बेली की व्यवस्था फेल, कमिश्नर ने CMS को लगाई फटकार:प्रयागराज कमिश्नर पहुंचे औचक निरीक्षण करने, CMS से बोले- बंद करिए बहानेबाजी, काम करिए

प्रयागराज मंडल के कमिश्नर विजय विश्वास पंत आज अचानक गुरुवार को तेज बहादुर सप्रू (बेली) हॉस्पिटल पहुंच गए। करीब डेढ़ घंटे तक उन्होंने OT, OPD, वार्ड, एमआरआई, एक्सरे समेत अन्य व्यवस्थाओं की हकीकत बारीकी से देखी। अस्पताल की बदहाल व्यवस्था देखकर कमिश्नर नाराज हो गए। ऑपरेशन थियेटर में रखी सी-आर्म मशीन 14 दिनों से खराब है, जिससे मरीजों का ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है। काफी दिनों से मरीज ऑपरेशन के वार्डों में भर्ती मिले। सवालों का गोल-मोल जवाब देने पर वह CMS डॉ. भावना शर्मा पर भड़क गए, बोले- ये सब बहानेबाजी बंद करिए और काम करिए। 4 अप्रैल को राजेश शुक्ला नाम के मरीज को एनेस्थेसिया देने के बाद आपरेशन थियेटर से बाहर निकाल दिया गया था। इस पर उन्होंने उस मरीज से पूरी जानकारी ली तो पता चला कि ऑपरेशन होने ही जा रहा था लेकिन CMS ने ओटी से बाहर करा दिया। इस पर भी कमिश्नर ने सीएमएस पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने अपर निदेशक व एनएचएम के मंडलीय प्रबंधक को इस पर पूरी रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया। पूछे- पैथालॉजी रिपोर्ट ऑनलाइन क्यों नहीं कमिश्नर अस्पताल के पैथालाजी काउंटर पर पहुंचे जहां मरीज लंबी कतार में खड़े थे। उन्होंने पूछा- यहां रिपोर्ट ऑनलाइन क्यों नहीं दी जा रही है। सीएमएस ने गलत जानकारी देते हुए कहा कि सर दी जा रही है। इसके बाद लाइन में लगे मरीजों से कमिश्नर ने खुद पूछना शुरू किया। एक मरीज का उन्होंने मोबाइल अपने हाथ में लेकर एसएमएस चेक किया जिसमें कोई मैसेज नहीं आया था। इस पर उन्होंने नाराजगी जताई। कहा- हमें घुमाइए नहीं, बस जितना पूछा जाए उसका दीजिए। एमआरआई के रजिस्टर में चल रहा था खेल कमिश्नर के निरीक्षण की खास बात यह रही कि उन्हें कहां और क्या निरीक्षण करना है वह खुद तय कर रहे थे। उन्होंने सीएमएस से पूछा, मुझे एमआरआई कक्ष दिखाइए। वहां पहुंचने के पहले ही सीएमएस ने अस्पताल के मैनेजर डॉ. शेखर से कहा- कि फोन कर बताइए वहां कि अलर्ट रहें। एमआरआई में पहुंचते ही सीधे कमिश्नर उस कक्ष में पहुंच गए जहां बैठकर टेक्निशियन सुमित, अंकिता व संदीप एमआरआई कर रहे थे। उन्होंने रजिस्टर मांगा। पूछने पर बताया गया कि एक दिन में 8 से 10 एमआरआई होती है क्योंकि गर्मी की वजह से मशीन गर्म हो जाती है। कमिश्नर ने सीएमएस से सवाल किया प्रयागराज में क्या सिर्फ आपके अस्पताल की एमआरआई मशीन गर्म हो जाती है? इस पर वह निरूत्तर रहीं। उन्होंने एडी हेल्थ को निर्देशित किया कि प्राइवेट व दूसरे सरकारी एमआरआई सेंटर से पता करिए एक दिन में वहां कितनी एमआरआई जांच होती है। पूछा- एमआरआई की डेट मरीजों को कब की दी जा रही है तो बताया गया मई लास्ट की डेट दी जा रही है। उन्होंने इस पर जमकर फटकार लगाई और कहा पूरी व्यवस्था फेल है। पूरी डिटेल मांगी है। कमिश्नर ने पूछा, पन्ने पर क्यों दे रहे एक्सरे रिपोर्ट कमिश्नर सीधे एक्स-रे कक्ष में पहुंच गए। यहां