सोनीपत में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का दौरा:प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर सख्त; जहां स्कलों में किताबें-ड्रैस बिक रही, वहां नहीं हुआ निरीक्षण
हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सोनीपत जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2025-26 से एनसीईआरटी की पुस्तकें अनिवार्य रूप से लागू करने के सख्त निर्देश जारी किए हैं। आयोग ने निजी स्कूलों को बच्चों पर अतिरिक्त शैक्षणिक बोझ डालने और अनावश्यक रूप से अन्य पुस्तकों का प्रयोग करने से भी मना किया है। इसके साथ ही, छात्रों से फॉर्म-6 में निर्धारित फीस के अतिरिक्त किसी भी प्रकार की अतिरिक्त फीस वसूली पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। आयोग के सदस्य डॉ. मांगेराम और श्रीमती मीना कुमारी ने शुक्रवार को जिला शिक्षा अधिकारी, जिला बाल संरक्षण अधिकारी और सभी खंड शिक्षा अधिकारियों के साथ बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने ब्लॉक स्तर के अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों के स्कूलों का नियमित निरीक्षण करने और इस संबंध में समय पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के भी आदेश दिए। बता दें कि, नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो चुका है और लगभग 80% स्कूलों में दाखिले के साथ-साथ किताबें और फीस जमा करने की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। ऐसे में, सत्र शुरू होने के बाद आयोग द्वारा यह संज्ञान जिला प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े करता है, जिसने समय रहते इन महत्वपूर्ण निर्देशों को लागू करवाने में सक्रियता नहीं दिखाई। बैठक के बाद, आयोग के सदस्यों ने होली चाइल्ड सीनियर सेकेंडरी स्कूल और जानकीदास कपूर पब्लिक स्कूल का निरीक्षण किया। इस दौरान स्कूल प्रबंधनों को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया कि वे केवल एनसीईआरटी की पुस्तकों का ही प्रयोग करें और विद्यार्थियों की स्कूल यूनिफॉर्म को बार-बार न बदलें। आयोग के सदस्यों ने नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। जहां स्कूलों में किताब बिक रही, वहां पर नहीं हुआ निरीक्षण सोनीपत में भले ही आयोग के सदस्यों द्वारा आज निरीक्षण किया गया हो। लेकिन यह निरीक्षण उन स्कूलों में किया गया। जहां पर किताबें किसी दूसरी जगह पर बिक रही थी। वास्तविकता यह भी है कि सोनीपत में उन प्रतिष्ठित स्कूलों पर आयोग का कोई सदस्य नहीं पहुंचा। जहां पर शहर के आधा दर्जन से ज्यादा स्कूलों में शिक्षा निदेशालय के नियमों की अवहेलना हो रही है। मनमाने रेट पर पुस्तक और ड्रेस बिक रही हैं। आयोग के सदस्यों को जिला प्रशासन द्वारा गुमराह करके कुछ सीमित स्कूलों का निरीक्षण कराकर औपचारिकता पूरी करवा ली गई। देखना होगा कि जिला प्रशासन ने प्राइवेट स्कूलों पर कितनी कार्रवाई अमल में लाता है या फिर औपचारिकता के नाम पर कागजों तक के कार्रवाई सीमित हो जाएगी।
हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सोनीपत जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2025-26 से एनसीईआरटी की पुस्तकें अनिवार्य रूप से लागू करने के सख्त निर्देश जारी किए हैं। आयोग ने निजी स्कूलों को बच्चों पर अतिरिक्त शैक्षणिक बोझ डालने और अनावश्यक रूप से अन्य पुस्तकों का प्रयोग करने से भी मना किया है। इसके साथ ही, छात्रों से फॉर्म-6 में निर्धारित फीस के अतिरिक्त किसी भी प्रकार की अतिरिक्त फीस वसूली पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। आयोग के सदस्य डॉ. मांगेराम और श्रीमती मीना कुमारी ने शुक्रवार को जिला शिक्षा अधिकारी, जिला बाल संरक्षण अधिकारी और सभी खंड शिक्षा अधिकारियों के साथ बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने ब्लॉक स्तर के अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों के स्कूलों का नियमित निरीक्षण करने और इस संबंध में समय पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के भी आदेश दिए। बता दें कि, नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो चुका है और लगभग 80% स्कूलों में दाखिले के साथ-साथ किताबें और फीस जमा करने की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। ऐसे में, सत्र शुरू होने के बाद आयोग द्वारा यह संज्ञान जिला प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े करता है, जिसने समय रहते इन महत्वपूर्ण निर्देशों को लागू करवाने में सक्रियता नहीं दिखाई। बैठक के बाद, आयोग के सदस्यों ने होली चाइल्ड सीनियर सेकेंडरी स्कूल और जानकीदास कपूर पब्लिक स्कूल का निरीक्षण किया। इस दौरान स्कूल प्रबंधनों को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया कि वे केवल एनसीईआरटी की पुस्तकों का ही प्रयोग करें और विद्यार्थियों की स्कूल यूनिफॉर्म को बार-बार न बदलें। आयोग के सदस्यों ने नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। जहां स्कूलों में किताब बिक रही, वहां पर नहीं हुआ निरीक्षण सोनीपत में भले ही आयोग के सदस्यों द्वारा आज निरीक्षण किया गया हो। लेकिन यह निरीक्षण उन स्कूलों में किया गया। जहां पर किताबें किसी दूसरी जगह पर बिक रही थी। वास्तविकता यह भी है कि सोनीपत में उन प्रतिष्ठित स्कूलों पर आयोग का कोई सदस्य नहीं पहुंचा। जहां पर शहर के आधा दर्जन से ज्यादा स्कूलों में शिक्षा निदेशालय के नियमों की अवहेलना हो रही है। मनमाने रेट पर पुस्तक और ड्रेस बिक रही हैं। आयोग के सदस्यों को जिला प्रशासन द्वारा गुमराह करके कुछ सीमित स्कूलों का निरीक्षण कराकर औपचारिकता पूरी करवा ली गई। देखना होगा कि जिला प्रशासन ने प्राइवेट स्कूलों पर कितनी कार्रवाई अमल में लाता है या फिर औपचारिकता के नाम पर कागजों तक के कार्रवाई सीमित हो जाएगी।