श्रीराम महायज्ञ और हनुमान प्राण प्रतिष्ठा का आगाज:भव्य कलश यात्रा में उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब, 14 अप्रैल को होगी मूर्ति प्रतिष्ठा
औरंगाबाद के कुटुंबा प्रखंड अंतर्गत मित्रासेनपुर गांव में श्रीराम महायज्ञ सह हनुमत प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बुधवार को गाजे-बाजे के साथ भव्य कलश यात्रा निकाली गई। श्रद्धा और भक्ति से ओतप्रोत वातावरण में सैकड़ों महिला और पुरुष श्रद्धालु सिर पर कलश लेकर पैदल यात्रा पर निकले। यह यात्रा गांव से शुरू होकर अंबा के प्रसिद्ध मां सतबहिनी मंदिर होते हुए करीब 5 किलोमीटर की दूरी तय कर हरदता गांव स्थित बटाने नदी घाट पहुंची। वहां वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच आचार्यों ने गंगा पूजन कर श्रद्धालुओं को जलभरी कराई। यात्रा के दौरान पूरा क्षेत्र "जय श्रीराम" और "बोल बजरंगबली की जय" के नारों से गूंज उठा। अंबा बाजार तक जयघोष की गूंज सुनाई देती रही। महायज्ञ समिति के अध्यक्ष अशोक दुबे ने बताया कि यह आयोजन गांव में बने नए हनुमान मंदिर में मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर किया जा रहा है। यज्ञ की अगुवाई अयोध्या से पधारे यज्ञाधीश प्रेम मूर्ति कृष्णकांत दास जी महाराज और यज्ञाचार्य ज्ञान प्रकाश मिश्रा के सानिध्य में होगी। कलश यात्रा से शुरू हुआ महायज्ञ, 14 अप्रैल को प्राण-प्रतिष्ठा और भंडारा बुधवार को कलश यात्रा के साथ पंचांग पूजन और मंडप प्रवेश की रस्में पूरी की गईं। गुरुवार को अग्नि मंथन और अग्नि प्रकट की प्रक्रिया संपन्न होगी। 13 अप्रैल को मूर्तिधिवास, नगर भ्रमण और शयनाधिवास होगा। जबकि 14 अप्रैल को प्राण-प्रतिष्ठा, हवन और भव्य भंडारे का आयोजन होगा। इस दिन श्रद्धालुओं के बीच महाप्रसाद का वितरण भी किया जाएगा। महायज्ञ समिति ने बताया कि बाहर से आए कारीगरों द्वारा यज्ञ मंडप के अलावा साधु-संतों के रहने के लिए विशेष कुटियों का निर्माण किया गया है। यज्ञ के दौरान प्रतिदिन रात्रि में प्रवचन का भी आयोजन किया जाएगा, जिससे पूरे क्षेत्र में आध्यात्मिक वातावरण बना हुआ है। गर्मी में भी नहीं डिगी श्रद्धा, दिखा अनुशासन और सेवा भाव चिलचिलाती धूप और गर्मी के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं दिखी। श्रद्धालु पूरी भक्ति के साथ कलश लेकर पदयात्रा करते नजर आए। समिति के सदस्य लगातार उनके साथ चलकर पानी पिलाते और स्वास्थ्य का ख्याल रखते रहे। यात्रा को व्यवस्थित और सुरक्षित रखने में श्याम नारायण पांडेय, मुरारी पांडेय, नंदलाल पासवान, विनोद पांडेय, सरोज पांडेय, अरुण पांडेय, अखिलेश पासवान, भोला पासवान, सहित दर्जनों लोगों का योगदान सराहनीय रहा। श्रद्धालुओं के लिए की गई थी विशेष व्यवस्था प्रचंड गर्मी को देखते हुए समिति द्वारा कलश यात्रा मार्ग में जगह-जगह प्याऊ की व्यवस्था की गई थी। समिति के सदस्य श्रद्धालुओं तक पानी पहुंचा रहे थे ताकि लू और गर्मी से किसी की तबीयत न बिगड़े। व्यवस्थापक घनश्याम पांडेय, राधेश्याम पांडेय, धीरज पांडेय और अंजनी पांडेय पूरे आयोजन पर नजर रखे हुए थे। गांव और आसपास के क्षेत्रों में इस आयोजन को लेकर उत्सव जैसा माहौल है। श्रद्धालुओं में हनुमानजी की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर विशेष उत्साह देखा जा रहा है। महायज्ञ के माध्यम से गांव में आध्यात्मिक चेतना की नई ऊर्जा संचारित हो रही है।
