PAK-Afghan बॉर्डर से आई डराने वाली तस्वीरें, कैसे जुल्म ढा रहा पाकिस्तान, दो महीने में 2 लाख लोगों ने छोड़ा मुल्क
पाकिस्तान और अफगानिस्तान बॉर्डर पर तनाव बढ़ता जा रहा है। खैबर में पाकिस्तानी सेना और तालिबान सैनिकों की भिड़ंत हुई। तालिबानी सेना के जवानों से तनाव के बीच भारी हथियारों के इस्तेमाल की खबर है। दरअसल, पाकिस्तानी सुरक्षाबलों और तालिबान के बीच 3 फरवरी से झड़पें शुरू हुई थी। हालिया विवाद तब शुरू हुआ जब तालिबान ने अपनी सीमा को सुरक्षित करने के लिए नई चौकी बनाने की कोशिश की, जिसे पाकिस्तानी सेना ने समझौते का उल्लंघन बताते हुए गोलीबारी शुरू कर दी। जवाब में तालिबान ने पाकिस्तान के चेक पोस्ट पर हमला बोला। मोटार्र दागने से चेक पोस्ट ध्वस्त हो गया। इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi NewsRoom: Pakistan को आतंकी राष्ट्र घोषित करने की बजाय United Nations Security Council ने उसे Taliban पर निगाह रखने की जिम्मेदारी सौंप दीअब पाकिस्तान ने अफ़गान नागरिकों को देश से बाहर निकालने के लिए प्रयास तेज़ कर दिए हैं, क्योंकि देश के आंतरिक मंत्रालय के डेटा से पता चलता है कि अप्रैल से अब तक 200,000 से ज़्यादा लोगों को निर्वासित किया जा चुका है। इसके अलावा, ईरान ने भी अफ़गानों को देश से बाहर निकालना शुरू कर दिया है, जिससे पहले से ही चरमराई अर्थव्यवस्था के बीच लोगों की आमद को संभालने की तालिबान की क्षमता पर चिंताएँ बढ़ गई हैं। अप्रैल में 135,000 से ज़्यादा अफ़गानों ने देश छोड़ा, मई में 67,000 और जून के पहले दो दिनों में ही 3,000 से ज़्यादा अफ़गानों ने देश छोड़ा। नवंबर 2023 में स्वदेश वापसी अभियान शुरू होने के बाद से अब तक दस लाख से ज़्यादा अफ़गान पाकिस्तान से वापस आ चुके हैं।इसे भी पढ़ें: Pakistan पर भयंकर हमला, BLA ने वीडियो शेयर कर क्या बड़ा दावा कर दिया?2021 में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद से हजारों और अफगानी भागकर पाकिस्तान पहुंचे। मंत्रालय ने कहा कि नवंबर 2023 में निर्वासन कार्यक्रम शुरू होने के बाद से 10 लाख से अधिक अफगान अपने वतन लौट चुके हैं। ऐसा अनुमान है कि लगभग 30 लाख अफगान नागरिक अब भी पाकिस्तान में रह रहे हैं।ईरान ने अफ़गानों को देश छोड़ने का आदेश दियाइस बीच, तेहरान ने अफ़गानों को देश से बाहर निकालने का अपना अभियान शुरू कर दिया है। देश के आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि अफ़गानिस्तान के लोगों के पास ईरान छोड़ने के लिए 6 जुलाई तक का समय है। ईरानी आंतरिक मंत्रालय के नादेर यारहमादी ने सरकारी टेलीविज़न पर कहा कि इससे लगभग 40 लाख अफ़गान प्रभावित होंगे, जिनमें से छह मिलियन से ज़्यादा अफ़गान ईरान में हैं। फिर से सभी देशों से अफ़गानों की जबरन वापसी को तुरंत निलंबित करने का आह्वान किया, चाहे उनकी आप्रवास स्थिति कुछ भी हो, जब तक कि सुरक्षित, स्वैच्छिक और सम्मानजनक वापसी की शर्तें लागू न हो जाएँ। पाकिस्तान में कितने अफ़गान रहते हैं?संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर के अनुसार, पाकिस्तान में 2.18 मिलियन अफ़गान शरणार्थी हैं, जिनके पास दस्तावेज़ हैं। इसमें 2006-07 में की गई जनगणना के अनुसार प्रूफ़ ऑफ़ रजिस्ट्रेशन (पीओआर) कार्ड रखने वाले 1.3 मिलियन शरणार्थी शामिल हैं, साथ ही 2017 में पंजीकरण अभियान के बाद एसीसी कार्ड प्राप्त करने वाले अतिरिक्त 8,80,000 शरणार्थी भी शामिल हैं। Stay updated with Latest International News in Hindi on Prabhasakshi

