New Zealand की संसद में महिला MP ने दिखाई अपनी न्यूड फोटो, सरकार से कर दी ये मांग
न्यूजीलैंड की संसद में एक हैरान करने वाला वाक्या सामने आया। एक महिला सांसद ने भरी संसद में अपनी न्यूड फोटो दिखाई। दरअसल, वो इस बात की गंभीरता पर सवाल उठाती दिखी कि आज के समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई का इस्तेमाल कितना खतरनाक हो गया है। न्यूजीलैंड एसीटी पार्टी की सांसद लौरा मैकलियोज मैक्लर ने संसद में अपनी एक एआई जेनरेटेड न्यूड तस्वीर दिखाई। उनका मकसद लोगों को ये बताना था कि ऐसी फर्जी तस्वीर बनाना कितना आसान है और ये कितना खतरनाक हो सकता है। लौरा ने संसद में कहा कि उन्होंने गूगल सर्च का इस्तेमाल करते हुए मिली हुई वेबसाइट पर डीपफेक का इस्तेमाल करते हुए अपनी न्यूड तस्वीर बना ली। इसे भी पढ़ें: America का 12 देशों पर अब तक का सबसे चौंकाने वाला फैसला! क्या भारत भी इनमें शामिल?मैकक्लर ने सदन को बताया कि ये छवि मेरी तरह दिखती है। यह एआई द्वारा बनाई गई है। इसे बनाने में मुझे पाँच मिनट से भी कम समय लगा। अब कल्पना करें कि किसी और के लिए, बुरे इरादों के साथ, ऐसा करना कितना आसान है। मैकक्लर ने चेतावनी दी कि डीपफेक टूल का इस्तेमाल महिलाओं और लड़कियों को अपमानित करने, परेशान करने और उनका शोषण करने के लिए किया जा रहा है, अक्सर उनकी जानकारी या सहमति के बिना। समस्या तकनीक ही नहीं है, बल्कि यह है कि इसे लोगों के खिलाफ़ कितनी आसानी से हथियार बनाया जा रहा है। खासकर महिलाओं के खिलाफ़।इसे भी पढ़ें: अमेरिका में जब राहुल गांधी के सरेंडर वाले बयान पर पूछा गया सवाल? शशि थरूर पहले मुस्कुराए, फिर दिया तगड़ा जवाब उन्होंने कहा कि हमारे कानून बहुत पीछे हैं। सांसद ने कहा कि यह सोचना बहुत परेशान करने वाला" है कि अगर किसी व्यक्ति की नकली न्यूड तस्वीरें ऑनलाइन वायरल हो जाए तो वह कितनी असहाय महसूस कर सकता है। यह भयानक है। यह अपमानजनक है। और हमें इसे रोकना चाहिए। मैकक्लर के प्रस्तावित विधेयक में सहमति के बिना यौन रूप से स्पष्ट डीपफेक सामग्री बनाने और साझा करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया गया है, जिससे न्यूजीलैंड के डिजिटल सुरक्षा ढांचे में मौजूदा कानूनी कमियों को दूर किया जा सकेगा। यह कानून किसी व्यक्ति की अनुमति के बिना उसकी छवियों या वीडियो को यौन रूप से स्पष्ट सामग्री में बदलना एक आपराधिक अपराध बना देगा। View this post on Instagram A post shared by Laura McClure MP (@lauramcclure)

न्यूजीलैंड की संसद में एक हैरान करने वाला वाक्या सामने आया। एक महिला सांसद ने भरी संसद में अपनी न्यूड फोटो दिखाई। दरअसल, वो इस बात की गंभीरता पर सवाल उठाती दिखी कि आज के समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई का इस्तेमाल कितना खतरनाक हो गया है। न्यूजीलैंड एसीटी पार्टी की सांसद लौरा मैकलियोज मैक्लर ने संसद में अपनी एक एआई जेनरेटेड न्यूड तस्वीर दिखाई। उनका मकसद लोगों को ये बताना था कि ऐसी फर्जी तस्वीर बनाना कितना आसान है और ये कितना खतरनाक हो सकता है। लौरा ने संसद में कहा कि उन्होंने गूगल सर्च का इस्तेमाल करते हुए मिली हुई वेबसाइट पर डीपफेक का इस्तेमाल करते हुए अपनी न्यूड तस्वीर बना ली।
इसे भी पढ़ें: America का 12 देशों पर अब तक का सबसे चौंकाने वाला फैसला! क्या भारत भी इनमें शामिल?
मैकक्लर ने सदन को बताया कि ये छवि मेरी तरह दिखती है। यह एआई द्वारा बनाई गई है। इसे बनाने में मुझे पाँच मिनट से भी कम समय लगा। अब कल्पना करें कि किसी और के लिए, बुरे इरादों के साथ, ऐसा करना कितना आसान है। मैकक्लर ने चेतावनी दी कि डीपफेक टूल का इस्तेमाल महिलाओं और लड़कियों को अपमानित करने, परेशान करने और उनका शोषण करने के लिए किया जा रहा है, अक्सर उनकी जानकारी या सहमति के बिना। समस्या तकनीक ही नहीं है, बल्कि यह है कि इसे लोगों के खिलाफ़ कितनी आसानी से हथियार बनाया जा रहा है। खासकर महिलाओं के खिलाफ़।
इसे भी पढ़ें: अमेरिका में जब राहुल गांधी के सरेंडर वाले बयान पर पूछा गया सवाल? शशि थरूर पहले मुस्कुराए, फिर दिया तगड़ा जवाब
उन्होंने कहा कि हमारे कानून बहुत पीछे हैं। सांसद ने कहा कि यह सोचना बहुत परेशान करने वाला" है कि अगर किसी व्यक्ति की नकली न्यूड तस्वीरें ऑनलाइन वायरल हो जाए तो वह कितनी असहाय महसूस कर सकता है। यह भयानक है। यह अपमानजनक है। और हमें इसे रोकना चाहिए। मैकक्लर के प्रस्तावित विधेयक में सहमति के बिना यौन रूप से स्पष्ट डीपफेक सामग्री बनाने और साझा करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया गया है, जिससे न्यूजीलैंड के डिजिटल सुरक्षा ढांचे में मौजूदा कानूनी कमियों को दूर किया जा सकेगा। यह कानून किसी व्यक्ति की अनुमति के बिना उसकी छवियों या वीडियो को यौन रूप से स्पष्ट सामग्री में बदलना एक आपराधिक अपराध बना देगा।