इंडिगो की लगातार उड़ान रद्द होने की स्थिति ने देशभर में लाखों यात्रियों की यात्रा योजनाओं को ठप कर दिया। मौजूद जानकारी के अनुसार मंगलवार को दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु से कुल 350 से अधिक उड़ानें रद्द की गईं, जिसके चलते एयरपोर्ट पर भारी भीड़ और अफरा-तफरी देखने को मिली।
दिल्ली हवाई अड्डे पर 152 उड़ानें रद्द हुईं, जिनमें 76 आगमन और 76 प्रस्थान शामिल रहे। इसी तरह बेंगलुरु में 121 उड़ानें, हैदराबाद में 58 और मुंबई में 31 उड़ानें रद्द की गईं। बता दें कि अहमदाबाद और दिल्ली के प्रमुख अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर भी यात्री अव्यवस्था और लंबी कतारों के बीच फंसे दिखाई दिए हैं।
गौरतलब है कि नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किण्जरापु ने एक्स पर जानकारी साझा की कि सोमवार को मंत्रालय की उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई, जिसमें इंडिगो के संचालन और व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई। बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि विभिन्न शहरों में उड़ान संचालन की प्रत्यक्ष निगरानी और ऑन-ग्राउंड निरीक्षण किया जाए। मौजूद निर्देशों के अनुसार 9 दिसंबर को मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता, चेन्नई, पुणे, गोवा, अहमदाबाद, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डों पर निरीक्षण किया गया।
इसी बीच डीजीसीए की उच्च स्तरीय समिति ने इंडिगो प्रबंधन को तलब किया है। रिपोर्टों के अनुसार इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स सहित शीर्ष अधिकारियों को 10 दिसंबर को समिति के सामने पेश होना है। बता दें कि डीजीसीए ने इंडिगो को अपने विंटर शेड्यूल में संशोधन कर 10 दिसंबर शाम 5 बजे तक नया प्रस्ताव जमा करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही निर्धारित उड़ान संचालन में 5% कटौती भी लागू की गई है, जिसे संचालन विफलता के लिए दंडात्मक कदम माना जा रहा है।
मौजूद जानकारी में मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह संकट एएमएसएस तकनीकी खामी से संबंधित नहीं बल्कि क्रू रोस्टरिंग और आंतरिक ऑपरेशनल प्लानिंग गड़बड़ी का परिणाम है। संसद के शीतकालीन सत्र में बयान देते हुए नायडू ने कहा कि किसी भी एयरलाइन को योजना विफलता के कारण यात्रियों को ऐसी कठिनाई में नहीं डालने दिया जा सकता और नियमों के अनुसार कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
यात्रियों की बढ़ती परेशानी के मद्देनज़र सरकार ने किराए पर नियंत्रण भी लागू किया है। एएनआई के अनुसार 500 किमी दूरी पर किराया 7,500 रुपये और 1,500 किमी से अधिक की दूरी पर अधिकतम सीमा 18,000 रुपये तय की गई है। मंत्रालय ने यह भी बताया कि रिफंड, बैगेज ट्रेसिंग और यात्री सहायता उपाय नियमित निगरानी में जारी हैं और देशभर के सभी हवाई अड्डों पर स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होने लगी है।
अभी तक यह संकट इंडिगो के आंतरिक संचालन ढांचे, क्रू मैनेजमेंट और यात्री संचार प्रणाली में बड़ी खामियों की ओर संकेत करता है और यह साफ है कि व्यापक सुधारों के बिना स्थिति पूरी तरह सामान्य होने में समय लगेगा हैं।