बड़ी खबर, मोदी सरकार ने वापस लिया संचार साथी ऐप प्री इंस्टाल करने का फैसला
Sanchar Sathi APP : मोदी सरकार ने बुधवार को संचार साथी ऐप प्री इंस्टाल करने का फैसला वापस ले लिया। विपक्ष के साथ ही कंई मोबाइल कंपनियां भी सरकार के इस फैसले का विरोध कर रही थी। इस ऐप की मदद से सरकार चोरी या गुम फोन ट्रैक करने, ब्लॉक करने और उनका ...
Sanchar Sathi APP : मोदी सरकार ने बुधवार को संचार साथी ऐप प्री इंस्टाल करने का फैसला वापस ले लिया। विपक्ष के साथ ही कंई मोबाइल कंपनियां भी सरकार के इस फैसले का विरोध कर रही थी। इस ऐप की मदद से सरकार चोरी या गुम फोन ट्रैक करने, ब्लॉक करने और उनका गलत इस्तेमाल रोकना चाहती थी।
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने केंद्र सरकार द्वारा ‘संचार साथी ऐप’ के अनिवार्य प्री-इंस्टॉल के फैसले को वापस लेने पर कहा कि यह उन सभी ताकतों, उन सभी पत्रकारों, वकीलों और लोगों की जीत है जिन्होंने कहा था कि यह एक मनमाना और तानाशाही फैसला है और उनका(सरकार) पीछे हटना दिखाता है कि वे बिना सोचे-समझे काम कर रहे हैं... यह सरकार दिशाहीन है। यह एक यू टर्न वाली सरकार है।
सरकार ने संचार साथी ऐप को जरूरी तौर पर प्री-इंस्टॉल करने के अपने फैसले को वापस ले लिया है। pic.twitter.com/VIOSFzITXn — ANI_HindiNews (@AHindinews) December 3, 2025
आदेश में एपल, सैमसंग, वीवो, ओप्पो और शाओमी जैसी मोबाइल कंपनियों को 90 दिन का समय दिया गया था। यह भी कहा गया था कि इस एप को यूजर्स डिसेबल नहीं कर सकेंगे। पुराने फोन में सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए यह एप इंस्टॉल किया जाएगा।
स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी एपल ने भारत सरकार ने इन निर्देशों में मानने से मना कर दिया। कंपनी का मानना है कि इस तरह की अनिवार्यता उसके डिवाइसों की प्राइवेसी और सुरक्षा संरचना पर असर डाल सकती है। कंपनी की ग्लोबल पॉलिसी में स्पष्ट है- सरकारी या थर्ड-पार्टी एप्स को डिवाइस की बिक्री से पहले उसमें प्री-इंस्टॉल नहीं किया जा सकता। एपल iOS को क्लोज्ड सिस्टम रखती है, जहां एप स्टोर के अलावा कोई एप नहीं आ सकता।
सरकार का तर्क था कि सरकार का तर्क है कि संचार साथी एप चोरी या गुम फोन ट्रैक करने, ब्लॉक करने और उनका गलत इस्तेमाल रोकने के काम आएगा। यानी साइबर फ्रॉड रोकने में मदद मिलेगी। संचार साथी एप की मदद से अब तक 7 लाख से ज्यादा गुम या चोरी हुए मोबाइल वापस मिल चुके हैं।
edited by : Nrapendra Gupta