वह खुद टेक्निशियन की कुर्सी पर बैठकर रजिस्टर चेक करने लगे। यहां मरीजों को फिल्म के बजाय पन्ने पर रिपोर्ट दिया जा रहा था। इस पर उन्होंने नाराजगी जताई, कहा- आखिर ऐसा क्यों हो रहा है, मरीजों के साथ खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है? इस पर उन्होंने रिपोर्ट मांगी है। वहीं जब कमिश्नर महिला सर्जिकल वार्ड में पहुंचे तो वहां एक महिला ने बताया कि वह 8 अप्रैल से यहां भर्ती है लेकिन आज तक ऑपरेशन नहीं हाे सका। बताया जा रहा है कि मशीन खराब है। उन्होंने तत्काल निर्देश दिया कि इस महिला का ऑपरेशन कराया जाए। जब मरीज के बगल में बैठ गए कमिश्नर कमिश्नर ओटी के बाहर बैठे एक मरीज के बगल में जाकर बैठ गए। उन्होंने पूछा, ऑपरेशन कितने में हो जाता है? मरीज ने कहा, अभी तक पैसा नहीं मांग गया है। इसके पहले वह पीकू वार्ड, एचडीयू वार्ड का भी निरीक्षण किया। यहां भर्ती मरीजों को उनकी समस्याएं पूछी। ओपीडी के बाहर डॉक्टरों का नाम नहीं लिखा था, जिसे तत्काल नाम लिखाने का निर्देश दिया। एक ओपीडी में ताला बंद मिला। उन्होंने चाबी लाने को कहा लेकिन काफी प्रयास के बाद चाबी मिली। उन्होंने कहा- इसे क्यों बंद किया गया है। सीएमएस ने कहा, जल्द ही इसे भी खुलवा देंगे। उन्होंने अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ. राकेश शर्मा व एनएचएम के मंडलीय नोडल प्रबंधक हरित सक्सेना को निर्देशित किया कि पूरे मामले में विधिवत रिपोर्ट तैयार कर उपलब्ध कराएं। इसके लिए शासन में भी भेजा जाएगा।

Apr 24, 2025 - 14:48
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बेली की व्यवस्था फेल, कमिश्नर ने CMS को लगाई फटकार:प्रयागराज कमिश्नर पहुंचे औचक निरीक्षण करने, CMS से बोले- बंद करिए बहानेबाजी, काम करिए
प्रयागराज मंडल के कमिश्नर विजय विश्वास पंत आज अचानक गुरुवार को तेज बहादुर सप्रू (बेली) हॉस्पिटल पहुंच गए। करीब डेढ़ घंटे तक उन्होंने OT, OPD, वार्ड, एमआरआई, एक्सरे समेत अन्य व्यवस्थाओं की हकीकत बारीकी से देखी। अस्पताल की बदहाल व्यवस्था देखकर कमिश्नर नाराज हो गए। ऑपरेशन थियेटर में रखी सी-आर्म मशीन 14 दिनों से खराब है, जिससे मरीजों का ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है। काफी दिनों से मरीज ऑपरेशन के वार्डों में भर्ती मिले। सवालों का गोल-मोल जवाब देने पर वह CMS डॉ. भावना शर्मा पर भड़क गए, बोले- ये सब बहानेबाजी बंद करिए और काम करिए। 4 अप्रैल को राजेश शुक्ला नाम के मरीज को एनेस्थेसिया देने के बाद आपरेशन थियेटर से बाहर निकाल दिया गया था। इस पर उन्होंने उस मरीज से पूरी जानकारी ली तो पता चला कि ऑपरेशन होने ही जा रहा था लेकिन CMS ने ओटी से बाहर करा दिया। इस पर भी कमिश्नर ने सीएमएस पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने अपर निदेशक व एनएचएम के मंडलीय प्रबंधक को इस पर पूरी रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया। पूछे- पैथालॉजी रिपोर्ट ऑनलाइन क्यों नहीं कमिश्नर अस्पताल के पैथालाजी काउंटर पर पहुंचे जहां मरीज लंबी कतार में खड़े थे। उन्होंने पूछा- यहां रिपोर्ट ऑनलाइन क्यों नहीं दी जा रही