औरंगाबाद के कुटुंबा प्रखंड अंतर्गत मित्रासेनपुर गांव में श्रीराम महायज्ञ सह हनुमत प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बुधवार को गाजे-बाजे के साथ भव्य कलश यात्रा निकाली गई। श्रद्धा और भक्ति से ओतप्रोत वातावरण में सैकड़ों महिला और पुरुष श्रद्धालु सिर पर कलश लेकर पैदल यात्रा पर निकले। यह यात्रा गांव से शुरू होकर अंबा के प्रसिद्ध मां सतबहिनी मंदिर होते हुए करीब 5 किलोमीटर की दूरी तय कर हरदता गांव स्थित बटाने नदी घाट पहुंची। वहां वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच आचार्यों ने गंगा पूजन कर श्रद्धालुओं को जलभरी कराई। यात्रा के दौरान पूरा क्षेत्र "जय श्रीराम" और "बोल बजरंगबली की जय" के नारों से गूंज उठा। अंबा बाजार तक जयघोष की गूंज सुनाई देती रही। महायज्ञ समिति के अध्यक्ष अशोक दुबे ने बताया कि यह आयोजन गांव में बने नए हनुमान मंदिर में मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर किया जा रहा है। यज्ञ की अगुवाई अयोध्या से पधारे यज्ञाधीश प्रेम मूर्ति कृष्णकांत दास जी महाराज और यज्ञाचार्य ज्ञान प्रकाश मिश्रा के सानिध्य में होगी। कलश यात्रा से शुरू हुआ महायज्ञ, 14 अप्रैल को प्राण-प्रतिष्ठा और भंडारा बुधवार को कलश यात्रा के साथ पंचांग पूजन और मंडप प्रवेश की रस्में पूरी की गईं। गुरुवार को अग्नि मंथन और अग्नि प्रकट की प्रक्रिया संपन्न होगी। 13 अप्रैल को मूर्तिधिवास, नगर भ्रमण और शयनाधिवास होगा। जबकि 14 अप्रैल को प्राण-प्रतिष्ठा, हवन और भव्य भंडारे का आयोजन होगा। इस दिन श्रद्धालुओं के बीच महाप्रसाद का वितरण भी किया जाएगा। महायज्ञ समिति ने बताया कि बाहर से आए कारीगरों द्वारा यज्ञ मंडप के अलावा साधु-संतों के रहने के लिए विशेष कुटियों का निर्माण किया गया है। यज्ञ के दौरान प्रतिदिन रात्रि में प्रवचन का भी आयोजन किया जाएगा, जिससे पूरे क्षेत्र में आध्यात्मिक वातावरण बना हुआ है। गर्मी में भी नहीं डिगी श्रद्धा, दिखा अनुशासन और सेवा भाव चिलचिलाती धूप और गर्मी के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं दिखी। श्रद्धालु पूरी भक्ति के साथ कलश लेकर पदयात्रा करते नजर आए। समिति के सदस्य लगातार उनके साथ चलकर पानी पिलाते और स्वास्थ्य का ख्याल रखते रहे। यात्रा को व्यवस्थित और सुरक्षित रखने में श्याम नारायण पांडेय, मुरारी पांडेय, नंदलाल पासवान, विनोद पांडेय, सरोज पांडेय, अरुण पांडेय, अखिलेश पासवान, भोला पासवान, सहित दर्जनों लोगों का योगदान सराहनीय रहा। श्रद्धालुओं के लिए की गई थी विशेष व्यवस्था प्रचंड गर्मी को देखते हुए समिति द्वारा कलश यात्रा मार्ग में जगह-जगह प्याऊ की व्यवस्था की गई थी। समिति के सदस्य श्रद्धालुओं तक पानी पहुंचा रहे थे ताकि लू और गर्मी से किसी की तबीयत न बिगड़े। व्यवस्थापक घनश्याम पांडेय, राधेश्याम पांडेय, धीरज पांडेय और अंजनी पांडेय पूरे आयोजन पर नजर रखे हुए थे। गांव और आसपास के क्षेत्रों में इस आयोजन को लेकर उत्सव जैसा माहौल है। श्रद्धालुओं में हनुमानजी की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर विशेष उत्साह देखा जा रहा है। महायज्ञ के माध्यम से गांव में आध्यात्मिक चेतना की नई ऊर्जा संचारित हो रही है।