Corona Remedies IPO: ₹655 करोड़ OFS, आईलाइन पहले दिन 1सब्सक्रिप्शन और ग्रे मार्केट संकेत

भारत में फ़ार्मा सेक्टर से परिचित निवेशकों के लिए कोरोना रेमेडीज का आईपीओ ज़रूरत से ज़्यादा चर्चा में है। बता दें कि इस कंपनी का आईपीओ 8 दिसंबर को खुला और 10 दिसंबर को बंद होगा। मौजूद जानकारी के अनुसार, इस आईपीओ के माध्यम से कुल ₹655.37 करोड़ का ऑफर-फॉर-सेल हुआ है, जिसमें कुल 0.62 करोड़ शेयर बेचे जाएंगे, लेकिन कंपनी द्वारा कोई नया शेयर जारी नहीं किया जा रहा है।आईपीओ के लिए तय कीमत ₹1,008 से ₹1,062 प्रति शेयर के बीच है। खुदरा निवेशक कम-से-कम 14 शेयर या उसके मल्टीपल्स में आवेदन कर सकते हैं, मतलब ऊपरी कीमत पर ₹14,868 का निवेश करना होगा। गौरतलब है कि इस ऑफर-फॉर-सेल में प्रमुख हिस्सेदार जैसे सेपिया इन्वेस्टमेंट्स, एंकर पार्टनर्स, सेज इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट आदि अपनी हिस्सेदारी बेच रहे हैं।आईपीओ में 35% हिस्सा खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित है, 50% हिस्सेदारी QIBs (योग्य संस्थागत खरीदार) के लिए, और 15% हिस्सा NII (गैर-संस्थागत निवेशक) के लिए रखा गया है। इस आईपीओ से कंपनी को कोई धन नहीं मिलेगा क्योंकि यह विशुद्ध रूप से OFS है, और पुराने निवेशकों द्वारा हिस्सा बेचने का मौका है।एंकर बुक के जरिए आईपीओ से पहले 15 संस्थागत निवेशकों ने मिलकर ₹194.85 करोड़ का निवेश किया है; इसमें शामिल थे एसबीआई म्यूचुअल फंड, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ, कोटक महिंद्रा एएमसी, एक्सिस एमएफ जैसे बड़े फंड। इस आईपीओ का बुक-रनिंग और लीड मैनेजमेंट जेएम फाइनेंशियल, आईआईएफएल कैपिटल और कोटक कैपिटल के हाथों में है, जबकि रजिस्ट्रार का काम बिगशेयर सेवाएँ संभाल रही है।आईपीओ के पहले दिन की सब्सक्रिप्शन स्थिति धीमी रही। दोपहर तक कुल आवेदन 0.51 गुना हुए। खुदरा श्रेणी में 0.75 गुना, NII में 0.56 गुना, तथा QIBs की ओर से अभी तक आवेदन नहीं आया। कर्मचारी हिस्सा 1.18 गुना बुक हुआ है। कुल मिलाकर 43.36 लाख शेयरों के प्रस्ताव के मुकाबले 21.91 लाख शेयरों के लिए बीड्स आईं। ग्रे मार्केट प्रीमियम (जीएमपी) भी उत्साहवर्धक रहा  जीएमपी ₹298 तक पहुँच गया, जो आईपीओ की ऊपरी कीमत ₹1,062 से लगभग 28% अधिक है। इससे यही संकेत मिल रहा है कि शेयर की डेब्यू कीमत लगभग ₹1,360 के आसपास हो सकती है।कोरोना रेमेडीज, जो गुजरात और हिमाचल प्रदेश में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट संचालित करती है, महिलाओं के स्वास्थ्य, कार्डियो-डायबिटीज, दर्द प्रबंधन, यूरोलॉजी सहित कई प्रमुख चिकित्सा श्रेणियों में दवाओं का निर्माण करती है। वित्तीय दृष्टि से देखें तो वित्तीय वर्ष 25 में कंपनी की कुल आमदनी ₹1,196.41 करोड़ रही, जबकि वित्तीय वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में राजस्व ₹346.54 करोड़ तथा जून-तिमाही के लिए शुद्ध लाभ ₹46.19 करोड़ हुआ। वित्तीय वर्ष 25 में सालाना शुद्ध लाभ ₹149.43 करोड़ दर्ज हुआ था।विश्लेषकों की राय है कि भले ही IPO में मूल्यांकन (P/E) लगभग 35.3 गुना हो और पोस्ट-इश्यू मार्केटकैप करीब ₹6,495.2 करोड़ हो ये दरें ताड़ना देती हों लेकिन कोरोना रेमेडीज की योजनाएं और दवाओं के विभिन्न थैरेपी सेक्टर्स में पकड़ बताते हैं कि दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह आईपीओ “सब्सक्राइब फॉर लॉन्ग टर्म” के अनुकूल है।आईपीओ के आधार-आवंटन की प्रक्रिया 11 दिसंबर को पूरी होने की उम्मीद है, और सफल आवेदकों को 12 दिसंबर को शेयरों का आवंटन मिल सकता है। जो लोग आवंटन से वंचित रहेंगे, उन्हें उसी दिन रिफंड मिलने की संभावना है। कोरोना रेमेडीज सोमवार, 15 दिसंबर को BSE और NSE दोनों पर लिस्ट होगा।कुल मिलाकर, कोरोना रेमेडीज का आईपीओ न केवल निवेशकों की बल्कि पूरे फ़ार्मा सेक्टर के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है और यह देखना दिलचस्प होगा कि निवेशकों का रुझान और बाजार की प्रतिक्रिया कैसी होती है।

