देशभर से 1.20 लाख के पांच ईनामी बदमाश पकड़े:गोवा में सफेदपोश व्यापारी बनकर रह रहा था तीन राज्यों का वांछित, हत्या का आरोपी खुद को बताता था ठेकेदार

जोधपुर पुलिस ने तीन अलग-अलग ऑपरेशन में पांच इनामी बदमाशों को गिरफ्तार किया है। रेंज आईजी विकास कुमार ने बताया कि ऑपरेशन सगरवंशी, शकीरा और दंश के तहत की गई कार्रवाई में पकड़े गए बदमाशों पर कुल 1.20 लाख रुपए का इनाम घोषित था। सबसे बड़ी कार्रवाई ऑपरेशन सगरवंशी के तहत की गई, जिसमें 50 हजार का इनामी भागीरथ गिरफ्तार हुआ। राजस्थान, मध्य प्रदेश और हरियाणा में वांछित भागीरथ पर ड्रग्स और शराब तस्करी, हत्या का प्रयास, वाहन चोरी समेत दर्जनों मामले दर्ज हैं। सात साल से फरार भागीरथ को पकड़ने के लिए 10 महीने से विशेष अभियान चलाया जा रहा था। राजस्थान के बाड़मेर, बालोतरा, फलोदी, जोधपुर और जालौर में वह वांछित था। गोवा में बनाया नया ठिकाना पिछले छह महीने से गोवा में रह रहा भागीरथ ड्रग्स से कमाए पैसों को शराब की दुकानों में निवेश कर रहा था। उसने तीन दुकानें खरीद ली थीं और परिवार को भी गोवा शिफ्ट कर लिया था। हर एक-दो महीने में गुड़ामालानी आकर पुराने साथियों से मिलता और हिसाब-किताब कर लौट जाता। पुलिस की साइक्लोनर टीम तीन बार गोवा गई, लेकिन वह हाथ नहीं लगा। अंततः उसके ससुराल वालों की निगरानी से उसका पता चला और एक शराब की दुकान खरीदते समय उसे दबोच लिया गया। पकड़े जाने पर भागीरथ ने अपनी पत्नी को कोसते हुए कहा कि उसी के चक्कर में नशे के धंधे में कूदा और आज उसी की संपत्ति खरीदने की जिद के कारण मार्केट आया और पकड़ा गया। नहीं तो कभी पकड़ा नहीं जाता। बदमाशों का सहयोगी भी धराया भागीरथ की पूछताछ से उसके सहयोगी दिनेश का पता चला, जिस पर 10 हजार का इनाम था। धोरीमन्ना में बेड कॉलेज चलाने वाला दिनेश बड़े तस्करों को शरण देता था। वह पुलिस की हरकतों पर नजर रखता और अपराधियों को सतर्क करता था। उस पर हत्या का प्रयास, मारपीट और परीक्षा घोटाले के मामले दर्ज हैं। ऑपरेशन शकीरा में दो और सफलता 20 हजार के इनामी राकेश मतवाला को कपरड़ा के खेजड़ली से गिरफ्तार किया गया। तीन साल से नशे के बड़े कारोबारी के रूप में उभर रहे राकेश पर तस्करी, आर्म्स एक्ट और वाहन चोरी के मामले दर्ज हैं। वह खेत की ऊंचाई पर बने ठिकाने में छिपा था, जहां पुलिस मोटरसाइकिल से पहुंची और उसे दबोच लिया। इसी दौरान 10 हजार का इनामी सुनील भी पकड़ा गया, जो सांचौर के लक्ष्मण देवासी हत्याकांड में वांछित था। उसने अपना नाम रॉबिन बिश्नोई रख लिया था और दिनेश सहारण की बहन को धर्म बहन बनाकर उसके फार्म पर रह रहा था। 16 साल का नशा कारोबारी गिरफ्तार ऑपरेशन दंश के तहत बालोतरा से 30 हजार के इनामी दिनेश को पकड़ा गया। बालोतरा, बाड़मेर और चित्तौड़गढ़ में वांछित दिनेश पिछले 16 वर्षों से नशे का कारोबार कर रहा था। आईजी विकास कुमार ने बताया कि सभी बदमाश आपस में एक-दूसरे से जुड़े हुए थे। पुलिस की विभिन्न साइक्लोनर टीमों ने लंबी निगरानी और रणनीतिक कार्रवाई से इन्हें गिरफ्तार किया है। इन बदमाशों की गिरफ्तारी से क्षेत्र में नशा और अपराध के नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है।

