टोंक में मॉक ड्रिल कल, कलेक्टर ने ली बैठक:ब्लैक आउट के दौरान कृत्रिम रोशनी का उपयोग नहीं करने की अपील की
भारत सरकार के गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार बुधवार को जिला प्रशासन द्वारा मॉक ड्रिल की जाएगी। इसी की तैयारियों को लेकर कलेक्टर डॉ. सौम्या झा एवं पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान ने भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केंद्र में बैठक ली। इसमें कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य नागरिकों को हवाई हमले के दौरान खुद को कैसे सुरक्षित रखे, ब्लैक आउट की व्यवस्था, यानि जरूरत पड़ने पर बिजली बंद कर दी जाए, ताकि दुश्मन को कोई लक्ष्य न दिखाई देने आदि के बारे में जागरूक करना है। कलेक्टर ने बताया कि इस अभ्यास से नागरिक सुरक्षा तंत्र की तैयारी का आकलन करना और उसे बढ़ाना है। कलेक्टर ने कार्यवाहक एडीएम परशुराम धानका को कंट्रोल रूम एवं शैडों कंट्रोल रूम स्थापना के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि चेतावनी सायरन बजने पर आमजन को एहतियाती उपायों के बारे में बताया जाए। रात में बजने वाले सायरन, ब्लैक आउट के दौरान आमजन के द्वारा घरों में इनवर्टर, जनरेटर, इमरजेंसी लाइट, वाहन एवं प्रकाश का उपयोग नहीं करने के बारे में जागरूक किया जाएं। कलेक्टर ने नागरिक सुरक्षा प्लान अनुसार 12 सेवाओं के अधिकारियों की नियुक्ति किये जाने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में शेल्टर होम को चिह्नित कर लिया जाए। उन्होंने विभिन्न शिक्षण संस्थानों में नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं जन जागरूक अभियान चलाये जाने के लिए निर्देशित किया। इसमें एनएसएस, एनसीसी, एनवाईकेएस, स्काउट व गाइड एवं इच्छुक वॉलंटियर को शामिल कर प्रशिक्षित किया जाए। यह होता है ब्लैक आउट युद्ध के समय ब्लैक आउट एक ऐसी रणनीति है, जिसमें कृत्रिम रोशनी को न्यूनतम किया जाता है, ताकि रात्रि में दुश्मन आपकी लोकेशन का पता नहीं लगा सके। ब्लैक आउट नियम घरों, कारखानों, दुकानों और वाहन की रोशनी को नियंत्रित करते है। जिसमें खिड़कियों को ढकना, स्ट्रीट लाइट व गाड़ियों की हैडलाइट बंद रखना आदि शामिल है।
भारत सरकार के गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार बुधवार को जिला प्रशासन द्वारा मॉक ड्रिल की जाएगी। इसी की तैयारियों को लेकर कलेक्टर डॉ. सौम्या झा एवं पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान ने भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केंद्र में बैठक ली। इसमें कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य नागरिकों को हवाई हमले के दौरान खुद को कैसे सुरक्षित रखे, ब्लैक आउट की व्यवस्था, यानि जरूरत पड़ने पर बिजली बंद कर दी जाए, ताकि दुश्मन को कोई लक्ष्य न दिखाई देने आदि के बारे में जागरूक करना है। कलेक्टर ने बताया कि इस अभ्यास से नागरिक सुरक्षा तंत्र की तैयारी का आकलन करना और उसे बढ़ाना है। कलेक्टर ने कार्यवाहक एडीएम परशुराम धानका को कंट्रोल रूम एवं शैडों कंट्रोल रूम स्थापना के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि चेतावनी सायरन बजने पर आमजन को एहतियाती उपायों के बारे में बताया जाए। रात में बजने वाले सायरन, ब्लैक आउट के दौरान आमजन के द्वारा घरों में इनवर्टर, जनरेटर, इमरजेंसी लाइट, वाहन एवं प्रकाश का उपयोग नहीं करने के बारे में जागरूक किया जाएं। कलेक्टर ने नागरिक सुरक्षा प्लान अनुसार 12 सेवाओं के अधिकारियों की नियुक्ति किये जाने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में शेल्टर होम को चिह्नित कर लिया जाए। उन्होंने विभिन्न शिक्षण संस्थानों में नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं जन जागरूक अभियान चलाये जाने के लिए निर्देशित किया। इसमें एनएसएस, एनसीसी, एनवाईकेएस, स्काउट व गाइड एवं इच्छुक वॉलंटियर को शामिल कर प्रशिक्षित किया जाए। यह होता है ब्लैक आउट युद्ध के समय ब्लैक आउट एक ऐसी रणनीति है, जिसमें कृत्रिम रोशनी को न्यूनतम किया जाता है, ताकि रात्रि में दुश्मन आपकी लोकेशन का पता नहीं लगा सके। ब्लैक आउट नियम घरों, कारखानों, दुकानों और वाहन की रोशनी को नियंत्रित करते है। जिसमें खिड़कियों को ढकना, स्ट्रीट लाइट व गाड़ियों की हैडलाइट बंद रखना आदि शामिल है।