Dec 10, 2025 - 11:33
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भारत में फ़ार्मा सेक्टर से परिचित निवेशकों के लिए कोरोना रेमेडीज का आईपीओ ज़रूरत से ज़्यादा चर्चा में है। बता दें कि इस कंपनी का आईपीओ 8 दिसंबर को खुला और 10 दिसंबर को बंद होगा। मौजूद जानकारी के अनुसार, इस आईपीओ के माध्यम से कुल ₹655.37 करोड़ का ऑफर-फॉर-सेल हुआ है, जिसमें कुल 0.62 करोड़ शेयर बेचे जाएंगे, लेकिन कंपनी द्वारा कोई नया शेयर जारी नहीं किया जा रहा है।

आईपीओ के लिए तय कीमत ₹1,008 से ₹1,062 प्रति शेयर के बीच है। खुदरा निवेशक कम-से-कम 14 शेयर या उसके मल्टीपल्स में आवेदन कर सकते हैं, मतलब ऊपरी कीमत पर ₹14,868 का निवेश करना होगा। गौरतलब है कि इस ऑफर-फॉर-सेल में प्रमुख हिस्सेदार जैसे सेपिया इन्वेस्टमेंट्स, एंकर पार्टनर्स, सेज इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट आदि अपनी हिस्सेदारी बेच रहे हैं।

आईपीओ में 35% हिस्सा खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित है, 50% हिस्सेदारी QIBs (योग्य संस्थागत खरीदार) के लिए, और 15% हिस्सा NII (गैर-संस्थागत निवेशक) के लिए रखा गया है। इस आईपीओ से कंपनी को कोई धन नहीं मिलेगा क्योंकि यह विशुद्ध रूप से OFS है, और पुराने निवेशकों द्वारा हिस्सा बेचने का मौका है।

एंकर बुक के जरिए आईपीओ से पहले 15 संस्थागत निवेशकों ने मिलकर ₹194.85 करोड़ का निवेश किया है; इसमें शामिल थे एसबीआई म्यूचुअल फंड, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ, कोटक महिंद्रा एएमसी, एक्सिस एमएफ जैसे बड़े फंड। इस आईपीओ का बुक-रनिंग और लीड मैनेजमेंट जेएम फाइनेंशियल, आईआईएफएल कैपिटल और कोटक कैपिटल के हाथों में है, जबकि रजिस्ट्रार का काम बिगशेयर सेवाएँ संभाल रही है।

आईपीओ के पहले दिन की सब्सक्रिप्शन स्थिति धीमी रही। दोपहर तक कुल आवेदन 0.51 गुना हुए। खुदरा श्रेणी में 0.75 गुना, NII में 0.56 गुना, तथा QIBs की ओर से अभी तक आवेदन नहीं आया। कर्मचारी हिस्सा 1.18 गुना बुक हुआ है। कुल मिलाकर 43.36 लाख शेयरों के प्रस्ताव के मुकाबले 21.91 लाख शेयरों के लिए बीड्स आईं।
 
ग्रे मार्केट प्रीमियम (जीएमपी) भी उत्साहवर्धक रहा  जीएमपी ₹298 तक पहुँच गया, जो आईपीओ की ऊपरी कीमत ₹1,062 से लगभग 28% अधिक है। इससे यही संकेत मिल रहा है कि शेयर की डेब्यू कीमत लगभग ₹1,360 के आसपास हो सकती है।

कोरोना रेमेडीज, जो गुजरात और हिमाचल प्रदेश में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट संचालित करती है, महिलाओं के स्वास्थ्य, कार्डियो-डायबिटीज, दर्द प्रबंधन, यूरोलॉजी सहित कई प्रमुख चिकित्सा श्रेणियों में दवाओं का निर्माण करती है। वित्तीय दृष्टि से देखें तो वित्तीय वर्ष 25 में कंपनी की कुल आमदनी ₹1,196.41 करोड़ रही, जबकि वित्तीय वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में राजस्व ₹346.54 करोड़ तथा जून-तिमाही के लिए शुद्ध लाभ ₹46.19 करोड़ हुआ। वित्तीय वर्ष 25 में सालाना शुद्ध लाभ ₹149.43 करोड़ दर्ज हुआ था।

विश्लेषकों की राय है कि भले ही IPO में मूल्यांकन (P/E) लगभग 35.3 गुना हो और पोस्ट-इश्यू मार्केटकैप करीब ₹6,495.2 करोड़ हो ये दरें ताड़ना देती हों लेकिन कोरोना रेमेडीज की योजनाएं और दवाओं के विभिन्न थैरेपी सेक्टर्स में पकड़ बताते हैं कि दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह आईपीओ “सब्सक्राइब फॉर लॉन्ग टर्म” के अनुकूल है।

आईपीओ के आधार-आवंटन की प्रक्रिया 11 दिसंबर को पूरी होने की उम्मीद है, और सफल आवेदकों को 12 दिसंबर को शेयरों का आवंटन मिल सकता है। जो लोग आवंटन से वंचित रहेंगे, उन्हें उसी दिन रिफंड मिलने की संभावना है। कोरोना रेमेडीज सोमवार, 15 दिसंबर को BSE और NSE दोनों पर लिस्ट होगा।

कुल मिलाकर, कोरोना रेमेडीज का आईपीओ न केवल निवेशकों की बल्कि पूरे फ़ार्मा सेक्टर के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है और यह देखना दिलचस्प होगा कि निवेशकों का रुझान और बाजार की प्रतिक्रिया कैसी होती है।