कृष्णावती नदी में अवैध खनन का विरोध:तीन दिन से धरने पर बैठे ग्रामीण, मंत्री से मिलने पहुंचे सर्किट हाउस
जावाल के बायोशा मंदिर परिसर में कृष्णावती नदी में हो रहे अवैध बजरी खनन के विरोध में स्थानीय ग्रामीण धरने पर बैठे हैं। कृष्णावती नदी संघर्ष समिति के बैनर तले जावाल और आसपास के गांवों में सम्पूर्ण बंद का आह्वान किया गया है। सोमवार से शुरू हुए इस धरने में समिति ने प्रदर्शनकारियों के लिए टेंट, पानी और भोजन की व्यवस्था की है। ग्रामीणों का कहना है कि पूर्व में दो बार धरना देने के बाद भी केवल आश्वासन मिले, कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि बड़ी मशीनों से नदी में अवैध खनन किया जा रहा है। उनका मानना है कि इस तरह के खनन से क्षेत्र में पानी की गंभीर समस्या हो सकती है और कृषि कुओं में सिंचाई के लिए पर्याप्त जल नहीं रहेगा। धरने के समर्थन में कांग्रेस और भाजपा के स्थानीय पदाधिकारियों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही उन्होंने किसी भी राजनीतिक कार्यक्रम में शामिल न होने का निर्णय लिया है। बुधवार को राज्यमंत्री ओटाराम देवासी ने ग्रामीणों को शाम 4 बजे सर्किट हाउस में मिलने का समय दिया। ग्रामवासी समय से पहले ही पहुंच गए, वहां उन्हें मंत्री के आने का इंतजार करना पड़ा। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए रेवदर और सिरोही के सीओ, तहसीलदार, बरलूट थाना अधिकारी समेत आरएसी और विभिन्न थानों की पुलिस मौके पर तैनात है।
