नूंह में खनन विभाग के 6 अधिकारी चार्जशीट:माफियाओं से मिलीभगत; सीएम ने पंचायत-वन विभाग पर भी कार्रवाई के आदेश दिए

नूंह जिले में हो रहे अवैध खनन को लेकर सीएम नायब सैनी ने संज्ञान लिया है। सीएम ने नूंह के अवैध खनन से जुड़े एक पुराने मामले में खनन विभाग के 6 अधिकारियों को चार्जशीट करने के साथ पंचायत और वन विभाग के कर्मचारियों की संलिप्तता पर भी कार्रवाई करने के आदेश दिए। सीएम के आदेश के बाद न केवल खनन विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है, बल्कि खनन माफियाओं की धड़कने भी बढ़ने लगी है। यह कार्रवाई फिरोजपुर झिरका उपमंडल के अंतर्गत आने वाले गांव रवा के पहाड़ों में हुए अवैध खनन को लेकर की गई है। नवंबर 2011 से जनवरी 2025 के बीच आवंटित खनन पट्टे में हुई खुदाई एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका खंड के गांव रवा में नवंबर 2011 से जनवरी 2025 के बीच आवंटित खनन पट्टे से अधिक खुदाई से खनन सामग्री निकालने के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी। जिसकी खान एवं भू—विज्ञान विभाग द्वारा गहनता से जांच की गई। जांच रिपोर्ट में पाया गया कि अवैध खनन किया गया था, जिस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए सीएम ने विभाग के 6 अधिकारियों को हरियाणा सिविल सेवा (दंड एवं अपील) नियम 7 के तहत चार्जशीट करने के निर्देश दिए हैं। प्रवक्ता ने बताया कि जिन अधिकारियों को चार्जशीट किया गया है। उनमें सहायक खनन अधिकारी आरएस ठाकरान, खनन अधिकारी भूपेंद्र सिंह, बी.डी. यादव, राजेंद्र प्रसाद, अनिल कुमार और अनिल अटवाल शामिल हैं। दिसंबर 2024 में गिराया गया था पहाड़ फिरोजपुर झिरका थाना क्षेत्र के गांव रवा से सटे हरियाणा अरावली क्षेत्र के पहाड़ में खनन माफियाओं ने अवैध खनन के इरादे से दिसंबर 2024 में पहाड़ की एक बड़ी चट्टान में विस्फोट कर उसे गिरा दिया था। जहां से हजारों टन पत्थर राजस्थान सीमा की ओर जा गिरा। इसका वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुई, तो राजस्थान पुलिस द्वारा पांच खनन माफियाओं पर केस दर्ज किया गया था। इसके साथ ही हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने खनन माफिया ब्लास्ट कर गिराए गए पहाड़ के मामले में उचित कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए थे। यह पहली बार नहीं हुआ जब खनन माफियाओं द्वारा पहाड़ गिराया गया। इससे पहले खनन माफिया अरावली में बड़ी-बड़ी खदानें बन चुके हैं। इससे पहले साल 2024 में ही उपमंडल स्तर के एक बड़े अधिकारी ने अवैध खनन के आरोप में 2200 करोड़ रुपए के नुकसान को यहां दर्शाकर उच्च अधिकारियों को अवगत कराया था।

May 7, 2025 - 02:45
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नूंह में खनन विभाग के 6 अधिकारी चार्जशीट:माफियाओं से मिलीभगत; सीएम ने पंचायत-वन विभाग पर भी कार्रवाई के आदेश दिए
नूंह जिले में हो रहे अवैध खनन को लेकर सीएम नायब सैनी ने संज्ञान लिया है। सीएम ने नूंह के अवैध खनन से जुड़े एक पुराने मामले में खनन विभाग के 6 अधिकारियों को चार्जशीट करने के साथ पंचायत और वन विभाग के कर्मचारियों की संलिप्तता पर भी कार्रवाई करने के आदेश दिए। सीएम के आदेश के बाद न केवल खनन विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है, बल्कि खनन माफियाओं की धड़कने भी बढ़ने लगी है। यह कार्रवाई फिरोजपुर झिरका उपमंडल के अंतर्गत आने वाले गांव रवा के पहाड़ों में हुए अवैध खनन को लेकर की गई है। नवंबर 2011 से जनवरी 2025 के बीच आवंटित खनन पट्टे में हुई खुदाई एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका खंड के गांव रवा में नवंबर 2011 से जनवरी 2025 के बीच आवंटित खनन पट्टे से अधिक खुदाई से खनन सामग्री निकालने के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी। जिसकी खान एवं भू—विज्ञान विभाग द्वारा गहनता से जांच की गई। जांच रिपोर्ट में पाया गया कि अवैध खनन किया गया था, जिस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए सीएम ने विभाग के 6 अधिकारियों को हरियाणा सिविल सेवा (दंड एवं अपील) नियम 7 के तहत चार्जशीट करने के निर्देश दिए हैं। प्रवक्ता ने बताया कि जिन अधिकारियों को चार्जशीट किया गया है। उनमें सहायक खनन अधिकारी आरएस ठाकरान, खनन अधिकारी भूपेंद्र सिंह, बी.डी. यादव, राजेंद्र प्रसाद, अनिल कुमार और अनिल अटवाल शामिल हैं। दिसंबर 2024 में गिराया गया था पहाड़ फिरोजपुर झिरका थाना क्षेत्र के गांव रवा से सटे हरियाणा अरावली क्षेत्र के पहाड़ में खनन माफियाओं ने अवैध खनन के इरादे से दिसंबर 2024 में पहाड़ की एक बड़ी चट्टान में विस्फोट कर उसे गिरा दिया था। जहां से हजारों टन पत्थर राजस्थान सीमा की ओर जा गिरा। इसका वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुई, तो राजस्थान पुलिस द्वारा पांच खनन माफियाओं पर केस दर्ज किया गया था। इसके साथ ही हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने खनन माफिया ब्लास्ट कर गिराए गए पहाड़ के मामले में उचित कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए थे। यह पहली बार नहीं हुआ जब खनन माफियाओं द्वारा पहाड़ गिराया गया। इससे पहले खनन माफिया अरावली में बड़ी-बड़ी खदानें बन चुके हैं। इससे पहले साल 2024 में ही उपमंडल स्तर के एक बड़े अधिकारी ने अवैध खनन के आरोप में 2200 करोड़ रुपए के नुकसान को यहां दर्शाकर उच्च अधिकारियों को अवगत कराया था।