गुगुलडीह वेलनेस में मरीजों के वार्ड में खड़ी रहती बाइक:डॉक्टर नहीं; ANM करती है इलाज, सीएचओ ने स्वीकार की गलती

जमुई के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति चिंताजनक है। सरकार ने लाखों रुपए खर्च कर अस्पताल भवन बनवाए हैं। लेकिन डॉक्टरों की तैनाती नहीं होने से मरीजों को उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। जहां बरहट प्रखंड के गुगुलडीह वेलनेस सेंटर की स्थिति इसका जीता-जागता उदाहरण है। यहां मरीजों के लिए बने वार्ड का इस्तेमाल पार्किंग स्थल के रूप में किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अपनी गाड़ियां वार्ड में ही खड़ी करते हैं। बता दें कि वेलनेस सेंटर में तीन एएनएम कार्यरत हैं। सामान्य बीमारियों का होता इलाज एएनएम शोभा रानी ने बताया कि यहां सिर्फ सामान्य बीमारियों जैसे सर्दी, खांसी, बुखार, बीपी और शुगर का इलाज होता है। गर्भवती महिलाओं की जांच की जाती है। सामान्य प्रसव की स्थिति में ही मरीजों को भर्ती किया जाता है। जटिल मामलों को बरहट अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। बाइक पार्किंग को लेकर स्वीकार की गलती सीएचओ राजबाला कुमारी वर्मा ने बताया कि केंद्र में 24 घंटे सेवाएं उपलब्ध हैं। दो स्वास्थ्य कर्मी यहीं रहते हैं। वार्ड में बाइक पार्किंग के मामले में उन्होंने अपनी गलती स्वीकार की। उन्होंने कहा कि उनके बच्चे की तबीयत खराब होने के कारण पति की बाइक अस्थायी रूप से वार्ड में खड़ी की गई थी, जिसे तुरंत हटा दिया गया। स्वास्थ्य विभाग की इस लापरवाही से क्षेत्र के लोगों को इलाज के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यह स्थिति सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं की जमीनी हकीकत को दर्शाती है। अधिकारी ने नहीं दिया कोई जवाब बरहट प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी विवेक कुमार सिंह से जब पूरी मामले की जानकारी लेना चाहा तो उन्होंने अपना फोन डाटा ऑपरेटर विमल कुमार नाम के व्यक्ति को दे दिया और कुछ भी बोलने से इनकार किया, दोबारा जब उनसे संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।

Mar 27, 2025 - 13:10
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गुगुलडीह वेलनेस में मरीजों के वार्ड में खड़ी रहती बाइक:डॉक्टर नहीं; ANM करती है इलाज, सीएचओ ने स्वीकार की गलती
जमुई के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति चिंताजनक है। सरकार ने लाखों रुपए खर्च कर अस्पताल भवन बनवाए हैं। लेकिन डॉक्टरों की तैनाती नहीं होने से मरीजों को उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। जहां बरहट प्रखंड के गुगुलडीह वेलनेस सेंटर की स्थिति इसका जीता-जागता उदाहरण है। यहां मरीजों के लिए बने वार्ड का इस्तेमाल पार्किंग स्थल के रूप में किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अपनी गाड़ियां वार्ड में ही खड़ी करते हैं। बता दें कि वेलनेस सेंटर में तीन एएनएम कार्यरत हैं। सामान्य बीमारियों का होता इलाज एएनएम शोभा रानी ने बताया कि यहां सिर्फ सामान्य बीमारियों जैसे सर्दी, खांसी, बुखार, बीपी और शुगर का इलाज होता है। गर्भवती महिलाओं की जांच की जाती है। सामान्य प्रसव की स्थिति में ही मरीजों को भर्ती किया जाता है। जटिल मामलों को बरहट अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। बाइक पार्किंग को लेकर स्वीकार की गलती सीएचओ राजबाला कुमारी वर्मा ने बताया कि केंद्र में 24 घंटे सेवाएं उपलब्ध हैं। दो स्वास्थ्य कर्मी यहीं रहते हैं। वार्ड में बाइक पार्किंग के मामले में उन्होंने अपनी गलती स्वीकार की। उन्होंने कहा कि उनके बच्चे की तबीयत खराब होने के कारण पति की बाइक अस्थायी रूप से वार्ड में खड़ी की गई थी, जिसे तुरंत हटा दिया गया। स्वास्थ्य विभाग की इस लापरवाही से क्षेत्र के लोगों को इलाज के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यह स्थिति सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं की जमीनी हकीकत को दर्शाती है। अधिकारी ने नहीं दिया कोई जवाब बरहट प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी विवेक कुमार सिंह से जब पूरी मामले की जानकारी लेना चाहा तो उन्होंने अपना फोन डाटा ऑपरेटर विमल कुमार नाम के व्यक्ति को दे दिया और कुछ भी बोलने से इनकार किया, दोबारा जब उनसे संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।