किसान महापंचायत का जयपुर में धरना:सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप, अन्नदाता हुंकार रैली 30 दिसंबर को
किसान महापंचायत ने सोमवार को जयपुर के शहीद स्मारक पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। यह धरना 'खेत को पानी', 'फसल को दाम' और 'युवाओं को काम' जैसी मांगों पर सरकार द्वारा कार्रवाई न करने के विरोध में आयोजित किया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के नेतृत्व में यह प्रदर्शन सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक चला। इसमें राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष मुसद्दीलाल यादव, उपाध्यक्ष छीतर लाल गुर्जर, गोपीराम डबास, महामंत्री सुंदरलाल भावरिया एवं जगदीश नारायण खुडियाला, संगठन मंत्री गोरधन तेतरवाल, प्रदेश मंत्री भल्लाराम चौधरी, मनजिंदर सिंह अटवाल, महेश जाखड़, जगदीश जांगिड़, प्रदेश मीडिया प्रभारी सुरेश बिजारणिया, युवा प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर चौधरी, प्रदेश कार्य समिति के वरिष्ठ सदस्य हरलाल क्रांतिकारी, रणजीत रिणवा और सोशल एक्टिविस्ट गौरीशंकर मालू सहित जयपुर जिले के कई गांवों के किसानों ने भाग लिया। आज की बैठक में 3 अक्टूबर की वार्ता के कारण स्थगित की गई 6 अक्टूबर की "अन्नदाता हुंकार रैली" को अब 30 दिसंबर 2025 को आयोजित करने का निर्णय लिया गया। इसके अतिरिक्त, 'कोटपूतली-किशनगढ़ ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे' सहित अन्य आठ एक्सप्रेसवे को वापस लेने का प्रस्ताव भी लिया गया और इसके विरोध के लिए रणनीति तैयार की गई।
किसान महापंचायत ने सोमवार को जयपुर के शहीद स्मारक पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। यह धरना 'खेत को पानी', 'फसल को दाम' और 'युवाओं को काम' जैसी मांगों पर सरकार द्वारा कार्रवाई न करने के विरोध में आयोजित किया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के नेतृत्व में यह प्रदर्शन सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक चला। इसमें राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष मुसद्दीलाल यादव, उपाध्यक्ष छीतर लाल गुर्जर, गोपीराम डबास, महामंत्री सुंदरलाल भावरिया एवं जगदीश नारायण खुडियाला, संगठन मंत्री गोरधन तेतरवाल, प्रदेश मंत्री भल्लाराम चौधरी, मनजिंदर सिंह अटवाल, महेश जाखड़, जगदीश जांगिड़, प्रदेश मीडिया प्रभारी सुरेश बिजारणिया, युवा प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर चौधरी, प्रदेश कार्य समिति के वरिष्ठ सदस्य हरलाल क्रांतिकारी, रणजीत रिणवा और सोशल एक्टिविस्ट गौरीशंकर मालू सहित जयपुर जिले के कई गांवों के किसानों ने भाग लिया। आज की बैठक में 3 अक्टूबर की वार्ता के कारण स्थगित की गई 6 अक्टूबर की "अन्नदाता हुंकार रैली" को अब 30 दिसंबर 2025 को आयोजित करने का निर्णय लिया गया। इसके अतिरिक्त, 'कोटपूतली-किशनगढ़ ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे' सहित अन्य आठ एक्सप्रेसवे को वापस लेने का प्रस्ताव भी लिया गया और इसके विरोध के लिए रणनीति तैयार की गई।