सरकारी अस्पतालों में बड़े बदलाव की तैयारी:पंखे-प्लास्तर गिरने जैसी शिकायतें रोकने अस्पतालों में बनेंगी पीडब्ल्यूडी की चौकियां, कारपेंटर-इलेक्ट्रिशियन तैनात रहेंगे

शहर के एमबी अस्पताल में पंखा गिरने से रोगी की मौत और जयपुर के एसएमएस अस्पताल में रोगी पर सीलिंग गिरने के बाद सरकारी अस्पतालों में बड़े बदलाव की तैयारी है। अब आरएनटी मेडिकल कॉलेज समेत राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों में सार्वजनिक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की चौकियां बनेंगी। इन पर दिन में कारपेंटर-वेल्डर सहित अन्य कर्मचारी नियुक्त रहेंगे, जबकि प्लम्बर और इलेक्ट्रिशियन की तैनाती 24 घंटे के लिए होगी। चौकी के जरिये पानी रिसाव, छतों के टपकने, प्लास्टर उखड़ने, टाइल्स टूटने, दरवाजे-खिड़कियों की मरम्मत, पंखों-लाइटों में सुधार जैसे काम प्राथमिकता के आधार पर होंगे। हर अस्पताल में 24 घंटे चलने वाली हेल्पलाइन भी होगी। 30 मई तक बनानी होंगी टीमें, काम भी शुरू करना होगा आपातकालीन कामों, रोजमर्रा की मरम्मत और रखरखाव कामों के लिए 8 से 30 मई तक का समय तय किया गया है। इसके लिए टीम बनाने, सर्वेक्षण, निविदाएं जारी करने और काम की शुरुआत कराना शामिल है। समस्याओं के निवारण का काम ठेकेदार करेगा। इन कामों का सत्यापन अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी करेंगे। इसके बाद ही पीडब्ल्यूडी ठेकेदार को भुगतान करेगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल और चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के निर्देश पर रोगी सुरक्षा और अस्पताल भवन के रखरखाव के लिए यह नई एसओपी जारी हुई है। चिकित्सा शिक्षा विभाग और सार्वजनिक निर्माण विभाग ने इसे संयुक्त रूप से तैयार किया है। इससे अस्पतालों में आपातकाल, कैजुअल्टी, सर्जरी और गंभीर रोगियों की देखभाल जैसी सेवाएं बेहतर होंगी। अस्पताल निर्माण लागत की 2% राशि देंगे अस्पताल भवन निर्माण की लागत की 2% राशि वार्षिक रखरखाव के लिए पीडब्ल्यूडी को दी जाएगी। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए भवन मूल्य की गणना 28 हजार रु. प्रति वर्ग मीटर की दर से होगी। समय पर पैसा नहीं दिया तो अस्पताल जिम्मेदार होगा पीडब्ल्यूडी हर साल भवनों का सर्वे करेगा और फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी करेगा। जरूरत होने पर एस्टिमेट बनाकर अस्पताल अधीक्षक से काम की स्वीकृति लेंगे। अस्पतालों में चल रहे ठेके पीडब्ल्यूडी को सौंपे जाएंगे। भविष्य में भी वही अनुबंध करेगा। पैसे की कमी को रखरखाव में चूक का कारण नहीं माना जाएगा। समय पर पैसा नहीं देने व लापरवाही पर अस्पताल अधीक्षक, वरिष्ठ लेखा अधिकारी और पीडब्ल्यूडी अभियंता पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।

May 6, 2025 - 06:42
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सरकारी अस्पतालों में बड़े बदलाव की तैयारी:पंखे-प्लास्तर गिरने जैसी शिकायतें रोकने अस्पतालों में बनेंगी पीडब्ल्यूडी की चौकियां, कारपेंटर-इलेक्ट्रिशियन तैनात रहेंगे
शहर के एमबी अस्पताल में पंखा गिरने से रोगी की मौत और जयपुर के एसएमएस अस्पताल में रोगी पर सीलिंग गिरने के बाद सरकारी अस्पतालों में बड़े बदलाव की तैयारी है। अब आरएनटी मेडिकल कॉलेज समेत राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों में सार्वजनिक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की चौकियां बनेंगी। इन पर दिन में कारपेंटर-वेल्डर सहित अन्य कर्मचारी नियुक्त रहेंगे, जबकि प्लम्बर और इलेक्ट्रिशियन की तैनाती 24 घंटे के लिए होगी। चौकी के जरिये पानी रिसाव, छतों के टपकने, प्लास्टर उखड़ने, टाइल्स टूटने, दरवाजे-खिड़कियों की मरम्मत, पंखों-लाइटों में सुधार जैसे काम प्राथमिकता के आधार पर होंगे। हर अस्पताल में 24 घंटे चलने वाली हेल्पलाइन भी होगी। 30 मई तक बनानी होंगी टीमें, काम भी शुरू करना होगा आपातकालीन कामों, रोजमर्रा की मरम्मत और रखरखाव कामों के लिए 8 से 30 मई तक का समय तय किया गया है। इसके लिए टीम बनाने, सर्वेक्षण, निविदाएं जारी करने और काम की शुरुआत कराना शामिल है। समस्याओं के निवारण का काम ठेकेदार करेगा। इन कामों का सत्यापन अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी करेंगे। इसके बाद ही पीडब्ल्यूडी ठेकेदार को भुगतान करेगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल और चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के निर्देश पर रोगी सुरक्षा और अस्पताल भवन के रखरखाव के लिए यह नई एसओपी जारी हुई है। चिकित्सा शिक्षा विभाग और सार्वजनिक निर्माण विभाग ने इसे संयुक्त रूप से तैयार किया है। इससे अस्पतालों में आपातकाल, कैजुअल्टी, सर्जरी और गंभीर रोगियों की देखभाल जैसी सेवाएं बेहतर होंगी। अस्पताल निर्माण लागत की 2% राशि देंगे अस्पताल भवन निर्माण की लागत की 2% राशि वार्षिक रखरखाव के लिए पीडब्ल्यूडी को दी जाएगी। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए भवन मूल्य की गणना 28 हजार रु. प्रति वर्ग मीटर की दर से होगी। समय पर पैसा नहीं दिया तो अस्पताल जिम्मेदार होगा पीडब्ल्यूडी हर साल भवनों का सर्वे करेगा और फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी करेगा। जरूरत होने पर एस्टिमेट बनाकर अस्पताल अधीक्षक से काम की स्वीकृति लेंगे। अस्पतालों में चल रहे ठेके पीडब्ल्यूडी को सौंपे जाएंगे। भविष्य में भी वही अनुबंध करेगा। पैसे की कमी को रखरखाव में चूक का कारण नहीं माना जाएगा। समय पर पैसा नहीं देने व लापरवाही पर अस्पताल अधीक्षक, वरिष्ठ लेखा अधिकारी और पीडब्ल्यूडी अभियंता पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।