क्‍या है दुनिया का ट्रेड रूट hormuz strait, अगर ईरान ने लॉक कर दिया तो बंद हो जाएगा भारत और दुनिया का तेल

ईरान और इजरायल के बीच भयंकर युद्ध शुरू हो गया है। इस बीच अमेरिका ने इस वॉर में भाग लेकर आग में घी डाल दिया है। जिस तरह से दोनों एक दूसरे पर हमले कर रहे हैं, उसे देखकर लगता है कि आने वाले दिनों में स्‍थिति गंभीर हो सकती है। यह सीधेतौर पर तीसरे ...

Jun 23, 2025 - 14:24
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क्‍या है दुनिया का ट्रेड रूट hormuz strait, अगर ईरान ने लॉक कर दिया तो बंद हो जाएगा भारत और दुनिया का तेल

hormuz strait
ईरान और इजरायल के बीच भयंकर युद्ध शुरू हो गया है। इस बीच अमेरिका ने इस वॉर में भाग लेकर आग में घी डाल दिया है। जिस तरह से दोनों एक दूसरे पर हमले कर रहे हैं, उसे देखकर लगता है कि आने वाले दिनों में स्‍थिति गंभीर हो सकती है। यह सीधेतौर पर तीसरे विश्‍वयुद्ध का संकेत है। लगातार हमलों के बीच ईरान अपना होर्मुज स्ट्रेट बंद कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो दुनिया और खासकर के भारत पर क्‍या और कैसे होगा असर।

क्‍या बंद हो सकता है होर्मुज स्ट्रेट : अमेरिका ने ईरान के 3 परमाणु ठिकानों पर बमबारी की है। इसके बाद मध्य पूर्व में तनाव अब और भी ज्यादा गहरा गया है। अमेरिका की कार्रवाई के जवाब में ईरान होर्मुज स्ट्रेट को बंद कर सकता है, जो पूरी दुनिया के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण ट्रेड रूट है। दुनिया के कुल तेल और गैस सप्लाई का पांचवां हिस्सा यानी 20 प्रतिशत होर्मुज स्ट्रेट के रास्ते से ही होता है। इस रूट से रोजाना 2 करोड़ बैरल तेल का ट्रांसपोर्ट होता है और एक महीने में करीब 3,000 विशाल जहाज यहां से गुजरते हैं।

क्‍यों अहम है होर्मुज स्ट्रेट : बता दें कि दुनिया की कुल तेल खपत का लगभग 5वां हिस्सा होर्मुज जलडमरूमध्य से होकर गुजरता है। इसके अलावा साल 2024 में विश्व के कुल तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) व्यापार का भी करीब पांचवां हिस्सा होर्मुज जलडमरूमध्य से होकर ही गुजरा, मुख्य रूप से कतर से। एनालिटिक्स फर्म वोर्टेक्सा के डेटा के मुताबिक, साल 2022 की शुरुआत और पिछले महीने के बीच, हर दिन लगभग 17.8 मिलियन से 20.8 मिलियन बैरल कच्चा तेल, कंडेनसेट और अन्य ईंधन होर्मुज जलडमरूमध्य से होकर निकलता था। पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (OPEC) के सदस्य देश- सऊदी अरब, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत और इराक अपने ज्यादातर कच्चे तेल का निर्यात इसी रूट से करते हैं, खासतौर से एशिया को।

ईरान ने बंद कर दिया होर्मुज स्ट्रेट तो : जिस तरह से ईरान और इजरायल के बीच वॉर चल रहा है, और अमेरिका इसमें बीच में आ गया है। ऐसे में ईरान के अस्‍तित्‍व पर खतरा मंडरा रहा है। अगर इस बीच ईरान होर्मुज स्ट्रेट को बंद करने का फैसला लेता है तो यहां से गुजरने वाले सभी जहाज थम जाएंगे और पूरी दुनिया में तेल-गैस की सप्लाई ठप हो सकती है। रूट बंद होने से दुनियाभर में तेल का व्यापार अस्त-व्यस्त हो सकता है और इसका सीधा असर वैश्विक तेल की कीमतों पर पड़ेगा और पूरे विश्व में तेल की कीमतें बहुत ज्यादा बढ़ जाएंगी। तेल की कीमतें बढ़ने से ट्रांसपोर्टेशन महंगा होगा और इससे लगभग सभी चीजें महंगी हो जाएंगी।

महंगाई की चपेट में आएंगे कई देश : होर्मुज स्ट्रेट को बंद करना, डोनाल्ड ट्रम्प के लिए मुश्‍किलें बढाने जैसा होगा। दरअसल, इससे तेल की कीमतों में उछाल आएगा, जिससे अमेरिका समेत पूरी दुनिया में तत्काल प्रभाव से महंगाई बढ़ जाएगी। लेकिन, ये ईरान के लिए भी आर्थिक रूप से आत्म-क्षति होगी, क्योंकि ईरान का तेल भी इसी रास्ते का इस्तेमाल करता है। इसके अलावा, होर्मुज को बंद करने से खाड़ी के अरब देश भी अपने हितों की रक्षा के लिए युद्ध में शामिल होने के लिए मजबूर हो सकते हैं।

क्‍या होगा चीन पर असर : होर्मुज स्ट्रेट को बंद करने का सबसे बुरा असर चीन पर पड़ेगा। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन, ईरान के कुल तेल निर्यात का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा खरीदता है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा है कि अगर ईरान होर्मुज स्ट्रेट को बंद करता है तो ये एक और भयानक गलती होगी और उनके लिए आर्थिक आत्महत्या होगी।

भारत पर क्या असर होगा : केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि सरकार लगातार स्थिति की समीक्षा कर रही है, जिसमें होर्मुज स्ट्रेट के बंद होने की आशंका भी शामिल है। मंत्री ने कहा कि हमने आपूर्ति के स्रोतों में विविधता लाई है। भारत में प्रतिदिन खपत होने वाले 5.5 मिलियन बैरल कच्चे तेल में से लगभग 1.5 से 2 मिलियन होर्मुज जलडमरूमध्य के माध्यम से आता है। हम अन्य मार्गों से लगभग 4 मिलियन बैरल आयात करते हैं। हमारी तेल मार्केटिंग कंपनियों के पास पर्याप्त स्टॉक है। ज्यादातर तेल कंपनियों के पास 3 हफ्ते तक का स्टॉक है जबकि एक कंपनी के 25 दिनों का स्टॉक है।

कहां है होर्मुज स्ट्रेट : होर्मुज स्ट्रेट ईरान और ओमान के बीच एक महत्वपूर्ण और प्रमुख जलमार्ग है। ये उत्तर में फारस की खाड़ी को दक्षिण में ओमान की खाड़ी और उससे आगे अरब सागर से जोड़ता है। ये अपने सबसे संकरे बिंदु पर 33 किमी चौड़ा है, जबकि शिपिंग लेन सिर्फ 3 किमी चौड़ी है। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) भी होर्मुज जलडमरूमध्य से काफी नजदीक है।
Edited By: Navin Rangiyal