी बरतना चाहिए। जानिए चुनाव आयोग की गाइडलाइंस में क्या है खास...

  • चुनाव आयोग ने एआई से बने ऑडियो, वीडियो पर 'एआई-जनरेटेड', 'डिजिटल रूप से तैयार' या सिंथेटिक कंटेंट जैसे आसानी से पढ़े और समझे जा सकने वाले लेबल को अनिवार्य कर दिया है। राजनीतिक दलों से कहा गया है कि दिखाई देने वाली सामग्री में यह लेबल कम से कम 10 प्रतिशत कवर करे। अगर ऑडियो कंटेंट है तो शुरुआत के 10 सेकेंड में बताना होगा।
  • आयोग ने कहा कि आदेश मिलने पर तीन घंटे की समय सीमा के भीतर सामग्री हटानी होगी।
  • सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से कहा गया है कि एआई से तैयारी सामग्री के लिए मेटाडेटा या संबंधित कैप्शन में इसे बनाने वाली जिम्मेदार संस्था का नाम बताना होगा। वैसे तो लेबल वाला नियम 2024 के लोकसभा चुनाव से ही लागू है लेकिन इस बार आयोग ने लेबल का आकार और समय निर्धारित कर दिया है।
  • ऐसी किसी भी सामग्री के प्रकाशन या फॉरवर्ड करने पर प्रतिबंध लगाया गया है जो गैरकानूनी हो और किसी व्यक्ति की पहचान, रूप या आवाज को उसकी सहमति के बिना इस तरह से गलत तरीके से प्रस्तुत करती हो जिससे मतदाताओं के गुमराह होने या धोखा देने की संभावना हो।
  • राजनीतिक दलों को एआई से बनी प्रचार सामग्रियों के आंतरिक रिकॉर्ड रखने होंगे। इसमें क्रिएटर की डीटेल और टाइमस्टैम्प शामिल है जिससे चुनाव आयोग के मांगने पर सत्यापन किया जा सके।

गौरतलब है कि इस बार के चुनाव में सभी राजनीतिक दल अपनी प्रचार सामग्री में एआई का खुलकर इस्तेमाल कर रहे हैं। चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी भी भी अपने चुनाव प्रचार में नरैटिव तैयार करने, पुरानी बातों को वीडियो फॉर्मेट में अपने पक्ष में दिखाने के लिए एआई का इस्तेमाल कर रहे हैं।

edited by : Nrapendra Gupta