डबवाली के विद्वान डॉ. इंद्रचंद्र शास्त्री की 114वीं जयंती:सरकार ने जारी किया डाक टिकट, दिल्ली यूनिवर्सिटी में पुस्तक विमोचन

सिरसा जिले के डबवाली के महान स्वतंत्रता सेनानी और विद्वान डॉ. इंद्र चंद्र शास्त्री की 114वीं जयंती पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। स्थानीय स्वतंत्रता सेनानी पार्क में उनकी प्रतिमा पर विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। दिल्ली विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग ने एक कार्यक्रम में शास्त्री जी की पुस्तकों का विमोचन किया। सहायक की मदद से लेखन कार्य जारी वहीं भारत सरकार ने उनकी स्मृति में 5 रुपए की डाक टिकट जारी की है। अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन पंजाब प्रदेश के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंगला ने शास्त्री के जीवन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि 50 वर्ष की आयु में दोनों आंखों की रोशनी खो देने के बाद भी शास्त्री ने अपने सहायक की मदद से लेखन कार्य जारी रखा। उन्होंने अपने जीवनकाल में 650 शोध पत्र और 70 ऐतिहासिक पुस्तकें लिखी। इनमें संस्कृत, पाली भाषा और जैन धर्म पर विशेष पुस्तकें शामिल हैं। कार्यक्रम में ये रहे शामिल कार्यक्रम में उद्योगपति लाभ सिंह जगाराम तीर्थ, वरच्यूस क्लब के चीफ कोऑर्डिनेटर संजीव शाद, वरिष्ठ नागरिक कल्याण संघ के अध्यक्ष सुरेंद्र मित्तल समेत कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। सिंगला परिवार डबवाली फाउंडेशन के कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण सिंगला ने सभी का आभार व्यक्त किया।

May 27, 2025 - 19:05
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डबवाली के विद्वान डॉ. इंद्रचंद्र शास्त्री की 114वीं जयंती:सरकार ने जारी किया डाक टिकट, दिल्ली यूनिवर्सिटी में पुस्तक विमोचन
सिरसा जिले के डबवाली के महान स्वतंत्रता सेनानी और विद्वान डॉ. इंद्र चंद्र शास्त्री की 114वीं जयंती पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। स्थानीय स्वतंत्रता सेनानी पार्क में उनकी प्रतिमा पर विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। दिल्ली विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग ने एक कार्यक्रम में शास्त्री जी की पुस्तकों का विमोचन किया। सहायक की मदद से लेखन कार्य जारी वहीं भारत सरकार ने उनकी स्मृति में 5 रुपए की डाक टिकट जारी की है। अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन पंजाब प्रदेश के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंगला ने शास्त्री के जीवन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि 50 वर्ष की आयु में दोनों आंखों की रोशनी खो देने के बाद भी शास्त्री ने अपने सहायक की मदद से लेखन कार्य जारी रखा। उन्होंने अपने जीवनकाल में 650 शोध पत्र और 70 ऐतिहासिक पुस्तकें लिखी। इनमें संस्कृत, पाली भाषा और जैन धर्म पर विशेष पुस्तकें शामिल हैं। कार्यक्रम में ये रहे शामिल कार्यक्रम में उद्योगपति लाभ सिंह जगाराम तीर्थ, वरच्यूस क्लब के चीफ कोऑर्डिनेटर संजीव शाद, वरिष्ठ नागरिक कल्याण संघ के अध्यक्ष सुरेंद्र मित्तल समेत कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। सिंगला परिवार डबवाली फाउंडेशन के कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण सिंगला ने सभी का आभार व्यक्त किया।