मृतक बेटे की संपत्ति में मां भी बराबर की हिस्सेदार:हाईकोर्ट का फैसला- 1.07 करोड़ बीमा राशि में से 35.92 लाख रुपए मिलेंगे
हाईकोर्ट ने मृतक बेटे की संपत्ति और क्लेम के पैसों में पत्नी-बेटे के साथ मां को भी बराबर हकदार माना है। मां का हिस्सा देने के आदेश दिए हैं। जस्टिस गणेशराम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश हेमलता शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं। हाईकोर्ट ने मृतक बेटे की बीमा राशि 1.07 करोड़ में से मां को 35.92 लाख देने के आदेश दिए हैं। अदालत ने कहा- मृतक के बेटे और पत्नी के समान मां भी एक-तिहाई हिस्सा प्राप्त करने की अधिकारी है। सेशन कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी याचिकाकर्ता की तरफ से पैरवी करते हुए वकील संपत्ति शर्मा ने बताया- सेशन कोर्ट ने याचिकाकर्ता की ओर से साल 2021 में पेश प्रार्थना पत्र को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए बिना नॉमिनी घोषित संपत्तियों में ही मां को समान राशि प्राप्त करने का हकदार माना था। इस आदेश को हेमलता शर्मा ने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि उसके बेटे आनंद दाधीच की 1.07 करोड़ की राशि में से उसका एक-तिहाई हिस्सा 35,92,412 रुपए दिलाए जाने के आदेश दिए जाए। बेटे की संपत्ति में मां का भी समान हक और अधिकार याचिका में कहा गया कि भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम के तहत बेटे की संपत्ति में मां का भी समान हक और अधिकार है। इसके अलावा नॉमिनेशन एक कानूनी व्यवस्था है, जो किसी व्यक्ति को मालिक की मौत के बाद कानूनी उत्तराधिकारियों के लिए संपत्ति का प्रबंधन करने और उसे ट्रस्ट में रखने के लिए नामित करती है। संपत्ति का स्वामित्व नॉमिनेशन के जरिए नॉमिनी व्यक्ति को हस्तांतरित नहीं किया होता है। इसके साथ ही कोर्ट ने एलआईसी और निजी बीमा कंपनियों को आदेश दिए हैं कि मृतक की जिन पॉलिसी का क्लेम पैंडिंग है। उनमें मां को एक तिहाई पैसा दिया जाए।
