SDRF, NDRF ने चंबल नदी में किया मॉक ड्रिल:बाढ़ में बह रहे लोगों का रेस्क्यू किया, घायलों को इलाज के लिए पहुंचाया हॉस्पिटल
कोटा संभाग में मानसूनी सीजन में कोटा की सहायक नदियां उफान पर होती है। कोटा में बहने वाली चंबल नदी में उफान के कारण कई बार निचली बस्तियों में पानी भरता है। लिहाजा बारिश और बाढ़ से पहले जिले के बाढ़ एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने तैयारियों का जायजा लिया। एसडीआरएफ, जिला प्रशासन, आर्मी, सेल्फ डिफेंस के जवानों ने संयुक्त रूप से रंगपुर इलाके और केशोरायपाटन के बीच चंबल नदी में मॉक ड्रिल किया। जिला प्रशासन,भारतीय सेना और एसडीआरएफ के अधिकारी जवान मौजूद रहे। सहायक कमाण्डेन्ट एसडीआरएफ चित्रगुप्त महावर ने बताया की दक्षिणी-पशिचमी मानसून के दौरान राज्य के विभिन्न स्थानों पर बाढ़ जलभराव की स्थिति में आमजन के जानमाल की सुरक्षा के लिए भारतीय थल सेना, नागरिक सुरक्षा विभाग, एनडीआरएफ एवं स्थानिय जिला प्रशासन कोटा की संयुक्त मॉक ड्रिल कोटा बैराज के निचले वाले क्षेत्र में थाना रेलवे कॉलोनी के इलाके में चंबल नदीं के किनारे रंगपुर घाट पर आयोजित किया गया। जिसमें बाढ़ के दौरान नदियों के किनारे निचली बस्तियों में बाढ़ में डूबने पर आपदा एजेंसियों के द्वारा बचाव राहत मॉक ड्रिल की कार्रवाई की गई एवं उपयोग में ली जाने वाली आवश्यक कार्रवाई के बारे में जागरूक किया गया। एकता हाडा ने बताया कि मॉक ड्रिल में घायल व्यक्तियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना, घायलों को क्षतिग्रस्त इमारतों से बाहर निकालना एवं प्राथमिक उपचार देकर अस्पताल भिजवाने का अभ्यास किया गया। आमजन द्वारा स्वयं एवं परिजनों को किस प्रकार सुरक्षित रखा जाए की भी जानकारी दी गई। आपदा की स्थिति में राहत एवं बचाव तकनीकों की जानकारी दी गई। जिसमें नागरिकों को बेसिक लाइफ सपोर्ट तकनीकों जैसे चोट लगने पर प्राथमिक उपचार करने, आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त भवनों से सुरक्षित बाहर निकलने एवं उपलब्ध संसाधनों की सहायता से स्ट्रेचर तैयार करने तथा कार्डियक अरेस्ट होने पर सीपीआर द्वारा कृत्रिम श्वसन देकर बचाव करने जैसी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई।
कोटा संभाग में मानसूनी सीजन में कोटा की सहायक नदियां उफान पर होती है। कोटा में बहने वाली चंबल नदी में उफान के कारण कई बार निचली बस्तियों में पानी भरता है। लिहाजा बारिश और बाढ़ से पहले जिले के बाढ़ एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने तैयारियों का जायजा लिया। एसडीआरएफ, जिला प्रशासन, आर्मी, सेल्फ डिफेंस के जवानों ने संयुक्त रूप से रंगपुर इलाके और केशोरायपाटन के बीच चंबल नदी में मॉक ड्रिल किया। जिला प्रशासन,भारतीय सेना और एसडीआरएफ के अधिकारी जवान मौजूद रहे। सहायक कमाण्डेन्ट एसडीआरएफ चित्रगुप्त महावर ने बताया की दक्षिणी-पशिचमी मानसून के दौरान राज्य के विभिन्न स्थानों पर बाढ़ जलभराव की स्थिति में आमजन के जानमाल की सुरक्षा के लिए भारतीय थल सेना, नागरिक सुरक्षा विभाग, एनडीआरएफ एवं स्थानिय जिला प्रशासन कोटा की संयुक्त मॉक ड्रिल कोटा बैराज के निचले वाले क्षेत्र में थाना रेलवे कॉलोनी के इलाके में चंबल नदीं के किनारे रंगपुर घाट पर आयोजित किया गया। जिसमें बाढ़ के दौरान नदियों के किनारे निचली बस्तियों में बाढ़ में डूबने पर आपदा एजेंसियों के द्वारा बचाव राहत मॉक ड्रिल की कार्रवाई की गई एवं उपयोग में ली जाने वाली आवश्यक कार्रवाई के बारे में जागरूक किया गया। एकता हाडा ने बताया कि मॉक ड्रिल में घायल व्यक्तियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना, घायलों को क्षतिग्रस्त इमारतों से बाहर निकालना एवं प्राथमिक उपचार देकर अस्पताल भिजवाने का अभ्यास किया गया। आमजन द्वारा स्वयं एवं परिजनों को किस प्रकार सुरक्षित रखा जाए की भी जानकारी दी गई। आपदा की स्थिति में राहत एवं बचाव तकनीकों की जानकारी दी गई। जिसमें नागरिकों को बेसिक लाइफ सपोर्ट तकनीकों जैसे चोट लगने पर प्राथमिक उपचार करने, आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त भवनों से सुरक्षित बाहर निकलने एवं उपलब्ध संसाधनों की सहायता से स्ट्रेचर तैयार करने तथा कार्डियक अरेस्ट होने पर सीपीआर द्वारा कृत्रिम श्वसन देकर बचाव करने जैसी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई।