सुपौल में पंचायत सरकार भवन निर्माण में अनियमितता:16 की जगह 12 एमएम के सरिया का उपयोग, ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन
सुपौल के किशनपुर प्रखंड के मेहासिमर पंचायत स्थित मधुरा गांव में बन रहे पंचायत सरकार भवन के निर्माण कार्य में अनियमितता का आरोप लगाते हुए स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कार्यस्थल पर हंगामा करते हुए बीडीओ को लिखित शिकायत सौंपी, जिसमें घटिया निर्माण सामग्री के उपयोग और मानकों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। गुणवत्ता में गड़बड़ी के आरोप ग्रामीणों का कहना है कि भवन निर्माण में 16 एमएम के सरिया की जगह 12 एमएम का सरिया लगाया गया, जो स्वीकृत प्राक्कलन के अनुसार नहीं है। जब स्थानीय लोगों ने इस पर आपत्ति जताई और निर्माण कार्य को रुकवा दिया, तो अभियंता के निरीक्षण के बाद 12 एमएम के सरिया को हटाकर 16 एमएम का सरिया लगाया गया। इसके अलावा, जहां 12 इंच की ढलाई होनी चाहिए थी, वहां केवल 9 से 10 इंच की ढलाई की गई, जिससे भवन की मजबूती पर असर पड़ सकता है। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि बाहरी मिट्टी के बजाय, पास की जमीन से ही मिट्टी काटकर निर्माण कार्य किया जा रहा है, जिससे भवन की स्थायित्व पर प्रश्नचिह्न लग गया है। ग्रामीणों की मांग – हो निष्पक्ष जांच शिकायत दर्ज कराने वालों में प्रो. श्याम यादव, दुखिलाल यादव, सतीश यादव, झमेली यादव, सुखराम यादव, रामनंदन यादव सहित कई अन्य ग्रामीण शामिल हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि निर्माण कार्य की गहन जांच कराई जाए और दोषियों पर कार्रवाई हो। निर्माण कार्य की देखरेख कर रहे मुंशी की सफाई पंचायत सरकार भवन के निर्माण कार्य की देखरेख कर रहे मुंशी चंदन कुमार ने सफाई देते हुए कहा कि निर्माण कार्य पूरी तरह से स्वीकृत एस्टीमेट के अनुसार हो रहा है। उन्होंने स्वीकार किया कि गलती से 12 एमएम का सरिया लगाया गया था, जिसे बाद में बदल दिया गया है। बीडीओ ने दी जांच का आश्वासन इस मामले में किशनपुर की बीडीओ श्वेता कुमारी ने कहा कि ग्रामीणों की शिकायत प्राप्त हुई है और वह स्वयं स्थल पर जाकर जांच करेंगी। यदि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारियों और ठेकेदार के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही मनरेगा के कनीय अभियंता को भी मामले की जानकारी दी गई है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि निर्माण कार्य में गुणवत्ता की अनदेखी जारी रही, तो वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
सुपौल के किशनपुर प्रखंड के मेहासिमर पंचायत स्थित मधुरा गांव में बन रहे पंचायत सरकार भवन के निर्माण कार्य में अनियमितता का आरोप लगाते हुए स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कार्यस्थल पर हंगामा करते हुए बीडीओ को लिखित शिकायत सौंपी, जिसमें घटिया निर्माण सामग्री के उपयोग और मानकों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। गुणवत्ता में गड़बड़ी के आरोप ग्रामीणों का कहना है कि भवन निर्माण में 16 एमएम के सरिया की जगह 12 एमएम का सरिया लगाया गया, जो स्वीकृत प्राक्कलन के अनुसार नहीं है। जब स्थानीय लोगों ने इस पर आपत्ति जताई और निर्माण कार्य को रुकवा दिया, तो अभियंता के निरीक्षण के बाद 12 एमएम के सरिया को हटाकर 16 एमएम का सरिया लगाया गया। इसके अलावा, जहां 12 इंच की ढलाई होनी चाहिए थी, वहां केवल 9 से 10 इंच की ढलाई की गई, जिससे भवन की मजबूती पर असर पड़ सकता है। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि बाहरी मिट्टी के बजाय, पास की जमीन से ही मिट्टी काटकर निर्माण कार्य किया जा रहा है, जिससे भवन की स्थायित्व पर प्रश्नचिह्न लग गया है। ग्रामीणों की मांग – हो निष्पक्ष जांच शिकायत दर्ज कराने वालों में प्रो. श्याम यादव, दुखिलाल यादव, सतीश यादव, झमेली यादव, सुखराम यादव, रामनंदन यादव सहित कई अन्य ग्रामीण शामिल हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि निर्माण कार्य की गहन जांच कराई जाए और दोषियों पर कार्रवाई हो। निर्माण कार्य की देखरेख कर रहे मुंशी की सफाई पंचायत सरकार भवन के निर्माण कार्य की देखरेख कर रहे मुंशी चंदन कुमार ने सफाई देते हुए कहा कि निर्माण कार्य पूरी तरह से स्वीकृत एस्टीमेट के अनुसार हो रहा है। उन्होंने स्वीकार किया कि गलती से 12 एमएम का सरिया लगाया गया था, जिसे बाद में बदल दिया गया है। बीडीओ ने दी जांच का आश्वासन इस मामले में किशनपुर की बीडीओ श्वेता कुमारी ने कहा कि ग्रामीणों की शिकायत प्राप्त हुई है और वह स्वयं स्थल पर जाकर जांच करेंगी। यदि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारियों और ठेकेदार के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही मनरेगा के कनीय अभियंता को भी मामले की जानकारी दी गई है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि निर्माण कार्य में गुणवत्ता की अनदेखी जारी रही, तो वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।