सेबी ने 20 करोड़ रुपये से अधिक के बॉन्ड निर्गम के निजी नियोजन को ई-बुक व्यवस्था को अनिवार्य किया
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 20 करोड़ रुपये या उससे अधिक केबॉन्ड निर्गम के निजी नियोजन के लिए इलेक्ट्रानिक बुक व्यवस्था को अनिवार्य कर दिया है। इसके साथ ही नियामक ने मंच का दायरा बढ़ाकर इसमें रीट और इनविट को भी शामिल कर दिया है। एक कार्यसमूह की सिफारिशों और सार्वजनिक प्रतिक्रिया के आधार पर उठाए गए इस कदम से इलेक्ट्रॉनिक बुक प्रदाता (ईबीपी) मंच की दक्षता बढ़ाने में मदद मिलेगी। सेबी के परिपत्र के अनुसार, नए ढांचे के तहत, ईबीपी मंच का उपयोग अब 20 करोड़ रुपये या अधिक के निर्गम आकार की ऋण या बॉन्ड प्रतिभूतियों, गैर-परिवर्तनीय विमोच्य तरजीही शेयरों (एनसीआरपीएस) और म्यूनिसिपल बॉन्ड के निजी नियोजन के लिए अनिवार्य होगा। अभी तक 50 करोड़ रुपये या इससे अधिक के निर्गम आकार वाली बॉन्ड प्रतिभूतियों के सभी निजी नियोजन के लिए यह तंत्र अनिवार्य था। सेबी ने ईबीपी मंच पर उत्पादों का विस्तार करते हुए इसमें इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट) और रियल एस्टेट इन्फ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट (आरईआईटी) को शामिल किया है। इससे पहले इसको लेकर कोई विशिष्ट नियामकीय प्रावधान नहीं था।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 20 करोड़ रुपये या उससे अधिक केबॉन्ड निर्गम के निजी नियोजन के लिए इलेक्ट्रानिक बुक व्यवस्था को अनिवार्य कर दिया है। इसके साथ ही नियामक ने मंच का दायरा बढ़ाकर इसमें रीट और इनविट को भी शामिल कर दिया है।
एक कार्यसमूह की सिफारिशों और सार्वजनिक प्रतिक्रिया के आधार पर उठाए गए इस कदम से इलेक्ट्रॉनिक बुक प्रदाता (ईबीपी) मंच की दक्षता बढ़ाने में मदद मिलेगी। सेबी के परिपत्र के अनुसार, नए ढांचे के तहत, ईबीपी मंच का उपयोग अब 20 करोड़ रुपये या अधिक के निर्गम आकार की ऋण या बॉन्ड प्रतिभूतियों, गैर-परिवर्तनीय विमोच्य तरजीही शेयरों (एनसीआरपीएस) और म्यूनिसिपल बॉन्ड के निजी नियोजन के लिए अनिवार्य होगा। अभी तक 50 करोड़ रुपये या इससे अधिक के निर्गम आकार वाली बॉन्ड प्रतिभूतियों के सभी निजी नियोजन के लिए यह तंत्र अनिवार्य था।
सेबी ने ईबीपी मंच पर उत्पादों का विस्तार करते हुए इसमें इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट) और रियल एस्टेट इन्फ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट (आरईआईटी) को शामिल किया है। इससे पहले इसको लेकर कोई विशिष्ट नियामकीय प्रावधान नहीं था।