गाड़ी नहीं लौटाने पर जोधपुर पुलिस को हाईकोर्ट की फटकार:आदेश की अनदेखी पर डीसीपी को होना पड़ा पेश, गाड़ी हैंडओवर का निर्देश

राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर बेंच ने पुलिस की लापरवाही पर सोमवार को सख्त रुख अपनाते हुए जोधपुर पुलिस को फटकार लगाई। इससे पहले कोर्ट ने डीसीपी (पश्चिम) विनीत बंसल को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया था। जस्टिस योगेंद्र कुमार पुरोहित की एकल पीठ ने पुलिस के रवैये पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट के समक्ष ही याचिकाकर्ता संपत पूनिया को उनकी फॉर्च्यूनर गाड़ी हैंडओवर ऑर्डर सौंपने का निर्देश दिया।​ याचिकाकर्ता संपत पूनिया के वकील मोतीसिंह ने पिटीशन दायर कर बताया कि हाईकोर्ट की समकक्ष पीठ द्वारा 29 जुलाई 2025 को आदेश जारी किया गया था। इस आदेश में डीसीपी पश्चिम और थाना प्रभारी सरदारपुरा को आवेदन पत्र प्रस्तुत करने पर निस्तारण के निर्देश दिए गए थे।​ याचिकाकर्ता ने कोर्ट के आदेश के अनुसार 21 अगस्त को पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) को आवेदन दिया था, परंतु इस आदेश की पालना अभी तक नहीं की गई है। वकील ने कोर्ट को बताया कि वाहन आज भी थाने में खड़ा है और वाहन में तोड़फोड़ की जा रही है, जो बिना किसी आधार के वाहन को जब्त कर रखा गया है।​ डीसीपी और एसएचओ कोर्ट में पेश सोमवार को डीसीपी पश्चिम विनीत बंसल और सरदारपुरा थाने के एसएचओ जयकिशन कोर्ट में उपस्थित हुए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि 15 नवंबर को वाहन को रिलीज करने के बारे में आदेश जारी कर दिया गया है। याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि आज दिन तक वाहन उनके पास पुलिस द्वारा सुपुर्द नहीं किया गया है। यह सुनकर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया और तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।​ उस आदेश की प्रति याचिकाकर्ता के वकील को दिलाई।​ जस्टिस योगेंद्र कुमार पुरोहित ने अपने आदेश में कहा कि पुलिस अधिकारियों को हिदायत दी जाती है कि वे याची को थाने में रखी गाड़ी हैंडओवर करें। करीब दो साल पुराने केस का बहाना जोधपुर के शोभावतों की ढाणी निवासी प्रेम कुमार ने चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाने में FIR संख्या 38/24 दर्ज कराई थी। इसमें आरोप लगाया गया कि कैलाश पंचारिया, संपत पूनिया और अन्य 7-8 लोगों ने 16 जनवरी 2024 को उनके खेत पर जेसीबी मशीन से जबरदस्ती अवैध कब्जा कर लिया था।​ उस शिकायतकर्ता के अनुसार, 25 जनवरी 2024 की देर रात दो गाड़ियों में आकर उनके भाई, मां और पत्नी के साथ गाली-गलौज व मारपीट की गई। फॉर्च्यूनर से कुचलने की कोशिश की गई और पत्थरबाजी की गई। इस पर एससी/एसटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया था।​ सरदारपुरा थाने के थानाधिकारी की ओर से कोर्ट में पेश तथ्यात्मक रिपोर्ट के अनुसार, चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाने में दर्ज उस एफआईआर की जांच चल रही है। यह जांच सहायक पुलिस आयुक्त (प्रतापनगर) कर रहे हैं। गाड़ी के मालिक संपत राज पूनिया और उनकी गाड़ी उस मामले में वांछित बताई गई थी।​ उसी मामले में हाईकोर्ट ने संपत राज पूनिया की गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है। पुलिस की रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि गाड़ी को सबूत के तौर पर जब्त करना अभी बाकी था, इसलिए पुलिस ने गाड़ी को जब्त नहीं किया और थाने में खड़ा रखा था।