शहीद बलदेव के नाम प्रवेश द्वार बनाने की मांग:सैलजा बोली-शिक्षण संस्थान का नाम सूबेदार के नाम हो, सरकार के सामने रखेंगी मांग
सिरसा के शहीद सूबेदार बलदेव सिंह के नाम पर प्रवेश द्वार बनाने की मांग उठी है। यह प्रवेश द्वार शहीद के पैतृक गांव झोपड़ा में बनाया जाना है। साथ ही शिक्षण संस्थान का नाम भी शहीद के नाम रखवाने की मांग है। अब यह मांग सरकार के पास भेजी जाएगी।
वहीं शहीद सूबेदार के मीरपुर कॉलोनी स्थित घर पर सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा भी पहुंची। सैलजा ने परिजनों के साथ दुख साझा किया और आश्वासन दिया कि वे शहीद परिवार के साथ खड़ी है। इस दौरान शहीद बलदेव सिंह के परिवार ने सांसद कुमारी सैलजा से मांग की कि गांव झोपड़ा के प्रवेश द्वार का नाम शहीद बलदेव सिंह के नाम पर रखा जाए। इसके लिए शिक्षण संस्थान का नाम भी शहीद बलदेव सिंह के नाम पर रखा जाए। इस मांग पर कुमारी सैलजा ने कहा कि वे हर कोशिश करेंगे और उनकी मांग को पूरा करेंगी। सांसद सैलजा ने कहा कि इस दुख की घड़ी में शहीद के परिवार के साथ खड़ा होना हम सबका फर्ज बनता है। शहीद बलदेव सिंह ने देश की हिफाजत करते हुए, जो शहादत दी है, उसके लिए हम उनके परिवार को नमन करते हैं। परिवार की तरफ से जो मांग की गई है, उस पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। शहीद परिवार अपने आपको अकेला न समझे। शहीद की मां-पत्नी से भी मिली सैलजा
सैलजा शहीद बलदेव सिंह की पत्नी व मां से भी मिली और हमें न केवल शहीद बलदेव सिंह पर गर्व है, बल्कि आप पर भी गर्व है, क्योंकि घर की महिलाएं अगर आदमी को देश की रक्षा के लिए सौंपती है। तभी आदमी हौसलें से सेवा कर सकता है। उन्होंने कहा कि शहीद की पत्नी व बच्चों की मदद के लिए सरकार की तरफ से जो भी योजना है, उस अनुसार उनको मदद मिलनी चाहिए। गांव और कॉलोनी में गमगीन माहौल वहीं शहीद बलदेव सिंह के घर पर तीसरे दिन भी दूरदराज से लोग शहादत पर नमन करने पहुंच रहे हैं। गांव और कॉलोनी में भी गमगीन माहौल है। कॉलोनीवासियों का कहना है कि शहीद बलदेव सिंह जब भी घर आता था तो आसपास के सभी लोगों से मिलता और बात करता था। वह शांत स्वभाव का था। बलदेव सिंह का पूरा परिवार देश प्रेमी
गांव झोपड़ा निवासी कलवंत सिंह ने बताया कि शहीद बलदेव सिंह के पिता बलवंत सिंह और उनके बाकी तीनों भाई देश प्रेमी है। सभी के दो-दो बेटे हैं, जिनमें एक-एक बेटा देश सेवा के लिए सेना और बीएसएफ में लगा हुआ है। यह गांव का पहला शहीद है।
गांव में हैं बलदेव सिंह की ढाणी
कलवंत सिंह ने बताया कि हमारा गांव करीब 1200 आबादी का है। पहले यह सभी गांव में ही रहते थे, इनकी खेतों में ढाणी है। बलदेव सिंह 12वीं की पढाई के बाद ही नौकरी लग गया था। बच्चों की पढ़ाई के लिए इनका पूरा परिवार गांव से मीरपुर कॉलोनी में आकर बस गया। फिर से गांव से जुड़ाव था। कभी-कभार वह चक्कर लगाने गांव में आता था और ग्रामीणों से मिलता था।
सांसद के साथ यह रहे मौजूद
इस दौरान सांसद सैलजा के साथ वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीरभान मेहता, वरिष्ठ कांग्रेस नेता संदीप नेहरा, गोपी राम चाडीवाल, लाधू राम पूनिया, राजेश चाडीवाल, प्रो. आर सी लिंबा, कृष्णा फौगाट, उर्मिल भारद्वाज, ओम प्रकाश डाबर आदि मौजूद रहे।
