जयपुर-दिल्ली संगीत घराने की मिश्रित कथक प्रस्तुति दी:बोले- भाग दौड़ भरी जिंदगी में सुकून देता है शास्त्रीय संगीत, दर्शक हुए मंत्रमुग्ध
भीलवाड़ा में पंडित राजकुमार जवड़ा स्मृति में रविवार रात कथक समारोह हुआ। कार्यक्रम महाराणा प्रताप सभागार (नगर निगम) में हुआ। कथक प्रेमियों ने देर रात तक कार्यक्रम का आनंद लिया। मंच पर जयपुर, दिल्ली और लखनऊ घराने की प्रस्तुतियां दी गईं। आयोजक रमा पचिसिया ने बताया- युवा नृत्यांगना मनस्वी पचीसिया ने गुरु बिंदाधीन महाराज की ओर से रचित और पं. कन्हैयालाल जवड़ा की ओर से स्वरित अष्टपदी की प्रस्तुति दी। इसमें जयपुर घराने की थाठ, अंदाज आदि की विशेषताओं के बारे में भी बताया। जयपुर घराने के युवा कलाकार जवड़ा बन्धु चेतन व भवदीप जवड़ा ने गुरु वंदना गुरु मेरे दीनो जग को सार की प्रस्तुति दी। इसमें गुरु महिमा के साथ शुद्ध पारंपरिक, परन, क्लिट, बंदिशों के बारे में बताया। दिल्ली के गौरव जवड़ा एवं हिमानी जवड़ा ने जयपुर व लखनऊ घराने की मिश्रित प्रस्तुति दी। दिल्ली के कथक गुरु अमित खींची ने शिव स्तुति, रंगीला शंभू की प्रस्तुति दी। गुरु पंडित सुंदर प्रसाद, पंडित जयलाल, पंडित राजेन्द्र गंगानी की ओर से रचित सुन्दर प्रस्तुतियां दी गई। राजकुमार जवड़ा स्मृति नृत्यदीप्ति सम्मान शहर की युवा कलाकार अंकिता राणावत को दिया गया। संगती कलाकार के रूप में मोहित गंगानी तबला, रमेश मेवाल गायन, मोहित चौहान तबला, अमरूद्दीन खान सारंगी, किशन कथक सितार, सिद्धांत पुरोहित ने साथ दिया। विरासत नई पीढ़ी को हस्तांतरित किया जा रहा उन्होंने बताया- शास्त्रीय नृत्य हमारी प्राचीन विरासत है। आज पश्चिम के प्रभाव में बच्चे भटक रहे हैं। इन्हें अपनी संस्कृति और विरासत से जोड़ना कार्यक्रम का उद्देश्य है। नौ रसों में शांति अंतिम रस है। आखिर में इंसान को शांति की ओर लौटना होता है। शास्त्रीय संगीत शांति देता है। शास्त्रीय संगीत में बहुत सुकून है। भागमभाग के जीवन में संगीत तनाव से दूर रखता है। शास्त्रीय संगीत में ताकत है। हम यह विरासत नई पीढ़ी को देने का काम कर रहे हैं। इनकी रही मौजूदगी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधायक अशोक कोठारी, एडीएम ओमप्रकाश मेहरा, टीसी छाबड़ा, राकेश मानसिंहका, ओंकार लाल माली, एलएन डाड, नीतू ओस्तवाल, प्रियंका अग्रवाल, गोपाल आचार्य, महेन्द्र कुमार पारख रहे।
भीलवाड़ा में पंडित राजकुमार जवड़ा स्मृति में रविवार रात कथक समारोह हुआ। कार्यक्रम महाराणा प्रताप सभागार (नगर निगम) में हुआ। कथक प्रेमियों ने देर रात तक कार्यक्रम का आनंद लिया। मंच पर जयपुर, दिल्ली और लखनऊ घराने की प्रस्तुतियां दी गईं। आयोजक रमा पचिसिया ने बताया- युवा नृत्यांगना मनस्वी पचीसिया ने गुरु बिंदाधीन महाराज की ओर से रचित और पं. कन्हैयालाल जवड़ा की ओर से स्वरित अष्टपदी की प्रस्तुति दी। इसमें जयपुर घराने की थाठ, अंदाज आदि की विशेषताओं के बारे में भी बताया। जयपुर घराने के युवा कलाकार जवड़ा बन्धु चेतन व भवदीप जवड़ा ने गुरु वंदना गुरु मेरे दीनो जग को सार की प्रस्तुति दी। इसमें गुरु महिमा के साथ शुद्ध पारंपरिक, परन, क्लिट, बंदिशों के बारे में बताया। दिल्ली के गौरव जवड़ा एवं हिमानी जवड़ा ने जयपुर व लखनऊ घराने की मिश्रित प्रस्तुति दी। दिल्ली के कथक गुरु अमित खींची ने शिव स्तुति, रंगीला शंभू की प्रस्तुति दी। गुरु पंडित सुंदर प्रसाद, पंडित जयलाल, पंडित राजेन्द्र गंगानी की ओर से रचित सुन्दर प्रस्तुतियां दी गई। राजकुमार जवड़ा स्मृति नृत्यदीप्ति सम्मान शहर की युवा कलाकार अंकिता राणावत को दिया गया। संगती कलाकार के रूप में मोहित गंगानी तबला, रमेश मेवाल गायन, मोहित चौहान तबला, अमरूद्दीन खान सारंगी, किशन कथक सितार, सिद्धांत पुरोहित ने साथ दिया। विरासत नई पीढ़ी को हस्तांतरित किया जा रहा उन्होंने बताया- शास्त्रीय नृत्य हमारी प्राचीन विरासत है। आज पश्चिम के प्रभाव में बच्चे भटक रहे हैं। इन्हें अपनी संस्कृति और विरासत से जोड़ना कार्यक्रम का उद्देश्य है। नौ रसों में शांति अंतिम रस है। आखिर में इंसान को शांति की ओर लौटना होता है। शास्त्रीय संगीत शांति देता है। शास्त्रीय संगीत में बहुत सुकून है। भागमभाग के जीवन में संगीत तनाव से दूर रखता है। शास्त्रीय संगीत में ताकत है। हम यह विरासत नई पीढ़ी को देने का काम कर रहे हैं। इनकी रही मौजूदगी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधायक अशोक कोठारी, एडीएम ओमप्रकाश मेहरा, टीसी छाबड़ा, राकेश मानसिंहका, ओंकार लाल माली, एलएन डाड, नीतू ओस्तवाल, प्रियंका अग्रवाल, गोपाल आचार्य, महेन्द्र कुमार पारख रहे।