समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले जी की मनाई गई जयंती:आनंद कुशवाहा बोले- दलित पिछड़ों के साथ महिलाओं के लिए करते रहे काम
समस्तीपुर में राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रदेश समाज सुधारक, विचारक महात्मा ज्योतिबा फुले जी की जयंती शुक्रवार को मनाई गई। उपाध्यक्ष अनंत कुशवाहा की अध्यक्षता में महान समाज सुधारक, विचारक महात्मा ज्योतिबा फुले जी की जयंती धूमधाम के साथ बनाई गई। समारोह की शुरुआत महात्मा ज्योतिबा फुले के प्रतिमा पर रालोमो के साथियों के द्वारा पुष्प अर्पित कर किया गया। उन्हें पुष्प अर्पित कर याद किया गया| इस मौके पर अनंत कुशवाहा ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले अपना पूरा जीवन गरीबों, महिलाओं, दलितों एवं पिछड़े वर्ग के उत्थान में समर्पित कर दिया। अथक प्रयासों को लेकर मिली महात्मा की उपाधि सामाजिक कुरीतियों का सदैव पूरी ताकत से विरोध किया। लड़कियों की शिक्षा की कल्पना उस दौर में असंभव मानी जाती थी लेकिन ज्योतिबा फुले ने अपनी पत्नी सावित्रीबाई फुले के साथ मिलकर तमाम चुनौतियों के बावजूद इसे संभव बनाया। ज्योतिराव फुले ने दलितों और वंचितों को न्याय दिलाने के लिए सत्यशोधक समाज की स्थापना की थी। समाज सुधार के इन अथक प्रयासों के चलते 1888 में मुंबई की एक विशाल सभा में उन्हें महात्मा की उपाधि दी गई। आयोजन के दौरान इन लोगों की मौजूदगी पुष्प अर्पित कर उन्हें याद करने वालों में पार्टी के प्रदेश महासचिव राम करण चौधरी, महासचिव मनोज मेहता अति पिछडा प्रकोष्ट के प्रदेश महासचिव आदित्य ठाकुर, प्रदेश सचिव अरविंद वर्मा, पार्टी के नेता अशोक मेहता, छात्र के जिला अध्यक्ष अफताब आलम, प्रखंड अध्यक्ष मनोज कुमार, ओम प्रकाश ठाकुर,मुकेश मलाकर, अजय राम, कुंदन कुशवाहा, अवधेश कुशवाहा सहित सैकड़ो साथियों ने उन्हे याद कर नमन किया|
समस्तीपुर में राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रदेश समाज सुधारक, विचारक महात्मा ज्योतिबा फुले जी की जयंती शुक्रवार को मनाई गई। उपाध्यक्ष अनंत कुशवाहा की अध्यक्षता में महान समाज सुधारक, विचारक महात्मा ज्योतिबा फुले जी की जयंती धूमधाम के साथ बनाई गई। समारोह की शुरुआत महात्मा ज्योतिबा फुले के प्रतिमा पर रालोमो के साथियों के द्वारा पुष्प अर्पित कर किया गया। उन्हें पुष्प अर्पित कर याद किया गया| इस मौके पर अनंत कुशवाहा ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले अपना पूरा जीवन गरीबों, महिलाओं, दलितों एवं पिछड़े वर्ग के उत्थान में समर्पित कर दिया। अथक प्रयासों को लेकर मिली महात्मा की उपाधि सामाजिक कुरीतियों का सदैव पूरी ताकत से विरोध किया। लड़कियों की शिक्षा की कल्पना उस दौर में असंभव मानी जाती थी लेकिन ज्योतिबा फुले ने अपनी पत्नी सावित्रीबाई फुले के साथ मिलकर तमाम चुनौतियों के बावजूद इसे संभव बनाया। ज्योतिराव फुले ने दलितों और वंचितों को न्याय दिलाने के लिए सत्यशोधक समाज की स्थापना की थी। समाज सुधार के इन अथक प्रयासों के चलते 1888 में मुंबई की एक विशाल सभा में उन्हें महात्मा की उपाधि दी गई। आयोजन के दौरान इन लोगों की मौजूदगी पुष्प अर्पित कर उन्हें याद करने वालों में पार्टी के प्रदेश महासचिव राम करण चौधरी, महासचिव मनोज मेहता अति पिछडा प्रकोष्ट के प्रदेश महासचिव आदित्य ठाकुर, प्रदेश सचिव अरविंद वर्मा, पार्टी के नेता अशोक मेहता, छात्र के जिला अध्यक्ष अफताब आलम, प्रखंड अध्यक्ष मनोज कुमार, ओम प्रकाश ठाकुर,मुकेश मलाकर, अजय राम, कुंदन कुशवाहा, अवधेश कुशवाहा सहित सैकड़ो साथियों ने उन्हे याद कर नमन किया|