सिरसा के शहीद सूबेदार बलदेव सिंह के नाम पर प्रवेश द्वार बनाने की मांग उठी है। यह प्रवेश द्वार शहीद के पैतृक गांव झोपड़ा में बनाया जाना है। साथ ही शिक्षण संस्थान का नाम भी शहीद के नाम रखवाने की मांग है। अब यह मांग सरकार के पास भेजी जाएगी।
वहीं शहीद सूबेदार के मीरपुर कॉलोनी स्थित घर पर सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा भी पहुंची। सैलजा ने परिजनों के साथ दुख साझा किया और आश्वासन दिया कि वे शहीद परिवार के साथ खड़ी है। इस दौरान शहीद बलदेव सिंह के परिवार ने सांसद कुमारी सैलजा से मांग की कि गांव झोपड़ा के प्रवेश द्वार का नाम शहीद बलदेव सिंह के नाम पर रखा जाए। इसके लिए शिक्षण संस्थान का नाम भी शहीद बलदेव सिंह के नाम पर रखा जाए। इस मांग पर कुमारी सैलजा ने कहा कि वे हर कोशिश करेंगे और उनकी मांग को पूरा करेंगी। सांसद सैलजा ने कहा कि इस दुख की घड़ी में शहीद के परिवार के साथ खड़ा होना हम सबका फर्ज बनता है। शहीद बलदेव सिंह ने देश की हिफाजत करते हुए, जो शहादत दी है, उसके लिए हम उनके परिवार को नमन करते हैं। परिवार की तरफ से जो मांग की गई है, उस पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। शहीद परिवार अपने आपको अकेला न समझे। शहीद की मां-पत्नी से भी मिली सैलजा
सैलजा शहीद बलदेव सिंह की पत्नी व मां से भी मिली और हमें न केवल शहीद बलदेव सिंह पर गर्व है, बल्कि आप पर भी गर्व है, क्योंकि घर की महिलाएं अगर आदमी को देश की रक्षा के लिए सौंपती है। तभी आदमी हौसलें से सेवा कर सकता है। उन्होंने कहा कि शहीद की पत्नी व बच्चों की मदद के लिए सरकार की तरफ से जो भी योजना है, उस अनुसार उनको मदद मिलनी चाहिए। गांव और कॉलोनी में गमगीन माहौल वहीं शहीद बलदेव सिंह के घर पर तीसरे दिन भी दूरदराज से लोग शहादत पर नमन करने पहुंच रहे हैं। गांव और कॉलोनी में भी गमगीन माहौल है। कॉलोनीवासियों का कहना है कि शहीद बलदेव सिंह जब भी घर आता था तो आसपास के सभी लोगों से मिलता और बात करता था। वह शांत स्वभाव का था। बलदेव सिंह का पूरा परिवार देश प्रेमी
गांव झोपड़ा निवासी कलवंत सिंह ने बताया कि शहीद बलदेव सिंह के पिता बलवंत सिंह और उनके बाकी तीनों भाई देश प्रेमी है। सभी के दो-दो बेटे हैं, जिनमें एक-एक बेटा देश सेवा के लिए सेना और बीएसएफ में लगा हुआ है। यह गांव का पहला शहीद है।
गांव में हैं बलदेव सिंह की ढाणी
कलवंत सिंह ने बताया कि हमारा गांव करीब 1200 आबादी का है। पहले यह सभी गांव में ही रहते थे, इनकी खेतों में ढाणी है। बलदेव सिंह 12वीं की पढाई के बाद ही नौकरी लग गया था। बच्चों की पढ़ाई के लिए इनका पूरा परिवार गांव से मीरपुर कॉलोनी में आकर बस गया। फिर से गांव से जुड़ाव था। कभी-कभार वह चक्कर लगाने गांव में आता था और ग्रामीणों से मिलता था।
सांसद के साथ यह रहे मौजूद
इस दौरान सांसद सैलजा के साथ वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीरभान मेहता, वरिष्ठ कांग्रेस नेता संदीप नेहरा, गोपी राम चाडीवाल, लाधू राम पूनिया, राजेश चाडीवाल, प्रो. आर सी लिंबा, कृष्णा फौगाट, उर्मिल भारद्वाज, ओम प्रकाश डाबर आदि मौजूद रहे।