​ पहले भी कोर्ट ने दिए थे निर्देश पुलिस ने अप्रैल 2024 में फॉर्च्यूनर को पकड़ा था और तब से वह सरदारपुरा थाने में खड़ी थी। याचिकाकर्ता का आरोप था कि थाने में खड़ी गाड़ी की तोड़फोड़ हो रही है और पुलिस न तो वाहन की जब्ती दिखा रही है और न ही वापस दे रही है।​ 12 नवंबर को भी हाईकोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई की थी, जब जस्टिस पुरोहित ने सरकारी वकील को साफ निर्देश दिया था कि अगली सुनवाई में डीसीपी को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रखें, ताकि उचित फैसला लिया जा सके।​ कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस पुरोहित ने पुलिस के रवैये पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ‘...गलत बात है, हाईकोर्ट के ऑर्डर के बावजूद भी दोबारा हाईकोर्ट...मतलब ही क्या है? बार बार नोटिस देने के बावजूद...ये मिस्टेक सिपाही करे, तो समझ आता है, सीनियर ऑफिसर करे, बिल्कुल सही बात नहीं है... गाड़ी जब्त करनी या नहीं करने, आपको करना है, कर लेते, किसने रोका?’ ये खबर भी पढ़ें बिना जब्त किए थाने में खड़ी की फॉर्च्यूनर:डीसीपी हाईकोर्ट में तलब, याचिकाकर्ता बोला- तोड़फोड़ की राजस्थान हाईकोर्ट ने बिना जब्त किए पकड़ी गाड़ी वापस नहीं करने के मामले में पुलिस की लापरवाही पर सख्त नाराजगी जताई है। हाईकोर्ट की जोधपुर बेंच के जस्टिस योगेंद्र कुमार पुरोहित ने जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट के उपायुक्त (पश्चिम) को 17 नवंबर को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है। (पूरी खबर पढ़ें)

Nov 17, 2025 - 21:09
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गाड़ी नहीं लौटाने पर जोधपुर पुलिस को हाईकोर्ट की फटकार:आदेश की अनदेखी पर डीसीपी को होना पड़ा पेश, गाड़ी हैंडओवर का निर्देश
राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर बेंच ने पुलिस की लापरवाही पर सोमवार को सख्त रुख अपनाते हुए जोधपुर पुलिस को फटकार लगाई। इससे पहले कोर्ट ने डीसीपी (पश्चिम) विनीत बंसल को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया था। जस्टिस योगेंद्र कुमार पुरोहित की एकल पीठ ने पुलिस के रवैये पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट के समक्ष ही याचिकाकर्ता संपत पूनिया को उनकी फॉर्च्यूनर गाड़ी हैंडओवर ऑर्डर सौंपने का निर्देश दिया।​ याचिकाकर्ता संपत पूनिया के वकील मोतीसिंह ने पिटीशन दायर कर बताया कि हाईकोर्ट की समकक्ष पीठ द्वारा 29 जुलाई 2025 को आदेश जारी किया गया था। इस आदेश में डीसीपी पश्चिम और थाना प्रभारी सरदारपुरा को आवेदन पत्र प्रस्तुत करने पर निस्तारण के निर्देश दिए गए थे।​ याचिकाकर्ता ने कोर्ट के आदेश के अनुसार 21 अगस्त को पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) को आवेदन दिया था, परंतु इस आदेश की पालना अभी तक नहीं की गई है। वकील ने कोर्ट को बताया कि वाहन आज भी थाने में खड़ा है और वाहन में तोड़फोड़ की जा रही है, जो बिना किसी आधार के वाहन को जब्त कर रखा गया है।​ डीसीपी और एसएचओ कोर्ट में पेश सोमवार को डीसीपी पश्चिम विनीत बंसल और सरदारपुरा थाने के एसएचओ जयकिशन कोर्ट में उपस्थित हुए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि 15 नवंबर को वाहन को रिलीज करने के बारे में आदेश जारी कर दिया गया है। याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि आज दिन तक वाहन उनके पास पुलिस द्वारा सुपुर्द नहीं किया गया है। यह सुनकर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया और तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।