जूली बोले- गिग वर्कर्स कल्याण कानून लागू करें सरकार:नहीं किया तो आंदोलन करेंगे, दिहाड़ी मजदूरों को दिए जाए ID-कार्ड

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने मजदूर दिवस से पहले गिग वर्कर्स के अधिकारों को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। जूली ने कहा कि गिग वर्कर्स के कल्याण के लिए कांग्रेस राज में पारित बिल को बीजेपी सरकार ने अब तक लागू नहीं किया है। राजस्थान प्लेटफॉर्म आधारित गिग कर्मकार (पंजीकरण और कल्याण) विधेयक, 2023 को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए। उन्होंने कहा- यह विधेयक देश में गिग वर्कर्स के अधिकारों की सुरक्षा के लिए सबसे प्रगतिशील और ऐतिहासिक कानून के रूप में माना गया था, लेकिन दुर्भाग्य है कि बीजेपी सरकार इसे अब तक अमल में नहीं ला सकी है। उन्होंने कहा कि गिग वर्कर्स को साझेदार बताकर उन्हें श्रमिक अधिकारों से वंचित रखा गया। कांग्रेस सरकार ने उन्हें पहचान, बीमा, सुरक्षा और आपातकालीन सहायता देने का काम किया था। अब बीजेपी सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह इसे ज़मीन पर लागू करे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ओला, उबर, स्विगी, जोमैटो और अमेजन जैसे प्लेटफॉर्म्स पर काम कर रहे लाखों युवाओं को सामाजिक सुरक्षा देना केवल नीतियों में नहीं, व्यवहार में दिखना चाहिए। यदि सरकार ने इसे लागू करने में जल्द कोई ठोस पहल नहीं की, तो कांग्रेस इसे लेकर जनांदोलन करेगी। लाखों मजदूर सामाजिक सुरक्षा से वंचित जूली ने कहा- निर्माण स्थलों, मंडियों, फैक्ट्रियों और ईंट भट्टों पर काम करने वाले लाखों दिहाड़ी मज़दूर आज भी न्यूनतम मजदूरी, स्थिर रोजगार और सामाजिक सुरक्षा से वंचित हैं। ये मजदूर रोजाना मेहनत तो करते हैं, लेकिन उनके लिए कोई स्थायी कल्याण योजना नहीं है। आज भी राजस्थान में हजारों दिहाड़ी मजदूर बिना किसी बीमा, पेंशन या स्वास्थ्य सुविधा के अपने और अपने परिवार का जीवन जोखिम में डालकर राष्ट्रनिर्माण में जुटे हैं। मजदूरों की सुविधाओं के लिए सरकार के सामने रखा डिमांड चार्टर जूली ने कहा- राज्य सरकार दिहाड़ी मजदूरों के लिए विशेष पहचान पत्र जारी करे, जिससे उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ अपने आप मिल सके। श्रमिक पंजीकरण अभियान चलाकर उन्हें स्वास्थ्य बीमा, आवास सहायता और बच्चों की शिक्षा जैसी सुविधाओं से जोड़ा जाए। गिग वर्कर्स एक्ट 2023 को लागू करने की टाइमलाइन और बजट का ऐलान किया जाए। जूली ने सरकार के सामने मजदूरों से जुड़ी मांगों का डिमांड चार्टर रखते हुए कहा कि राज्य स्तरीय गिग वर्कर्स कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए, जो निगरानी और कार्यान्वयन की जिम्मेदारी ले। असंगठित क्षेत्र में न्यूनतम वेतन की गारंटी सुनिश्चित की जाए, और इसके उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई हो। ईएसआई और पीएफ जैसी योजनाओं का विस्तार गिग वर्कर्स और अर्ध-संगठित श्रमिकों तक किया जाए। महिला श्रमिकों के लिए सुरक्षित कार्यस्थल, क्रेच और विश्राम गृह की व्यवस्था की जाए। राज्य स्तरीय श्रमिक हेल्पलाइन बनाई जाए ताकि श्रमिक उत्पीड़न या वेतन चोरी की शिकायत कर सकें। प्रवासी व ग्रामीण श्रमिकों को प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़ा जाए और राज्यव्यापी डिजिटल पंजीकरण अभियान चलाकर गिग वर्कर्स का एक डेटाबेस तैयार किया जाए।

Apr 30, 2025 - 20:30
