एस-400 की अतिरिक्त खरीद में भारत की दिलचस्पी, रूस ने की एसयू-57 लड़ाकू विमान देने की पेशकश, दोंनों देशों के रक्षामंत्रियों की बैठक में क्या हुआ
भारत और रूस ने गुरुवार को अपने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग का विस्तार करने का संकल्प जताया, जिसमें नई दिल्ली ने अपनी लड़ाकू क्षमता को मजबूत करने के लिए मॉस्को से एस-400 मिसाइल प्रणालियों के अतिरिक्त बैच खरीदने में गहरी रुचि दिखाई।
भारत और रूस ने गुरुवार को अपने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग का विस्तार करने का संकल्प जताया, जिसमें नई दिल्ली ने अपनी लड़ाकू क्षमता को मजबूत करने के लिए मॉस्को से एस-400 मिसाइल प्रणालियों के अतिरिक्त बैच खरीदने में गहरी रुचि दिखाई।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूसी रक्षा मंत्री आंद्रे बेलौसोव के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की एक महत्वपूर्ण बैठक में दोनों पक्षों ने समग्र रक्षा और रणनीतिक संबंधों को बढ़ाने के तौर-तरीकों पर चर्चा की। यह बैठक 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन से एक दिन पहले हुई।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बृहस्पतिवार को दिल्ली पहुंचे। वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ शुक्रवार को शिखर वार्ता करेंगे। बेलौसोव के साथ बैठक में सिंह ने घरेलू उत्पादन और निर्यात दोनों के लिए स्वदेशी रक्षा उद्योग की क्षमता निर्माण के वास्ते भारत का दृढ़ संकल्प दोहराया, साथ ही विशिष्ट प्रौद्योगिकियों में भारत-रूस सहयोग बढ़ाने के नए अवसरों पर प्रकाश डाला।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने दोहराया कि भारत-रूस संबंध ‘विश्वास की गहरी भावना, समान सिद्धांतों और आपसी सम्मान’ पर आधारित हैं। ऐसा माना जा रहा है कि भारत ने रूसी पक्ष को सतह से हवा में मार करने वाली एस-400 मिसाइल प्रणालियों के अतिरिक्त बैच खरीदने में अपनी रुचि से अवगत कराया है, क्योंकि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान ये प्रणाली बहुत प्रभावी साबित हुई थी।
Delighted to meet with the Russian Defence Minister Mr Andrei Belousov in New Delhi. India-Russia relationship is based on a deep sense of trust, common values and mutual respect, which are the defining principles of the special and privileged strategic partnership, between both… pic.twitter.com/y5bKoo8bCS — Rajnath Singh (@rajnathsingh) December 4, 2025
अक्टूबर 2018 में, भारत ने रूस के साथ एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों की पांच इकाइयों को खरीदने के लिए पांच अरब अमेरिकी डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जबकि अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि अनुबंध पर आगे बढ़ने पर अमेरिकी प्रतिबंध लग सकते हैं।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान एस-400 प्रणालियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। भारत रूस से एस-500 मिसाइल प्रणालियां भी खरीदने पर विचार कर सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि रूसी पक्ष ने भारत को अपने एसयू-57 लड़ाकू विमान देने की पेशकश की है। बैठक में बेलौसोव ने कहा कि रूसी रक्षा उद्योग भारत को रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने में सहयोग देने के लिए तैयार है। Edited by : Sudhir Sharma



