75 लाख लगाकर कुरुक्षेत्र से अमेरिका पहुंचा:बेड़ियों में लौटा, सोनू बोला- माइनस टेंपरेचर में जंगल पार किया, आर्मी ने फायरिंग की, उसी साथ आया अनमोल-बिश्नोई

डॉलर कमा लो, जिंदगी बना लो और परिवार को राजा बना दो। इस ड्रीम को पूरा करने के लिए हरियाणा के कुरुक्षेत्र का नयन आर्य उर्फ सोनू 75 लाख रुपए खर्च करके 2 साल पहले अमेरिका गया। माइनस 2 डिग्री की ठंड में जंगल पार किया और डोंकर माफिया व आर्मी की गोलियों से बचते बॉर्डर पार किया। लेकिन​​​​ यहां करीब 6 महीने की जेल काटकर उसे बेड़ियों में जकड़ कर इंडिया डिपोर्ट कर दिया। कल रात सोनू अपने गांव बारना और घर पहुंचा। यहां उसे देखकर सही सलामत देखकर माता-पिता ने राहत की सांस ली, लेकिन उनके मन में बेटे के खाली लौटने की टीस है। अब सोनू की जुबानी सफर की कहानी सोनू ने बातचीत में बताया कि वो साल 2023 में अमेरिका जाने के लिए घर से निकला था। एजेंट ने उसे सीधा अमेरिका भेजने का भरोसा दिया, लेकिन एजेंट ने उसे धोखा देते हुए स्पेन में उतार दिया। यहां से उनको पैदल ही जंगल का रास्ता पार करना था। बंदूक लिए डोंकर रखते थे नजर यहां सर्बिया जंगल में डोंकर उनको खंडहर में रखते थे। उनके पास पासपोर्ट, फोन और डॉलर पहले ही छीन लिए गए। यहां माइनस 2 डिग्री में रहना पड़ा। इस ठंड में उनके कपड़े गीले ही रहते थे। रात को ठंड और बढ़ जाती थी। एक-दूसरे से बात करने पर मारा-पीटा जाता था। बंदूक लिए डोंकर उन पर नजर रखते थे। 5 दिन में मिलती थी रूखी-सुखी ब्रेड उनको सिर्फ जिंदा रखने के लिए थोड़ा-बहुत खाना दिया था। 5 दिन में एक बार उनको खाना मिलता था। खाने में रूखी-सुखी ब्रेड होती थी। ठंड से बचने के लिए भी कोई सहारा नहीं था। यहां तक कि डोंकर उनको आग भी नहीं जलाने देते थे। डोंकर इशारे से बताते थे आग का धुआं उनको पकड़वा देगा। माफिया के बीच चलती थी गोलियां यहां डोंकर के बीच आपस में फायरिंग होती थी, क्योंकि वे एक-दूसरे से अमेरिका जा रहे लोगों को अपने पास बंधक बना लेते थे। ताकि उनके घरवालों को डरा-धमकाकर पैसे ऐंठ सके। इसमें उनको गोलियां लगने का खतरा होता था। अगर किसी दूसरे डोंकर ने बंधक बना लिया तो पैसा देकर ही छूटते थे। आर्मी भी करती थी फारिंग करीब एक महीने के बाद उन्होंने जंगल को पार किया। जिस दिन उन्होंने सर्बिया का जंगली बॉर्डर पार किया तो आर्मी ने उन पर फायरिंग कर दी। एक तरफ से वे बॉर्डर पार कर रहे थे तो दूसरी तरफ से गोलाबारी हो रही थी। जबाव में डोंकर ने भी आर्मी के लोगों पर फायरिंग की। बस किसी तरह बच-बचाकर बॉर्डर पार किया। आर्मेनिया में पुलिस ने पीटा जंगल पार करके आर्मेनिया पहुंचे तो यहां पुलिस ने उनको पकड़ लिया। 2-3 दिन उनको मारा-पीटा गया। उसके बाद पैसे लेकर पुलिस ने उनको कार्ड बनाकर छोड़ दिया। यहां से फिर पैदल उन्होंने अमेरिका की दीवार को पार किया। दीवार पार करते हुए उसके हाथ छील गए। पूरे एक साल बाद उनके पांव अमेरिका की जमीन पर थे। केस डाला और 3 वकील किए यहां उनको पुलिस ने पकड़ लिया और कैंप में डाल दिया। तब उसने किसी की मदद से वकील किए और केस डाल दिया। वकील हर तारीख पर पैसे मांगता था। हालांकि वकील ने उसे कैंप से निकलवा जरूर दिया। यहां उसने जिनेवा शहर में 2-3 महीने काम भी किया। तारीख कैंसिल हुई तो जेल में डाल दिया करीब 6 महीने पहले उसके केस की तारीख कैंसिल हो गई। उसके बाद बाद वायलेंस का केस डालकर उसे जेल में डाल दिया। इस दौरान उसे जेल में ही रखा गया। 