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जूली बोले- गिग वर्कर्स कल्याण कानून लागू करें सरकार:नहीं किया तो आंदोलन करेंगे, दिहाड़ी मजदूरों को दिए जाए ID-कार्ड
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने मजदूर दिवस से पहले गिग वर्कर्स के अधिकारों को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। जूली ने कहा कि गिग वर्कर्स के कल्याण के लिए कांग्रेस राज में पारित बिल को बीजेपी सरकार ने अब तक लागू नहीं किया है। राजस्थान प्लेटफॉर्म आधारित गिग कर्मकार (पंजीकरण और कल्याण) विधेयक, 2023 को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए। उन्होंने कहा- यह विधेयक देश में गिग वर्कर्स के अधिकारों की सुरक्षा के लिए सबसे प्रगतिशील और ऐतिहासिक कानून के रूप में माना गया था, लेकिन दुर्भाग्य है कि बीजेपी सरकार इसे अब तक अमल में नहीं ला सकी है। उन्होंने कहा कि गिग वर्कर्स को साझेदार बताकर उन्हें श्रमिक अधिकारों से वंचित रखा गया। कांग्रेस सरकार ने उन्हें पहचान, बीमा, सुरक्षा और आपातकालीन सहायता देने का काम किया था। अब बीजेपी सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह इसे ज़मीन पर लागू करे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ओला, उबर, स्विगी, जोमैटो और अमेजन जैसे प्लेटफॉर्म्स पर काम कर रहे लाखों युवाओं को सामाजिक सुरक्षा देना केवल नीतियों में नहीं, व्यवहार में दिखना चाहिए। यदि सरकार ने इसे लागू करने में जल्द कोई ठोस पहल नहीं की, तो कांग्रेस इसे लेकर जनांदोलन करेगी। लाखों मजदूर सामाजिक सुरक्षा से वंचित जूली ने कहा- निर्माण स्थलों, मंडियों, फैक्ट्रियों और ईंट भट्टों पर काम करने वाले लाखों दिहाड़ी मज़दूर आज भी न्यूनतम मजदूरी, स्थिर रोजगार और सामाजिक सुरक्षा से वंचित हैं। ये मजदूर रोजाना मेहनत तो करते हैं, लेकिन उनके लिए कोई स्थायी कल्याण योजना नहीं है। आज भी राजस्थान में हजारों दिहाड़ी मजदूर बिना किसी बीमा, पेंशन या स्वास्थ्य सुविधा के अपने और अपने परिवार का जीवन जोखिम में डालकर राष्ट्रनिर्माण में जुटे हैं। मजदूरों की सुविधाओं के लिए सरकार के सामने रखा डिमांड चार्टर जूली ने कहा- राज्य सरकार दिहाड़ी मजदूरों के लिए विशेष पहचान पत्र जारी करे, जिससे उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ अपने आप मिल सके। श्रमिक पंजीकरण अभियान चलाकर उन्हें स्वास्थ्य बीमा, आवास सहायता और बच्चों की शिक्षा जैसी सुविधाओं से जोड़ा जाए। गिग वर्कर्स एक्ट 2023 को लागू करने की टाइमलाइन और बजट का ऐलान किया जाए। जूली ने सरकार के सामने मजदूरों से जुड़ी मांगों का डिमांड चार्टर रखते हुए कहा कि राज्य स्तरीय गिग वर्कर्स कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए, जो निगरानी और कार्यान्वयन की जिम्मेदारी ले। असंगठित क्षेत्र में न्यूनतम वेतन की गारंटी सुनिश्चित की जाए, और इसके उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई हो। ईएसआई और पीएफ जैसी योजनाओं का विस्तार गिग वर्कर्स और अर्ध-संगठित श्रमिकों तक किया जाए। महिला श्रमिकों के लिए सुरक्षित कार्यस्थल, क्रेच और विश्राम गृह की व्यवस्था की जाए। राज्य स्तरीय श्रमिक हेल्पलाइन बनाई जाए ताकि श्रमिक उत्पीड़न या वेतन चोरी की शिकायत कर सकें। प्रवासी व ग्रामीण श्रमिकों को प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़ा जाए और राज्यव्यापी डिजिटल पंजीकरण अभियान चलाकर गिग वर्कर्स का एक डेटाबेस तैयार किया जाए।