पाकिस्तान और अफगानिस्तान बॉर्डर पर तनाव बढ़ता जा रहा है। खैबर में पाकिस्तानी सेना और तालिबान सैनिकों की भिड़ंत हुई। तालिबानी सेना के जवानों से तनाव के बीच भारी हथियारों के इस्तेमाल की खबर है। दरअसल, पाकिस्तानी सुरक्षाबलों और तालिबान के बीच 3 फरवरी से झड़पें शुरू हुई थी। हालिया विवाद तब शुरू हुआ जब तालिबान ने अपनी सीमा को सुरक्षित करने के लिए नई चौकी बनाने की कोशिश की, जिसे पाकिस्तानी सेना ने समझौते का उल्लंघन बताते हुए गोलीबारी शुरू कर दी। जवाब में तालिबान ने पाकिस्तान के चेक पोस्ट पर हमला बोला। मोटार्र दागने से चेक पोस्ट ध्वस्त हो गया।
इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi NewsRoom: Pakistan को आतंकी राष्ट्र घोषित करने की बजाय United Nations Security Council ने उसे Taliban पर निगाह रखने की जिम्मेदारी सौंप दी
अब पाकिस्तान ने अफ़गान नागरिकों को देश से बाहर निकालने के लिए प्रयास तेज़ कर दिए हैं, क्योंकि देश के आंतरिक मंत्रालय के डेटा से पता चलता है कि अप्रैल से अब तक 200,000 से ज़्यादा लोगों को निर्वासित किया जा चुका है। इसके अलावा, ईरान ने भी अफ़गानों को देश से बाहर निकालना शुरू कर दिया है, जिससे पहले से ही चरमराई अर्थव्यवस्था के बीच लोगों की आमद को संभालने की तालिबान की क्षमता पर चिंताएँ बढ़ गई हैं। अप्रैल में 135,000 से ज़्यादा अफ़गानों ने देश छोड़ा, मई में 67,000 और जून के पहले दो दिनों में ही 3,000 से ज़्यादा अफ़गानों ने देश छोड़ा। नवंबर 2023 में स्वदेश वापसी अभियान शुरू होने के बाद से अब तक दस लाख से ज़्यादा अफ़गान पाकिस्तान से वापस आ चुके हैं।
इसे भी पढ़ें: Pakistan पर भयंकर हमला, BLA ने वीडियो शेयर कर क्या बड़ा दावा कर दिया?
2021 में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद से हजारों और अफगानी भागकर पाकिस्तान पहुंचे। मंत्रालय ने कहा कि नवंबर 2023 में निर्वासन कार्यक्रम शुरू होने के बाद से 10 लाख से अधिक अफगान अपने वतन लौट चुके हैं। ऐसा अनुमान है कि लगभग 30 लाख अफगान नागरिक अब भी पाकिस्तान में रह रहे हैं।
ईरान ने अफ़गानों को देश छोड़ने का आदेश दिया
इस बीच, तेहरान ने अफ़गानों को देश से बाहर निकालने का अपना अभियान शुरू कर दिया है। देश के आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि अफ़गानिस्तान के लोगों के पास ईरान छोड़ने के लिए 6 जुलाई तक का समय है। ईरानी आंतरिक मंत्रालय के नादेर यारहमादी ने सरकारी टेलीविज़न पर कहा कि इससे लगभग 40 लाख अफ़गान प्रभावित होंगे, जिनमें से छह मिलियन से ज़्यादा अफ़गान ईरान में हैं। फिर से सभी देशों से अफ़गानों की जबरन वापसी को तुरंत निलंबित करने का आह्वान किया, चाहे उनकी आप्रवास स्थिति कुछ भी हो, जब तक कि सुरक्षित, स्वैच्छिक और सम्मानजनक वापसी की शर्तें लागू न हो जाएँ।
पाकिस्तान में कितने अफ़गान रहते हैं?
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर के अनुसार, पाकिस्तान में 2.18 मिलियन अफ़गान शरणार्थी हैं, जिनके पास दस्तावेज़ हैं। इसमें 2006-07 में की गई जनगणना के अनुसार प्रूफ़ ऑफ़ रजिस्ट्रेशन (पीओआर) कार्ड रखने वाले 1.3 मिलियन शरणार्थी शामिल हैं, साथ ही 2017 में पंजीकरण अभियान के बाद एसीसी कार्ड प्राप्त करने वाले अतिरिक्त 8,80,000 शरणार्थी भी शामिल हैं।
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