18 नवंबर को उनको जेल से इंडिया से डिपोर्ट कर दिया। 20 तारीख को उनको दिल्ली उतारा। बेड़ियां डालकर लाए अमेरिका से उनके हाथ-पांव में बेड़ियां डालकर बैठा दिया गया। 2 दिन तक उनको इसी तरफ से रखा गया। यहां तक बाथरूम जाने के लिए बेड़ियां नहीं खोलते थे। खाने में सिर्फ ब्रेड दी गई। प्लेन में कोई किसी के साथ बात नहीं कर सकता था। बेड़ियों में हाथ भी ऊपर नहीं उठता था। अनमोल बिश्नोई को दिल्ली आते ही पकड़ा उनके साथ लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल को भी लाया। दिल्ली आते ही उसे NIA ने पकड़ लिया। हालांकि दिल्ली में भी उनकी जांच की गई। उनसे नाम, पता और मां-बाप के नाम पूछे गए। दिल्ली से कुरुक्षेत्र आए तो यहां भी पूछताछ की गई। कल रात वो अपने घर पहुंचा। घर में माता-पिता और बहन सोनू के घर में उसके माता, पिता और बहन हैं। पिता सत्यवान ने बताया कि उनके साथ एजेंट ने धोखा किया है। जमीन बेचकर बेटे को अमेरिका भेजा था। बेटा सही-सलामत आ गया, लेकिन उनका मन दुखी है। आरोपी एजेंट के खिलाफ शिकायत दे रखी है। आरोपी से उनके पैसे वापस दिलाए जाए। 75 लाख रुपए खर्च हुए कैथल के नोच गांव के एजेंट राजीव ने उससे 31 लाख रुपए लिए थे। उसने उसे सीधा अमेरिका भेजने का वादा किया था। वो करीब 2 एकड़ जमीन बेचकर अमेरिका पहुंचा था। उसके करीब 75 लाख रुपए खर्च हुए। एजेंट ने उसे धोखा दिया।

Nov 23, 2025 - 12:08
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75 लाख लगाकर कुरुक्षेत्र से अमेरिका पहुंचा:बेड़ियों में लौटा, सोनू बोला- माइनस टेंपरेचर में जंगल पार किया, आर्मी ने फायरिंग की, उसी साथ आया अनमोल-बिश्नोई
डॉलर कमा लो, जिंदगी बना लो और परिवार को राजा बना दो। इस ड्रीम को पूरा करने के लिए हरियाणा के कुरुक्षेत्र का नयन आर्य उर्फ सोनू 75 लाख रुपए खर्च करके 2 साल पहले अमेरिका गया। माइनस 2 डिग्री की ठंड में जंगल पार किया और डोंकर माफिया व आर्मी की गोलियों से बचते बॉर्डर पार किया। लेकिन​​​​ यहां करीब 6 महीने की जेल काटकर उसे बेड़ियों में जकड़ कर इंडिया डिपोर्ट कर दिया। कल रात सोनू अपने गांव बारना और घर पहुंचा। यहां उसे देखकर सही सलामत देखकर माता-पिता ने राहत की सांस ली, लेकिन उनके मन में बेटे के खाली लौटने की टीस है। अब सोनू की जुबानी सफर की कहानी सोनू ने बातचीत में बताया कि वो साल 2023 में अमेरिका जाने के लिए घर से निकला था। एजेंट ने उसे सीधा अमेरिका भेजने का भरोसा दिया, लेकिन एजेंट ने उसे धोखा देते हुए स्पेन में उतार दिया। यहां से उनको पैदल ही जंगल का रास्ता पार करना था। बंदूक लिए डोंकर रखते थे नजर यहां सर्बिया जंगल में डोंकर उनको खंडहर में रखते थे। उनके पास पासपोर्ट, फोन और डॉलर पहले ही छीन लिए गए। यहां माइनस 2 डिग्री में रहना पड़ा। इस ठंड में उनके कपड़े गीले ही रहते थे। रात को ठंड और बढ़ जाती थी। एक-दूसरे से बात करने पर मारा-पीटा जाता था। बंदूक लिए डोंकर उन पर नजर रखते थे। 5 दिन में मिलती थी रूखी-सुखी ब्रेड उनको सिर्फ जिंदा रखने के लिए थोड़ा-बहुत खाना दिया था। 