पायलट बोले- सरकार घोषणा करे जातिगत जनगणना कब पूरी होगी:कहा- बीजेपी ने इसे जहर बताया था, लेकिन कांग्रेस-जनता के दबाव में पांव पीछे खींचने पड़े
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने कहा है कि हम चाहते हैं कि बिना समय खोए सरकार यह घोषणा करे कि कितने समय में जातिगत जनगणना पूरी होगी और क्या मापदंड तय किए जाएंगे। मैं मानता हूं कि यह राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी, इंडिया गठबंधन के नेताओं और जनता का दबाव था, जिस कारण प्रधानमंत्री को अपने पैर पीछे खींचने पड़े। पायलट ने कहा- जैसा राहुल गांधी कहते हैं, एक एक्सरे होना चाहिए। उसके बाद ही हम सही तरीके से भागीदारी सुनिश्चित कर सकते हैं। इसी मूल मुद्दे पर कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में सामाजिक न्याय को लेकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ है। पायलट दिल्ली में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। बीजेपी ने जातिगत जनगणना को बताया था जहर, राहुल गांधी को अर्बन नक्सल तक कहा था पायलट ने कहा- जातिगत जनगणना पर पूरी बीजेपी सरकार और नेताओं के तमाम विरोध के बावजूद, कई सालों से राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को लेकर बहुत प्रखर रहे। बीजेपी के एक बहुत बड़े नेता का बयान आया था बंटोगे तो कटोगे। कांग्रेस नेताओं और राहुल गांधी को अर्बन नक्सल कहा गया। वही दल, वही सरकार, जो 11 साल से सत्ता में है, उन्होंने जातिगत जनगणना को देश और समाज के लिए जहर की संज्ञा दी थी। आज जनता के दबाव, कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी के लगातार संसद के अंदर-बाहर इस मांग को उठाने पर मोदी सरकार यह समझ गई कि जन भावना कांग्रेस के साथ है। देश की अधिकांश जनता भागीदारी चाहती है। सरकार अब मनमानी नहीं कर पाएगी पायलट ने कहा- ये सिर्फ एक जनगणना नहीं है। देश की अधिकांश जनसंख्या किन हालात में अपना जीवन व्यतीत कर रही है, कितने लोग पढ़े-लिखे हैं, क्या काम कर रहे हैं, क्या खा रहे हैं? यह इस बात का पता करने की एक पारदर्शी और वैज्ञानिक कोशिश है। केंद्र और राज्य सरकारों के बजट का आवंटन, नीति निर्माण, सहयोग और समर्थन देना जैसे फैसले अभी सिर्फ अंदाजे के बल पर लिए जाते थे। कोई जवाबदेही, कोई पारदर्शिता नहीं थी। सरकार मनमाने तरीके से जहां चाहे, वहां बजट का पैसा और योजना लगा देती थी। अब ऐसा नहीं कर पाएगी।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने कहा है कि हम चाहते हैं कि बिना समय खोए सरकार यह घोषणा करे कि कितने समय में जातिगत जनगणना पूरी होगी और क्या मापदंड तय किए जाएंगे। मैं मानता हूं कि यह राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी, इंडिया गठबंधन के नेताओं और जनता का दबाव था, जिस कारण प्रधानमंत्री को अपने पैर पीछे खींचने पड़े। पायलट ने कहा- जैसा राहुल गांधी कहते हैं, एक एक्सरे होना चाहिए। उसके बाद ही हम सही तरीके से भागीदारी सुनिश्चित कर सकते हैं। इसी मूल मुद्दे पर कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में सामाजिक न्याय को लेकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ है। पायलट दिल्ली में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। बीजेपी ने जातिगत जनगणना को बताया था जहर, राहुल गांधी को अर्बन नक्सल तक कहा था पायलट ने कहा- जातिगत जनगणना पर पूरी बीजेपी सरकार और नेताओं के तमाम विरोध के बावजूद, कई सालों से राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को लेकर बहुत प्रखर रहे। बीजेपी के एक बहुत बड़े नेता का बयान आया था बंटोगे तो कटोगे। कांग्रेस नेताओं और राहुल गांधी को अर्बन नक्सल कहा गया। वही दल, वही सरकार, जो 11 साल से सत्ता में है, उन्होंने जातिगत जनगणना को देश और समाज के लिए जहर की संज्ञा दी थी। आज जनता के दबाव, कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी के लगातार संसद के अंदर-बाहर इस मांग को उठाने पर मोदी सरकार यह समझ गई कि जन भावना कांग्रेस के साथ है। देश की अधिकांश जनता भागीदारी चाहती है। सरकार अब मनमानी नहीं कर पाएगी पायलट ने कहा- ये सिर्फ एक जनगणना नहीं है। देश की अधिकांश जनसंख्या किन हालात में अपना जीवन व्यतीत कर रही है, कितने लोग पढ़े-लिखे हैं, क्या काम कर रहे हैं, क्या खा रहे हैं? यह इस बात का पता करने की एक पारदर्शी और वैज्ञानिक कोशिश है। केंद्र और राज्य सरकारों के बजट का आवंटन, नीति निर्माण, सहयोग और समर्थन देना जैसे फैसले अभी सिर्फ अंदाजे के बल पर लिए जाते थे। कोई जवाबदेही, कोई पारदर्शिता नहीं थी। सरकार मनमाने तरीके से जहां चाहे, वहां बजट का पैसा और योजना लगा देती थी। अब ऐसा नहीं कर पाएगी।