है। सीएमएस ने गलत जानकारी देते हुए कहा कि सर दी जा रही है। इसके बाद लाइन में लगे मरीजों से कमिश्नर ने खुद पूछना शुरू किया। एक मरीज का उन्होंने मोबाइल अपने हाथ में लेकर एसएमएस चेक किया जिसमें कोई मैसेज नहीं आया था। इस पर उन्होंने नाराजगी जताई। कहा- हमें घुमाइए नहीं, बस जितना पूछा जाए उसका दीजिए। एमआरआई के रजिस्टर में चल रहा था खेल कमिश्नर के निरीक्षण की खास बात यह रही कि उन्हें कहां और क्या निरीक्षण करना है वह खुद तय कर रहे थे। उन्होंने सीएमएस से पूछा, मुझे एमआरआई कक्ष दिखाइए। वहां पहुंचने के पहले ही सीएमएस ने अस्पताल के मैनेजर डॉ. शेखर से कहा- कि फोन कर बताइए वहां कि अलर्ट रहें। एमआरआई में पहुंचते ही सीधे कमिश्नर उस कक्ष में पहुंच गए जहां बैठकर टेक्निशियन सुमित, अंकिता व संदीप एमआरआई कर रहे थे। उन्होंने रजिस्टर मांगा। पूछने पर बताया गया कि एक दिन में 8 से 10 एमआरआई होती है क्योंकि गर्मी की वजह से मशीन गर्म हो जाती है। कमिश्नर ने सीएमएस से सवाल किया प्रयागराज में क्या सिर्फ आपके अस्पताल की एमआरआई मशीन गर्म हो जाती है? इस पर वह निरूत्तर रहीं। उन्होंने एडी हेल्थ को निर्देशित किया कि प्राइवेट व दूसरे सरकारी एमआरआई सेंटर से पता करिए एक दिन में वहां कितनी एमआरआई जांच होती है। पूछा- एमआरआई की डेट मरीजों को कब की दी जा रही है तो बताया गया मई लास्ट की डेट दी जा रही है। उन्होंने इस पर जमकर फटकार लगाई और कहा पूरी व्यवस्था फेल है। पूरी डिटेल मांगी है। कमिश्नर ने पूछा, पन्ने पर क्यों दे रहे एक्सरे रिपोर्ट कमिश्नर सीधे एक्स-रे कक्ष में पहुंच गए। यहां वह खुद टेक्निशियन की कुर्सी पर बैठकर रजिस्टर चेक करने लगे। यहां मरीजों को फिल्म के बजाय पन्ने पर रिपोर्ट दिया जा रहा था। इस पर उन्होंने नाराजगी जताई, कहा- आखिर ऐसा क्यों हो रहा है, मरीजों के साथ खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है? इस पर उन्होंने रिपोर्ट मांगी है। वहीं जब कमिश्नर महिला सर्जिकल वार्ड में पहुंचे तो वहां एक महिला ने बताया कि वह 8 अप्रैल से यहां भर्ती है लेकिन आज तक ऑपरेशन नहीं हाे सका। बताया जा रहा है कि मशीन खराब है। उन्होंने तत्काल निर्देश दिया कि इस महिला का ऑपरेशन कराया जाए। जब मरीज के बगल में बैठ गए कमिश्नर कमिश्नर ओटी के बाहर बैठे एक मरीज के बगल में जाकर बैठ गए। उन्होंने पूछा, ऑपरेशन कितने में हो जाता है? मरीज ने कहा, अभी तक पैसा नहीं मांग गया है। इसके पहले वह पीकू वार्ड, एचडीयू वार्ड का भी निरीक्षण किया। यहां भर्ती मरीजों को उनकी समस्याएं पूछी। ओपीडी के बाहर डॉक्टरों का नाम नहीं लिखा था, जिसे तत्काल नाम लिखाने का निर्देश दिया। एक ओपीडी में ताला बंद मिला। उन्होंने चाबी लाने को कहा लेकिन काफी प्रयास के बाद चाबी मिली। उन्होंने कहा- इसे क्यों बंद किया गया है। सीएमएस ने कहा, जल्द ही इसे भी खुलवा देंगे। उन्होंने अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ. राकेश शर्मा व एनएचएम के मंडलीय नोडल प्रबंधक हरित सक्सेना को निर्देशित किया कि पूरे मामले में विधिवत रिपोर्ट तैयार कर उपलब्ध कराएं। इसके लिए शासन में भी भेजा जाएगा।