5 दिन में एक बार उनको खाना मिलता था। खाने में रूखी-सुखी ब्रेड होती थी। ठंड से बचने के लिए भी कोई सहारा नहीं था। यहां तक कि डोंकर उनको आग भी नहीं जलाने देते थे। डोंकर इशारे से बताते थे आग का धुआं उनको पकड़वा देगा। माफिया के बीच चलती थी गोलियां यहां डोंकर के बीच आपस में फायरिंग होती थी, क्योंकि वे एक-दूसरे से अमेरिका जा रहे लोगों को अपने पास बंधक बना लेते थे। ताकि उनके घरवालों को डरा-धमकाकर पैसे ऐंठ सके। इसमें उनको गोलियां लगने का खतरा होता था। अगर किसी दूसरे डोंकर ने बंधक बना लिया तो पैसा देकर ही छूटते थे। आर्मी भी करती थी फारिंग करीब एक महीने के बाद उन्होंने जंगल को पार किया। जिस दिन उन्होंने सर्बिया का जंगली बॉर्डर पार किया तो आर्मी ने उन पर फायरिंग कर दी। एक तरफ से वे बॉर्डर पार कर रहे थे तो दूसरी तरफ से गोलाबारी हो रही थी। जबाव में डोंकर ने भी आर्मी के लोगों पर फायरिंग की। बस किसी तरह बच-बचाकर बॉर्डर पार किया। आर्मेनिया में पुलिस ने पीटा जंगल पार करके आर्मेनिया पहुंचे तो यहां पुलिस ने उनको पकड़ लिया। 2-3 दिन उनको मारा-पीटा गया। उसके बाद पैसे लेकर पुलिस ने उनको कार्ड बनाकर छोड़ दिया। यहां से फिर पैदल उन्होंने अमेरिका की दीवार को पार किया। दीवार पार करते हुए उसके हाथ छील गए। पूरे एक साल बाद उनके पांव अमेरिका की जमीन पर थे। केस डाला और 3 वकील किए यहां उनको पुलिस ने पकड़ लिया और कैंप में डाल दिया। तब उसने किसी की मदद से वकील किए और केस डाल दिया। वकील हर तारीख पर पैसे मांगता था। हालांकि वकील ने उसे कैंप से निकलवा जरूर दिया। यहां उसने जिनेवा शहर में 2-3 महीने काम भी किया। तारीख कैंसिल हुई तो जेल में डाल दिया करीब 6 महीने पहले उसके केस की तारीख कैंसिल हो गई। उसके बाद बाद वायलेंस का केस डालकर उसे जेल में डाल दिया। इस दौरान उसे जेल में ही रखा गया। 18 नवंबर को उनको जेल से इंडिया से डिपोर्ट कर दिया। 20 तारीख को उनको दिल्ली उतारा। बेड़ियां डालकर लाए अमेरिका से उनके हाथ-पांव में बेड़ियां डालकर बैठा दिया गया। 2 दिन तक उनको इसी तरफ से रखा गया। यहां तक बाथरूम जाने के लिए बेड़ियां नहीं खोलते थे। खाने में सिर्फ ब्रेड दी गई। प्लेन में कोई किसी के साथ बात नहीं कर सकता था। बेड़ियों में हाथ भी ऊपर नहीं उठता था। अनमोल बिश्नोई को दिल्ली आते ही पकड़ा उनके साथ लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल को भी लाया। दिल्ली आते ही उसे NIA ने पकड़ लिया। हालांकि दिल्ली में भी उनकी जांच की गई। उनसे नाम, पता और मां-बाप के नाम पूछे गए। दिल्ली से कुरुक्षेत्र आए तो यहां भी पूछताछ की गई। कल रात वो अपने घर पहुंचा। घर में माता-पिता और बहन सोनू के घर में उसके माता, पिता और बहन हैं। पिता सत्यवान ने बताया कि उनके साथ एजेंट ने धोखा किया है। जमीन बेचकर बेटे को अमेरिका भेजा था। बेटा सही-सलामत आ गया, लेकिन उनका मन दुखी है। आरोपी एजेंट के खिलाफ शिकायत दे रखी है। आरोपी से उनके पैसे वापस दिलाए जाए। 75 लाख रुपए खर्च हुए कैथल के नोच गांव के एजेंट राजीव ने उससे 31 लाख रुपए लिए थे। उसने उसे सीधा अमेरिका भेजने का वादा किया था। वो करीब 2 एकड़ जमीन बेचकर अमेरिका पहुंचा था। उसके करीब 75 लाख रुपए खर्च हुए। एजेंट ने उसे धोखा दिया।