​ उस आदेश की प्रति याचिकाकर्ता के वकील को दिलाई।​ जस्टिस योगेंद्र कुमार पुरोहित ने अपने आदेश में कहा कि पुलिस अधिकारियों को हिदायत दी जाती है कि वे याची को थाने में रखी गाड़ी हैंडओवर करें। करीब दो साल पुराने केस का बहाना जोधपुर के शोभावतों की ढाणी निवासी प्रेम कुमार ने चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाने में FIR संख्या 38/24 दर्ज कराई थी। इसमें आरोप लगाया गया कि कैलाश पंचारिया, संपत पूनिया और अन्य 7-8 लोगों ने 16 जनवरी 2024 को उनके खेत पर जेसीबी मशीन से जबरदस्ती अवैध कब्जा कर लिया था।​ उस शिकायतकर्ता के अनुसार, 25 जनवरी 2024 की देर रात दो गाड़ियों में आकर उनके भाई, मां और पत्नी के साथ गाली-गलौज व मारपीट की गई। फॉर्च्यूनर से कुचलने की कोशिश की गई और पत्थरबाजी की गई। इस पर एससी/एसटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया था।​ सरदारपुरा थाने के थानाधिकारी की ओर से कोर्ट में पेश तथ्यात्मक रिपोर्ट के अनुसार, चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाने में दर्ज उस एफआईआर की जांच चल रही है। यह जांच सहायक पुलिस आयुक्त (प्रतापनगर) कर रहे हैं। गाड़ी के मालिक संपत राज पूनिया और उनकी गाड़ी उस मामले में वांछित बताई गई थी।​ उसी मामले में हाईकोर्ट ने संपत राज पूनिया की गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है। पुलिस की रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि गाड़ी को सबूत के तौर पर जब्त करना अभी बाकी था, इसलिए पुलिस ने गाड़ी को जब्त नहीं किया और थाने में खड़ा रखा था।​ पहले भी कोर्ट ने दिए थे निर्देश पुलिस ने अप्रैल 2024 में फॉर्च्यूनर को पकड़ा था और तब से वह सरदारपुरा थाने में खड़ी थी। याचिकाकर्ता का आरोप था कि थाने में खड़ी गाड़ी की तोड़फोड़ हो रही है और पुलिस न तो वाहन की जब्ती दिखा रही है और न ही वापस दे रही है।​ 12 नवंबर को भी हाईकोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई की थी, जब जस्टिस पुरोहित ने सरकारी वकील को साफ निर्देश दिया था कि अगली सुनवाई में डीसीपी को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रखें, ताकि उचित फैसला लिया जा सके।​ कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस पुरोहित ने पुलिस के रवैये पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ‘...गलत बात है, हाईकोर्ट के ऑर्डर के बावजूद भी दोबारा हाईकोर्ट...मतलब ही क्या है? बार बार नोटिस देने के बावजूद...ये मिस्टेक सिपाही करे, तो समझ आता है, सीनियर ऑफिसर करे, बिल्कुल सही बात नहीं है... गाड़ी जब्त करनी या नहीं करने, आपको करना है, कर लेते, किसने रोका?’ ये खबर भी पढ़ें बिना जब्त किए थाने में खड़ी की फॉर्च्यूनर:डीसीपी हाईकोर्ट में तलब, याचिकाकर्ता बोला- तोड़फोड़ की राजस्थान हाईकोर्ट ने बिना जब्त किए पकड़ी गाड़ी वापस नहीं करने के मामले में पुलिस की लापरवाही पर सख्त नाराजगी जताई है। हाईकोर्ट की जोधपुर बेंच के जस्टिस योगेंद्र कुमार पुरोहित ने जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट के उपायुक्त (पश्चिम) को 17 नवंबर को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है। (पूरी खबर पढ़ें)