अभिनेता विजय राज 2020 के यौन उत्पीड़न मामले में बरी

महाराष्ट्र की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को बॉलीवुड अभिनेता विजय राज को 2020 में एक सहकर्मी द्वारा दायर यौन उत्पीड़न मामले में बरी कर दिया और कहा कि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश करने में विफल रहा। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (गोंदिया) महेंद्र सोरते ने अभिनेता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354-ए (यौन उत्पीड़न) और 354-डी (पीछा करना) के तहत लगाए गए आरोप हटा दिए। एक सहकर्मी ने आरोप लगाया था कि अभिनेता ने लगभग पांच साल पहले फिल्म शेरनी की शूटिंग के दौरान उसका यौन उत्पीड़न किया था। गोंदिया के रामनगर पुलिस थाने में दर्ज शिकायत के अनुसार, कथित अपराध 25 अक्टूबर, 2020 को देर रात किया गया था। चार नवंबर, 2020 को राज को मध्यप्रदेश के बालाघाट से गिरफ्तार किया गया। उसी दिन, उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। आदेश में कहा गया है कि शिकायतकर्ता ने कहा कि घटना एक होटल में हुई, लेकिन जांच अधिकारी मौके पर नहीं गए। न्यायाधीश ने कहा कि शिकायतकर्ता ने होटल में काम करने वाले दो-तीन लोगों के नाम बताए हैं, लेकिन उनके बयान दर्ज नहीं किए गए। अदालत ने कहा, जांच अधिकारी ने आगे कोई जांच नहीं की। इसलिए अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य कमजोर और अपर्याप्त प्रतीत होते हैं। यहां तक ​​कि जब्त सीसीटीवी फुटेज में भी आरोपी कथित कृत्य करते हुए स्पष्ट रूप से नहीं दिखायी दे रहा है। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी के अपराध को निर्णायक रूप से साबित करने में विफल रहा है इसलिए संदेह का लाभ आरोपी को मिलता है।

May 16, 2025 - 11:56
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अभिनेता विजय राज 2020 के यौन उत्पीड़न मामले में बरी

महाराष्ट्र की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को बॉलीवुड अभिनेता विजय राज को 2020 में एक सहकर्मी द्वारा दायर यौन उत्पीड़न मामले में बरी कर दिया और कहा कि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश करने में विफल रहा।

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (गोंदिया) महेंद्र सोरते ने अभिनेता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354-ए (यौन उत्पीड़न) और 354-डी (पीछा करना) के तहत लगाए गए आरोप हटा दिए।

एक सहकर्मी ने आरोप लगाया था कि अभिनेता ने लगभग पांच साल पहले फिल्म शेरनी की शूटिंग के दौरान उसका यौन उत्पीड़न किया था। गोंदिया के रामनगर पुलिस थाने में दर्ज शिकायत के अनुसार, कथित अपराध 25 अक्टूबर, 2020 को देर रात किया गया था।

चार नवंबर, 2020 को राज को मध्यप्रदेश के बालाघाट से गिरफ्तार किया गया। उसी दिन, उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। आदेश में कहा गया है कि शिकायतकर्ता ने कहा कि घटना एक होटल में हुई, लेकिन जांच अधिकारी मौके पर नहीं गए।

न्यायाधीश ने कहा कि शिकायतकर्ता ने होटल में काम करने वाले दो-तीन लोगों के नाम बताए हैं, लेकिन उनके बयान दर्ज नहीं किए गए। अदालत ने कहा, जांच अधिकारी ने आगे कोई जांच नहीं की। इसलिए अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य कमजोर और अपर्याप्त प्रतीत होते हैं।

यहां तक ​​कि जब्त सीसीटीवी फुटेज में भी आरोपी कथित कृत्य करते हुए स्पष्ट रूप से नहीं दिखायी दे रहा है। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी के अपराध को निर्णायक रूप से साबित करने में विफल रहा है इसलिए संदेह का लाभ आरोपी को मिलता है।