बिहार में वनीला की खेती, किसान बनेंगे आत्मनिर्भर:किसान ने गूगल से सीखा तरीका, जैविक तरीके से उत्पादन की तैयारी, 50 हजार किलो है कीमत

किशनगंज में ठाकुरगंज ब्लॉक के किसान हंसराज नखत ने वनीला की खेती शुरू कर मिसाल पेश की है। वनीला दुनिया की दूसरी सबसे महंगी फसल मानी जाती है, जिसकी बाजार में कीमत 50 हजार रुपये प्रति किलो तक है। ठाकुरगंज के किसान की इस पहल से खेती करने वाले अन्य किसानों को एक नई दिशा मिली है। बिना सरकारी अनुदान के शुरू किया प्रोजेक्ट किसान हंसराज नखत ने बताया कि उन्होंने 100 वनीला पौधों के लिए एक विशेष स्ट्रक्चर तैयार किया है। इसमें लगभग 4.50 लाख रुपये का निजी निवेश किया गया। यह प्लांटेशन अगस्त 2024 में शुरू हुआ और 2026 में पहली फसल मिलने की उम्मीद है। खास बात यह है कि यह पूरा प्रोजेक्ट बिना किसी सरकारी अनुदान के शुरू किया गया है। गूगल बना प्रेरणा स्रोत, असफलताओं से ली सीख हंसराज ने वनीला की खेती का विचार गूगल सर्च से लिया। उन्होंने बताया कि इससे पहले कुछ किसानों ने इस फसल की कोशिश की थी, लेकिन असफल रहे। उन्होंने उन असफलताओं का गहन अध्ययन किया और कारणों पर शोध किया। फिर अपनी गूगल की मदद से योजना को अमल में लाया। कड़ी मेहनत मांगती है वनीला खेती हंसराज के अनुसार, वनीला की खेती में बहुत ज्यादा देखरेख की जरूरत होती है। "यह ऐसी खेती नहीं है जिसे छोड़ दिया जाए। हर दो घंटे पर देखना पड़ता है।" उन्होंने कहा कि वनीला की खेती घनी छायादार और 20-30 डिग्री सेल्सियस तापमान वाली जगह में होती है। भुरभुरी मिट्टी और पीएच मान 6.5 से 7.5 होना जरूरी है। बिना केमिकल के जैविक खेती हंसराज ने बताया कि वे ड्रैगन फ्रूट की खेती भी कर रहे हैं और दोनों फसलों में किसी प्रकार का रासायनिक खाद या कीटनाशक का उपयोग नहीं करते। उनका कहना है कि "हम गोबर और गोमूत्र से ही जैविक खेती करते हैं।" स्वास्थ्यवर्धक और बहुउपयोगी फसल वनीला न केवल स्वाद में बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। इसके अर्क का उपयोग आइसक्रीम, मिठाइयों और परफ्यूम बनाने में किया जाता है। वनीला की बाजार में भारी डिमांड केसर के बाद वनीला को सबसे महंगी फसल माना जाता है। अगर किशनगंज के किसान इस खेती में सफल होते हैं तो आने वाले समय में यह क्षेत्र के किसान आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकते हैं।

Apr 9, 2025 - 12:23
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बिहार में वनीला की खेती, किसान बनेंगे आत्मनिर्भर:किसान ने गूगल से सीखा तरीका, जैविक तरीके से उत्पादन की तैयारी, 50 हजार किलो है कीमत
किशनगंज में ठाकुरगंज ब्लॉक के किसान हंसराज नखत ने वनीला की खेती शुरू कर मिसाल पेश की है। वनीला दुनिया की दूसरी सबसे महंगी फसल मानी जाती है, जिसकी बाजार में कीमत 50 हजार रुपये प्रति किलो तक है। ठाकुरगंज के किसान की इस पहल से खेती करने वाले अन्य किसानों को एक नई दिशा मिली है। बिना सरकारी अनुदान के शुरू किया प्रोजेक्ट किसान हंसराज नखत ने बताया कि उन्होंने 100 वनीला पौधों के लिए एक विशेष स्ट्रक्चर तैयार किया है। इसमें लगभग 4.50 लाख रुपये का निजी निवेश किया गया। यह प्लांटेशन अगस्त 2024 में शुरू हुआ और 2026 में पहली फसल मिलने की उम्मीद है। खास बात यह है कि यह पूरा प्रोजेक्ट बिना किसी सरकारी अनुदान के शुरू किया गया है। गूगल बना प्रेरणा स्रोत, असफलताओं से ली सीख हंसराज ने वनीला की खेती का विचार गूगल सर्च से लिया। उन्होंने बताया कि इससे पहले कुछ किसानों ने इस फसल की कोशिश की थी, लेकिन असफल रहे। उन्होंने उन असफलताओं का गहन अध्ययन किया और कारणों पर शोध किया। फिर अपनी गूगल की मदद से योजना को अमल में लाया। कड़ी मेहनत मांगती है वनीला खेती हंसराज के अनुसार, वनीला की खेती में बहुत ज्यादा देखरेख की जरूरत होती है। "यह ऐसी खेती नहीं है जिसे छोड़ दिया जाए। हर दो घंटे पर देखना पड़ता है।" उन्होंने कहा कि वनीला की खेती घनी छायादार और 20-30 डिग्री सेल्सियस तापमान वाली जगह में होती है। भुरभुरी मिट्टी और पीएच मान 6.5 से 7.5 होना जरूरी है। बिना केमिकल के जैविक खेती हंसराज ने बताया कि वे ड्रैगन फ्रूट की खेती भी कर रहे हैं और दोनों फसलों में किसी प्रकार का रासायनिक खाद या कीटनाशक का उपयोग नहीं करते। उनका कहना है कि "हम गोबर और गोमूत्र से ही जैविक खेती करते हैं।" स्वास्थ्यवर्धक और बहुउपयोगी फसल वनीला न केवल स्वाद में बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। इसके अर्क का उपयोग आइसक्रीम, मिठाइयों और परफ्यूम बनाने में किया जाता है। वनीला की बाजार में भारी डिमांड केसर के बाद वनीला को सबसे महंगी फसल माना जाता है। अगर किशनगंज के किसान इस खेती में सफल होते हैं तो आने वाले समय में यह क्षेत्र के किसान आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकते हैं।