पाकिस्तान के सिंध में प्रदर्शनकारियों ने ऐसा उपद्रव मचाया है कि पूरा पाकिस्तान ही कांप उठा है। पाकिस्तान में पानी को लेकर जमकर हाहाकार मचा हुआ है। प्रदर्शनकारियों ने गृह मंत्री के घर को स्वाहा कर दिया है। जियाउल हसल लंजर के घर को प्रदर्शनकारियों ने फूंक दिया है। सामने आई तस्वीरों में नजर आ रहा है कि कैसे गृह मंत्री का घर धूं-धूं कर जल रहा है।
प्रदर्शनकारियों ने जमकर तोड़फोड़ मचाई है। कई गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया गया है। बताया ये जा रहा है कि सिंध प्रांत के मोरो में प्रदर्शनकारियों ने नेशनल हाईवे के पास स्थिति मंत्री के घर को निशाना बनाया और फिर पास में खड़े दो ट्रेलरों को भी आग के हवाले कर दिया। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प हुआ। वहीं दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई।
एक डीएसपी और छह दूसरे पुलिसकर्मी घायल बताए जा रहे हैं। डॉन ने कहा है कि रास्तों पर कई गाड़ियों को जला दिया गया है और अराजकता का माहौल देखने को मिल रहा है। एक मीडिया आउटलेट से बात करते हुए, लंजर ने अपने आवास पर आगजनी की घटना की पुष्टि की और कहा कि कुछ लोग घायल हुए हैं। मैं घटना की निष्पक्ष जांच के आदेश दे रहा हूं। मंत्री ने कहा कि सरकार किसी को भी शांतिपूर्ण विरोध की आड़ में अराजकता फैलाने की अनुमति नहीं देगी। मंत्री ने कहा कि हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और जनता को आश्वासन दिया कि स्थिति को कानूनी तरीकों से नियंत्रण में लाया जाएगा।
पूरे जिले में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और जांच आगे बढ़ने के साथ ही आगे की प्रगति की उम्मीद है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि पीएम शहबाज ने पिछले महीने घोषणा की थी कि संघीय सरकार ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के साथ परामर्श के बाद, लंबित जल विवादों के काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट्स (CCI) के माध्यम से हल होने तक “किसी भी नई नहर का निर्माण न करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री ने पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की और इस बात पर जोर दिया कि प्रांतीय आम सहमति के बिना नहर परियोजनाओं पर कोई एकतरफा निर्णय नहीं लिया जाएगा।
फरवरी 2025 में पाकिस्तान सरकार ने सिंधु नदी प्रणाली पर 6 नई नहरों के निर्माण की योजना की घोषणा की थी। इस योजना के तहत पंजाब, बलूचिस्तान और सिंध में नहरों का निर्माण किया जाना है। लेकिन आलोचकों का कहना है कि बांध के जरिए पाकिस्तान सरकार सिंध के पानी को पंजाब प्रांत में ट्रांसफर करना चाहती है, जिसका मकसद पंजाब के 1.9 मिलियन हेक्टेयर बंजर भूमि में पानी ले जाना है। सिंध के निवासियों का मानना है कि यह प्रोजेक्ट उनके जल अधिकारों का उल्लंघन करती है और पहले से ही जल संकट झेल रहे क्षेत्र के लिए विनाशकारी हो सकती है।