किस दिन पड़ रही है शनि अमावस्या, पितृ दोष शांत करने के लिए करें ये उपाय, इन मंत्रों का करें जाप

सनातन धर्म अमावस्या का विशेष महत्व माना जाता है। इसा बार शनि अमावस्या 29 मार्च 2025, दिन शनिवार को है। चैत्र मास में शनि अमावस्या पड़ रही है। अमावस्या के दिन पितरों की पूजा की जाती है। शनि अमावस्या को शनि देव की पूजा और शनि से जुड़े उपाय किए जाते हैं, जिससे पितृ दोष से मुक्ति मिले। इसके साथ ही आपके कुंडली में शनि की अशुभ स्थिति, साढ़े साती , ढैय्या आदि के लिए उपाय कर सकते हैं। इस दिन शनि देव की पूजा करने और शनि मंत्रों को जप करने से पितृ दोष से छुटकारा मिल जाता है।शनि अमावस्या पर पितृ दोष दूर करने के उपायज्योतिष के अनुसार, अमावस्या के दिन पितृ धरती पर आते हैं। पितरों की आत्मा की शांति और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दीपदान, तर्पण और उनके निमित्त पूजा की जा सकती है। इस दिन आफ गरीबों या फिर मंदिर में जाकर तिल का दान कर सकती हैं।  इसके अतिरिक्त गाय को चारा और पक्षियों को दान किया जाता है। माना जाता है कि इससे पितृ दोष दूर होता है। पितृदोष शांति के लिए इन मंत्रों का करें जाप- ऊं पितृभ्यः स्वधायिभ्यः स्वाहा मंत्र जल तर्पण करते समय 11 या 21 बार जपें।- ऊं तत्पुरुषाय विद्महे, महामृत्युंजय धीमहि, तन्नो पितृ प्रचोदयात् मंत्र का जप कर सकते हैं।- ऊं नमो भगवते वासुदेवाय पितृ दोष निवारणाय स्वाहा मंत्र का जप करें।- ऊं पितृ देवतायै नमः मंत्र जप सकते हैं।- ऊं देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च, नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम: मंत्र का जप करें। शनि ग्रह शांति के उपायशनि अमावस्या पर हनुमान जी की उपसाना करें। इसके अलावा हनुमान चलीसा, बजरंग बाण और सुंदरकांड का पाठ करें। आप पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने और शनि मंत्र का जप से कुंडली में शनि ग्रह शांत हो जाते हैं। शनि देव के इस मंत्र का जाप करें- ऊं शं शनैश्चराय नमः मंत्र जप करें। इसके साथ ही आप छायादान कर सकते हैं। इसे करने के लिए एक पात्र में सरसों का तेल लें। उसमें अपनी परछाई देखने के बाद उसे दान कर दें। इससे शनि दोष दूर हो जाता है।

Mar 26, 2025 - 13:06
 0
किस दिन पड़ रही है शनि अमावस्या, पितृ दोष शांत करने के लिए करें ये उपाय, इन मंत्रों का करें जाप
सनातन धर्म अमावस्या का विशेष महत्व माना जाता है। इसा बार शनि अमावस्या 29 मार्च 2025, दिन शनिवार को है। चैत्र मास में शनि अमावस्या पड़ रही है। अमावस्या के दिन पितरों की पूजा की जाती है। शनि अमावस्या को शनि देव की पूजा और शनि से जुड़े उपाय किए जाते हैं, जिससे पितृ दोष से मुक्ति मिले। इसके साथ ही आपके कुंडली में शनि की अशुभ स्थिति, साढ़े साती , ढैय्या आदि के लिए उपाय कर सकते हैं। इस दिन शनि देव की पूजा करने और शनि मंत्रों को जप करने से पितृ दोष से छुटकारा मिल जाता है।

शनि अमावस्या पर पितृ दोष दूर करने के उपाय

ज्योतिष के अनुसार, अमावस्या के दिन पितृ धरती पर आते हैं। पितरों की आत्मा की शांति और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दीपदान, तर्पण और उनके निमित्त पूजा की जा सकती है। इस दिन आफ गरीबों या फिर मंदिर में जाकर तिल का दान कर सकती हैं।  इसके अतिरिक्त गाय को चारा और पक्षियों को दान किया जाता है। माना जाता है कि इससे पितृ दोष दूर होता है।

 पितृदोष शांति के लिए इन मंत्रों का करें जाप

- ऊं पितृभ्यः स्वधायिभ्यः स्वाहा मंत्र जल तर्पण करते समय 11 या 21 बार जपें।
- ऊं तत्पुरुषाय विद्महे, महामृत्युंजय धीमहि, तन्नो पितृ प्रचोदयात् मंत्र का जप कर सकते हैं।
- ऊं नमो भगवते वासुदेवाय पितृ दोष निवारणाय स्वाहा मंत्र का जप करें।
- ऊं पितृ देवतायै नमः मंत्र जप सकते हैं।
- ऊं देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च, नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम: मंत्र का जप करें।
 
शनि ग्रह शांति के उपाय

शनि अमावस्या पर हनुमान जी की उपसाना करें। इसके अलावा हनुमान चलीसा, बजरंग बाण और सुंदरकांड का पाठ करें। आप पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने और शनि मंत्र का जप से कुंडली में शनि ग्रह शांत हो जाते हैं। शनि देव के इस मंत्र का जाप करें- ऊं शं शनैश्चराय नमः मंत्र जप करें। इसके साथ ही आप छायादान कर सकते हैं। इसे करने के लिए एक पात्र में सरसों का तेल लें। उसमें अपनी परछाई देखने के बाद उसे दान कर दें। इससे शनि दोष दूर हो जाता है।