गोंडा में कोविड जांच के लिए नहीं है जांच किट:मरीजों के इलाज के लिए पीपीई किट भी नहीं, मेडिकल कॉलेज में 20 बेड सुरक्षित

प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच गोंडा स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां अधूरी हैं। मेडिकल कॉलेज में कोविड के लिए 20 बेड का जनरल वार्ड तैयार किया गया है। जिले के 17 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी दो-दो बेड आरक्षित किए गए हैं। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग की गंभीर लापरवाही सामने आई है। जिले में न तो कोविड जांच के लिए टेस्टिंग किट उपलब्ध हैं और न ही मरीजों के इलाज के लिए पीपीई किट। मेडिकल कॉलेज में स्थापित जांच केंद्र पूरी तरह से बंद पड़ा है। केंद्र में धूल जमी हुई है और कोई कर्मचारी तैनात नहीं है। इस स्थिति में मरीजों की जांच और इलाज कैसे होगा, यह चिंता का विषय है। स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर होने का दावा कर रहा है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं की कमी स्पष्ट दिख रही है। कोविड मरीजों को चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने के लिए आवश्यक संसाधनों की तत्काल व्यवस्था की जरूरत है। गोंडा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रश्मि वर्मा ने कोविड जांच के लिए और जांच और पीपीई किट के लिए शासन को पत्र लिखा है निर्देश मिलने के बाद कोविड जांच और पीपीई किट खरीदा जाएगा। वही गोंडा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रश्मि वर्मा ने बताया कि गोंडा में कोरोना के मरीजों की जांच के लिए किट उपलब्ध नहीं है। जांच किट उपलब्ध करवाने को लेकर के पत्र भेजा गया है। पीपीई किट भी पुरानी जो थी वह एक्सपायर हो चुकी है। नई पीपीई किट भी नहीं है, उसको लेकर के भी पत्र भेजा गया है। गोंडा मेडिकल कॉलेज में और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में अलग-अलग बेड आरक्षित किए गए हैं जहां मरीज मिलने पर उनका इलाज किया जाएगा। किसी के अंदर अगर कोरोना जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो वह अपने नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर या अपने नजदीकी किसी भी सरकारी अस्पताल में जाकर के अपनी जांच करवा सकते हैं। कोरोना के जो भी नियम है उन नियमों का लोगों को पालन करना चाहिए अभी फिलहाल गोंडा में कोई भी कोरोना का मरीज नहीं है। लेकिन प्रदेश में संभावित मामले जो लगातार बढ़ रहे हैं उसको लेकर के हम लोग अलर्ट हैं। वही गोंडा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रश्मि वर्मा ने बताया कि गोंडा में कोरोना के मरीजों की जांच के लिए किट उपलब्ध नहीं है जांच किट उपलब्ध करवाने को लेकर के पत्र भेजा गया है। पीपीई किट भी पुरानी जो थी वह एक्सपायर हो चुकी है नई पीपीई किट भी नहीं है उसको लेकर के भी पत्र भेजा गया है। गोंडा मेडिकल कॉलेज में और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में अलग-अलग बेड आरक्षित किए गए हैं जहां मरीज मिलने पर उनका इलाज किया जाएगा। किसी के अंदर अगर कोरोना जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो वह अपने नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर या अपने नजदीकी किसी भी सरकारी अस्पताल में जाकर के अपनी जांच करवा सकते हैं। कोरोना के जो भी नियम है उन नियमों का लोगों को पालन करना चाहिए अभी फिलहाल गोंडा में कोई भी कोरोना का मरीज नहीं है। लेकिन प्रदेश में संभावित मामले जो लगातार बढ़ रहे हैं उसको लेकर के हम लोग अलर्ट हैं।

Jun 2, 2025 - 13:28
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गोंडा में कोविड जांच के लिए नहीं है जांच किट:मरीजों के इलाज के लिए पीपीई किट भी नहीं, मेडिकल कॉलेज में 20 बेड सुरक्षित
प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच गोंडा स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां अधूरी हैं। मेडिकल कॉलेज में कोविड के लिए 20 बेड का जनरल वार्ड तैयार किया गया है। जिले के 17 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी दो-दो बेड आरक्षित किए गए हैं। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग की गंभीर लापरवाही सामने आई है। जिले में न तो कोविड जांच के लिए टेस्टिंग किट उपलब्ध हैं और न ही मरीजों के इलाज के लिए पीपीई किट। मेडिकल कॉलेज में स्थापित जांच केंद्र पूरी तरह से बंद पड़ा है। केंद्र में धूल जमी हुई है और कोई कर्मचारी तैनात नहीं है। इस स्थिति में मरीजों की जांच और इलाज कैसे होगा, यह चिंता का विषय है। स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर होने का दावा कर रहा है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं की कमी स्पष्ट दिख रही है। कोविड मरीजों को चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने के लिए आवश्यक संसाधनों की तत्काल व्यवस्था की जरूरत है। गोंडा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रश्मि वर्मा ने कोविड जांच के लिए और जांच और पीपीई किट के लिए शासन को पत्र लिखा है निर्देश मिलने के बाद कोविड जांच और पीपीई किट खरीदा जाएगा। वही गोंडा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रश्मि वर्मा ने बताया कि गोंडा में कोरोना के मरीजों की जांच के लिए किट उपलब्ध नहीं है। जांच किट उपलब्ध करवाने को लेकर के पत्र भेजा गया है। पीपीई किट भी पुरानी जो थी वह एक्सपायर हो चुकी है। नई पीपीई किट भी नहीं है, उसको लेकर के भी पत्र भेजा गया है। गोंडा मेडिकल कॉलेज में और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में अलग-अलग बेड आरक्षित किए गए हैं जहां मरीज मिलने पर उनका इलाज किया जाएगा। किसी के अंदर अगर कोरोना जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो वह अपने नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर या अपने नजदीकी किसी भी सरकारी अस्पताल में जाकर के अपनी जांच करवा सकते हैं। कोरोना के जो भी नियम है उन नियमों का लोगों को पालन करना चाहिए अभी फिलहाल गोंडा में कोई भी कोरोना का मरीज नहीं है। लेकिन प्रदेश में संभावित मामले जो लगातार बढ़ रहे हैं उसको लेकर के हम लोग अलर्ट हैं। वही गोंडा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रश्मि वर्मा ने बताया कि गोंडा में कोरोना के मरीजों की जांच के लिए किट उपलब्ध नहीं है जांच किट उपलब्ध करवाने को लेकर के पत्र भेजा गया है। पीपीई किट भी पुरानी जो थी वह एक्सपायर हो चुकी है नई पीपीई किट भी नहीं है उसको लेकर के भी पत्र भेजा गया है। गोंडा मेडिकल कॉलेज में और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में अलग-अलग बेड आरक्षित किए गए हैं जहां मरीज मिलने पर उनका इलाज किया जाएगा। किसी के अंदर अगर कोरोना जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो वह अपने नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर या अपने नजदीकी किसी भी सरकारी अस्पताल में जाकर के अपनी जांच करवा सकते हैं। कोरोना के जो भी नियम है उन नियमों का लोगों को पालन करना चाहिए अभी फिलहाल गोंडा में कोई भी कोरोना का मरीज नहीं है। लेकिन प्रदेश में संभावित मामले जो लगातार बढ़ रहे हैं उसको लेकर के हम लोग अलर्ट हैं।