Jun 1, 2025 - 16:01
 0
देशभर से 1.20 लाख के पांच ईनामी बदमाश पकड़े:गोवा में सफेदपोश व्यापारी बनकर रह रहा था तीन राज्यों का वांछित, हत्या का आरोपी खुद को बताता था ठेकेदार
जोधपुर पुलिस ने तीन अलग-अलग ऑपरेशन में पांच इनामी बदमाशों को गिरफ्तार किया है। रेंज आईजी विकास कुमार ने बताया कि ऑपरेशन सगरवंशी, शकीरा और दंश के तहत की गई कार्रवाई में पकड़े गए बदमाशों पर कुल 1.20 लाख रुपए का इनाम घोषित था। सबसे बड़ी कार्रवाई ऑपरेशन सगरवंशी के तहत की गई, जिसमें 50 हजार का इनामी भागीरथ गिरफ्तार हुआ। राजस्थान, मध्य प्रदेश और हरियाणा में वांछित भागीरथ पर ड्रग्स और शराब तस्करी, हत्या का प्रयास, वाहन चोरी समेत दर्जनों मामले दर्ज हैं। सात साल से फरार भागीरथ को पकड़ने के लिए 10 महीने से विशेष अभियान चलाया जा रहा था। राजस्थान के बाड़मेर, बालोतरा, फलोदी, जोधपुर और जालौर में वह वांछित था। गोवा में बनाया नया ठिकाना पिछले छह महीने से गोवा में रह रहा भागीरथ ड्रग्स से कमाए पैसों को शराब की दुकानों में निवेश कर रहा था। उसने तीन दुकानें खरीद ली थीं और परिवार को भी गोवा शिफ्ट कर लिया था। हर एक-दो महीने में गुड़ामालानी आकर पुराने साथियों से मिलता और हिसाब-किताब कर लौट जाता। पुलिस की साइक्लोनर टीम तीन बार गोवा गई, लेकिन वह हाथ नहीं लगा। अंततः उसके ससुराल वालों की निगरानी से उसका पता चला और एक शराब की दुकान खरीदते समय उसे दबोच लिया गया। पकड़े जाने पर भागीरथ ने अपनी पत्नी को कोसते हुए कहा कि उसी के चक्कर में नशे के धंधे में कूदा और आज उसी की संपत्ति खरीदने की जिद के कारण मार्केट आया और पकड़ा गया। नहीं तो कभी पकड़ा नहीं जाता। बदमाशों का सहयोगी भी धराया भागीरथ की पूछताछ से उसके सहयोगी दिनेश का पता चला, जिस पर 10 हजार का इनाम था। धोरीमन्ना में बेड कॉलेज चलाने वाला दिनेश बड़े तस्करों को शरण देता था। वह पुलिस की हरकतों पर नजर रखता और अपराधियों को सतर्क करता था। उस पर हत्या का प्रयास, मारपीट और परीक्षा घोटाले के मामले दर्ज हैं। ऑपरेशन शकीरा में दो और सफलता 20 हजार के इनामी राकेश मतवाला को कपरड़ा के खेजड़ली से गिरफ्तार किया गया। तीन साल से नशे के बड़े कारोबारी के रूप में उभर रहे राकेश पर तस्करी, आर्म्स एक्ट और वाहन चोरी के मामले दर्ज हैं। वह खेत की ऊंचाई पर बने ठिकाने में छिपा था, जहां पुलिस मोटरसाइकिल से पहुंची और उसे दबोच लिया। इसी दौरान 10 हजार का इनामी सुनील भी पकड़ा गया, जो सांचौर के लक्ष्मण देवासी हत्याकांड में वांछित था। उसने अपना नाम रॉबिन बिश्नोई रख लिया था और दिनेश सहारण की बहन को धर्म बहन बनाकर उसके फार्म पर रह रहा था। 16 साल का नशा कारोबारी गिरफ्तार ऑपरेशन दंश के तहत बालोतरा से 30 हजार के इनामी दिनेश को पकड़ा गया। बालोतरा, बाड़मेर और चित्तौड़गढ़ में वांछित दिनेश पिछले 16 वर्षों से नशे का कारोबार कर रहा था। आईजी विकास कुमार ने बताया कि सभी बदमाश आपस में एक-दूसरे से जुड़े हुए थे। पुलिस की विभिन्न साइक्लोनर टीमों ने लंबी निगरानी और रणनीतिक कार्रवाई से इन्हें गिरफ्तार किया है। इन बदमाशों की गिरफ्तारी से क्षेत्र में नशा और अपराध के नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है।