जींद में स्कूल वैन हादसा, परिवहन विभाग करेगा जांच:7 यात्रियों की क्षमता, बैठे थे 14 लोग, आगे वाली सीट पर बैठे थे बच्चे
हरियाणा के जींद में नगूरां के पास सुप्रीम स्कूल की बस का टायर फटने से बेकाबू होकर डिवाइडर से टकरा गई। इसमें पांच बच्चों और चार महिला टीचर को चोटें आई हैं। नियमों को ताक पर रख कर चल रही इस स्कूल वैन में सात यात्रियों की क्षमता है लेकिन घटना के दौरान करीब 14 बच्चे और स्टाफ टीचर मौजूद थे। वैन में कंडक्टर भी नहीं था और बताया जा रहा है कि आगे वाली सीट पर बच्चे बैठे थे। स्कूल वैन में क्षमता से अधिक लोगों का बैठना या बस वैन में फिटनेस की कमी हादसे का कारण हो सकता है। परिवन विभाग इस मामले की जांच करेगा। इसके बाद ही हादसे का सही कारण पता चल पाएगा। RTA अभियान के नाम पर कर रहा खानापूर्ति आरटीए विभाग द्वारा रूटीन में स्कूल बसों की चेकिंग कर फीटनेस जांच करनी होती है लेकिन पिछले काफी समय से यह अभियान बंद पड़ा है। जब भी कोई हादसा होता है तो विभाग के कर्मचारी नींद से जाग जाते हैं लेकिन दो से तीन दिन तक अभियान चलाकर खाना-पूर्ति कर दी जाती है। जिले भर में 300 के करीब निजी स्कूल हैं, जिनमें एक हजार से ज्यादा बसें चल रही हैं। इनमें 30 प्रतिशत से ज्यादा बसें विभाग के नियमों पर खरा नहीं उतर रही। इसके बावजूद भी ये बसें क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाकर बे रोक-टोक चल रही हैं। इतना ही नहीं शहर में भी ऐसे कई स्कूल हैं, जो क्रूजर, आटो में बच्चों को ढोने का काम करते हैं। पहले भी हो चुके कई हादसे
तीन साल पहले ब्राह्मणवास गांव में स्कूल बस और रोडवेज बस की टक्कर हुई थी, जिसमें 12 विद्यार्थी घायल हुए थे। करीब ढाई साल पहले नरवाना के गांव हमीरगढ़ में निजी स्कूल बस की चपेट में आने से एक बच्चे की मौत हो गई थी। पिछले साल दिसंबर में जींद के हांसी रोड पर दिल्ली पब्लिक स्कूल की विद्यार्थियों से भरी बस को पीछे से परिवहन समिति की बस ने टक्कर मार दी। इस हादसे में एक छात्र को गंभीर चोट आई, जबकि अन्य छात्रों को मामूली चोटें आई थी। इसके बावजूद भी आरटीए द्वारा स्कूल बसों की जांच को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। एडीसी विवेक आर्य ने कहा कि स्कूल बसों की पिछले दिनों जिला परिवहन ने जांच की थी। इस स्कूल वैन की जांच हुई थी या नहीं, अगर जांच हुई थी, उसमें क्या पाया गया था। उसका पता किया जाएगा। मामले में जिसकी भी लापरवाही पाई जाती है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
हरियाणा के जींद में नगूरां के पास सुप्रीम स्कूल की बस का टायर फटने से बेकाबू होकर डिवाइडर से टकरा गई। इसमें पांच बच्चों और चार महिला टीचर को चोटें आई हैं। नियमों को ताक पर रख कर चल रही इस स्कूल वैन में सात यात्रियों की क्षमता है लेकिन घटना के दौरान करीब 14 बच्चे और स्टाफ टीचर मौजूद थे। वैन में कंडक्टर भी नहीं था और बताया जा रहा है कि आगे वाली सीट पर बच्चे बैठे थे। स्कूल वैन में क्षमता से अधिक लोगों का बैठना या बस वैन में फिटनेस की कमी हादसे का कारण हो सकता है। परिवन विभाग इस मामले की जांच करेगा। इसके बाद ही हादसे का सही कारण पता चल पाएगा। RTA अभियान के नाम पर कर रहा खानापूर्ति आरटीए विभाग द्वारा रूटीन में स्कूल बसों की चेकिंग कर फीटनेस जांच करनी होती है लेकिन पिछले काफी समय से यह अभियान बंद पड़ा है। जब भी कोई हादसा होता है तो विभाग के कर्मचारी नींद से जाग जाते हैं लेकिन दो से तीन दिन तक अभियान चलाकर खाना-पूर्ति कर दी जाती है। जिले भर में 300 के करीब निजी स्कूल हैं, जिनमें एक हजार से ज्यादा बसें चल रही हैं। इनमें 30 प्रतिशत से ज्यादा बसें विभाग के नियमों पर खरा नहीं उतर रही। इसके बावजूद भी ये बसें क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाकर बे रोक-टोक चल रही हैं। इतना ही नहीं शहर में भी ऐसे कई स्कूल हैं, जो क्रूजर, आटो में बच्चों को ढोने का काम करते हैं। पहले भी हो चुके कई हादसे
तीन साल पहले ब्राह्मणवास गांव में स्कूल बस और रोडवेज बस की टक्कर हुई थी, जिसमें 12 विद्यार्थी घायल हुए थे। करीब ढाई साल पहले नरवाना के गांव हमीरगढ़ में निजी स्कूल बस की चपेट में आने से एक बच्चे की मौत हो गई थी। पिछले साल दिसंबर में जींद के हांसी रोड पर दिल्ली पब्लिक स्कूल की विद्यार्थियों से भरी बस को पीछे से परिवहन समिति की बस ने टक्कर मार दी। इस हादसे में एक छात्र को गंभीर चोट आई, जबकि अन्य छात्रों को मामूली चोटें आई थी। इसके बावजूद भी आरटीए द्वारा स्कूल बसों की जांच को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। एडीसी विवेक आर्य ने कहा कि स्कूल बसों की पिछले दिनों जिला परिवहन ने जांच की थी। इस स्कूल वैन की जांच हुई थी या नहीं, अगर जांच हुई थी, उसमें क्या पाया गया था। उसका पता किया जाएगा। मामले में जिसकी भी लापरवाही पाई जाती है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।