इंटरनेट यूजर्स के लिए सरकार लेकर आ रहा है Made in India वेब ब्राउजर, माइक्रोसॉफ्ट-गूगल को मिलेगी टक्कर

इंटरनेट यूजर्स सबसे ज्यादा गूगल क्रोम और माइक्रोसॉफ्ट एज ब्राउजर का इस्तेमाल करते हैं। दुनियाभर में गूगल क्रोम, माइक्रोसॉफ्ट एज और मोजिला फायरफॉक्स जैसे ब्राउजर का इस्तेमाल किया जाता है। अब भारत भी जल्द ही अपना वेब ब्राउजर मिल सकता है। इसे बनाने की जिम्मेदारी भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी जोहो कार्पोरेशन को मिला है। इस गुरुवार को केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने घोषणा की। जोहो को मिला 1 करोड़ प्राइस का पुरुस्कार दरअसल, स्वदेशी वेब ब्राउजर डेवलप करने के उद्देश्य से 'इंडियन वेब ब्राउजर डेवलपमेंट चैलेंज' नाम से एक प्रतियोगिता आयोजित की थी, जिसमें जोहो कार्पोरेशन ने फर्स्ट प्राइज जीता है। इसके लिए जोहो को 1 करोड़ रुपए का प्राइस मिला है। वहीं, प्रतियोगिता में टीम पिंग दूसरे और टीम अजना तीसरे नंबर पर रही। टीम पिंग को 75 लाख रुपए और टीम अजना को 50 लाख रुपए मिलेंगे। यह तीनों कंपनियां आगे चलकर इंडियन ब्राउजर का निर्माण करेंगी।क्या खासियत होगी ब्राउजर की- डेटा सिक्योरिटी: इस ब्राउजर के आने से सरकार की निगरानी रहेगी और इसमें देश का डेटा देश में ही रहेगा।- डेटा प्राइवेसी: मेड इंडिया ब्राउजर डेटा प्राइवेसी एक्ट लागू होगा। इससे यूजर्स का डेटा भी सुरक्षित रहेगा।- सभी डिवाइस जैसे कि iOS, विंडोज और एंड्राइड सभी ऑपरेटिंग सिस्टम पर करेगा। 

Mar 25, 2025 - 16:15
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इंटरनेट यूजर्स के लिए सरकार लेकर आ रहा है Made in India वेब ब्राउजर, माइक्रोसॉफ्ट-गूगल को मिलेगी टक्कर
इंटरनेट यूजर्स सबसे ज्यादा गूगल क्रोम और माइक्रोसॉफ्ट एज ब्राउजर का इस्तेमाल करते हैं। दुनियाभर में गूगल क्रोम, माइक्रोसॉफ्ट एज और मोजिला फायरफॉक्स जैसे ब्राउजर का इस्तेमाल किया जाता है। अब भारत भी जल्द ही अपना वेब ब्राउजर मिल सकता है। इसे बनाने की जिम्मेदारी भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी जोहो कार्पोरेशन को मिला है। इस गुरुवार को केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने घोषणा की। 

जोहो को मिला 1 करोड़ प्राइस का पुरुस्कार 

दरअसल, स्वदेशी वेब ब्राउजर डेवलप करने के उद्देश्य से 'इंडियन वेब ब्राउजर डेवलपमेंट चैलेंज' नाम से एक प्रतियोगिता आयोजित की थी, जिसमें जोहो कार्पोरेशन ने फर्स्ट प्राइज जीता है। इसके लिए जोहो को 1 करोड़ रुपए का प्राइस मिला है। वहीं, प्रतियोगिता में टीम पिंग दूसरे और टीम अजना तीसरे नंबर पर रही। टीम पिंग को 75 लाख रुपए और टीम अजना को 50 लाख रुपए मिलेंगे। यह तीनों कंपनियां आगे चलकर इंडियन ब्राउजर का निर्माण करेंगी।

क्या खासियत होगी ब्राउजर की

- डेटा सिक्योरिटी: इस ब्राउजर के आने से सरकार की निगरानी रहेगी और इसमें देश का डेटा देश में ही रहेगा।

- डेटा प्राइवेसी: मेड इंडिया ब्राउजर डेटा प्राइवेसी एक्ट लागू होगा। इससे यूजर्स का डेटा भी सुरक्षित रहेगा।

- सभी डिवाइस जैसे कि iOS, विंडोज और एंड्राइड सभी ऑपरेटिंग सिस्टम पर करेगा।