Prabhasakshi NewsRoom: परमाणु की रट लगाने वाला Pakistan अब पानी पानी जपने लगा, Munir के बाद Shehbaz Sharif भी बोले- पानी दे दो हिंदुस्तान

भारत-पाक सैन्य संघर्ष के दौरान पाकिस्तान बार-बार परमाणु बम से हमले की धमकी देता रहा लेकिन अब जब भारत ने उसका पानी बंद कर दिया है तो वह परमाणु की रट लगाने की बजाय पानी पानी रटने लगा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से लेकर सेनाध्यक्ष मौलाना मुनीर तक दिन रात पानी की बात कर रहे हैं। हम आपको याद दिला दें कि भारत ने पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादी हमले के बाद सिंधु जल संधि को स्थगित करने की घोषणा की थी। शुरुआत में पाकिस्तान को लगा कि यह महज एक ऐलान भर है लेकिन जब वहां पानी के लिए त्राहिमाम की स्थिति आने लगी तो उसे समझ आ गया कि उसे कितना बड़ा झटका लगा है। भारत ने विभिन्न मंचों से यह स्पष्ट कर दिया है कि सिंधु जल संधि स्थगित रहेगी, यह देख अब पाकिस्तान के नेताओं और सेना को कोई उपाय नहीं सूझ रहा है तो वह अब धमकी देने पर उतर आये हैं।हम आपको बता दें कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने “पानी को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किए जाने” को खारिज कर दिया और कहा कि पाकिस्तान भारत को संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए सिंधु जल संधि को स्थगित रखकर लाखों लोगों का जीवन खतरे में नहीं डालने देगा। शहबाज शरीफ ने ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में ग्लेशियरों के संरक्षण पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारत-पाकिस्तान द्विपक्षीय सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) का मुद्दा उठाया। शहबाज शरीफ ने कहा कि सिंधु बेसिन के पानी के बंटवारे से संबंधित सिंधु जल संधि को स्थगित रखने का भारत का एकतरफा और अवैध फैसला बेहद खेदजनक है। शहबाज शरीफ ने कहा, "संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए लाखों लोगों की जान को खतरे में डालने नहीं दिया जाना चाहिए और पाकिस्तान ऐसा नहीं होने देगा। हम कभी लक्ष्मण रेखा को नहीं लांघने देंगे।" इसे भी पढ़ें: Pakistan कुछ कर पाता उससे पहले ही BrahMos ने सब तबाह कर दिया, शहबाज शरीफ ने सार्वजनिक रूप से भारत से पिटने की बात स्वीकारीशहबाज शरीफ ने अपने भड़काऊ बयान में गाज़ा संकट की भारत-पाक जल विवाद से तुलना करते हुए भारत पर "जल को हथियार बनाने" का आरोप लगाया। शहबाज़ शरीफ़ ने गाज़ा में मानवीय संकट की तुलना भारत के साथ जल विवाद से की और भारत पर "जल को हथियार की तरह इस्तेमाल करने" का आरोप लगाया। शरीफ़ ने कहा कि आज दुनिया गाज़ा में पारंपरिक हथियारों के इस्तेमाल से लगे घावों की गवाही दे रही है, जिन्होंने गहरे ज़ख्म छोड़े हैं। लेकिन इतना ही नहीं, अब हम एक और चिंताजनक गिरावट देख रहे हैं वह है जल का हथियार के रूप में प्रयोग। शहबाज़ शरीफ़ ने दावा किया कि भारत जल को दबाव बनाने के साधन के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस्लामाबाद भारत को "रेड लाइन" पार करने की इजाज़त नहीं देगा, जिससे लाखों लोगों का जीवन खतरे में पड़ सकता है।हम आपको यह भी बता दें कि एक दिन पहले ही पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने कहा था कि इस्लामाबाद जल मुद्दे पर कभी समझौता नहीं करेगा क्योंकि यह देश के 24 करोड़ लोगों के मूल अधिकारों से जुड़ा है। सेना के अनुसार जनरल मुनीर ने यह टिप्पणी विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, प्राचार्यों और वरिष्ठ शिक्षकों एवं शिक्षाविदों से बातचीत में की। उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान कभी भी भारतीय आधिपत्य को स्वीकार नहीं करेगा।’’ मुनीर ने कहा, ‘‘हम 24 करोड़ पाकिस्तानियों के इस बुनियादी अधिकार पर कोई समझौता नहीं होने देंगे।’’ जहां तक भारत के रुख की बात है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी सप्ताह अपने गुजरात के दौरे के दौरान कहा था कि पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि बहुत खराब तरीके से की गई थी और इसके तहत भारत को कश्मीर में बांधों से गाद तक निकालने की अनुमति नहीं थी। मोदी ने कहा, ‘‘सिंधु जल संधि पर बहुत खराब तरीके से बातचीत की गई थी, इसमें कश्मीर में बांधों से गाद निकालने तक की अनुमति नहीं थी।’’ उन्होंने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘हमने सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया है, अपनी तरफ बांधों की क्षमता बढ़ानी शुरू कर दी है और वे (पाकिस्तान) परेशानी महसूस कर रहे हैं।’’ हम आपको बता दें कि भारत विभिन्न मंचों से यह स्पष्ट कर चुका है कि पानी और खून साथ-साथ नहीं बह सकते। भारत का कहना है कि सिंधु जल संधि का निलंबन पाकिस्तान के प्रति लंबे समय से चली आ रही सहनशीलता के अंत की निशानी है। हम आपको याद दिला दें कि दोनों देशों ने जल विवाद को सुलझाने और सिंधु बेसिन की छह मुख्य नदियों के पानी के बंटवारे के लिए 1960 में सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर किए थे।

May 31, 2025 - 14:47
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Prabhasakshi NewsRoom: परमाणु की रट लगाने वाला Pakistan अब पानी पानी जपने लगा, Munir के बाद Shehbaz Sharif भी बोले- पानी दे दो हिंदुस्तान
भारत-पाक सैन्य संघर्ष के दौरान पाकिस्तान बार-बार परमाणु बम से हमले की धमकी देता रहा लेकिन अब जब भारत ने उसका पानी बंद कर दिया है तो वह परमाणु की रट लगाने की बजाय पानी पानी रटने लगा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से लेकर सेनाध्यक्ष मौलाना मुनीर तक दिन रात पानी की बात कर रहे हैं। हम आपको याद दिला दें कि भारत ने पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादी हमले के बाद सिंधु जल संधि को स्थगित करने की घोषणा की थी। शुरुआत में पाकिस्तान को लगा कि यह महज एक ऐलान भर है लेकिन जब वहां पानी के लिए त्राहिमाम की स्थिति आने लगी तो उसे समझ आ गया कि उसे कितना बड़ा झटका लगा है। भारत ने विभिन्न मंचों से यह स्पष्ट कर दिया है कि सिंधु जल संधि स्थगित रहेगी, यह देख अब पाकिस्तान के नेताओं और सेना को कोई उपाय नहीं सूझ रहा है तो वह अब धमकी देने पर उतर आये हैं।

हम आपको बता दें कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने “पानी को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किए जाने” को खारिज कर दिया और कहा कि पाकिस्तान भारत को संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए सिंधु जल संधि को स्थगित रखकर लाखों लोगों का जीवन खतरे में नहीं डालने देगा। शहबाज शरीफ ने ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में ग्लेशियरों के संरक्षण पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारत-पाकिस्तान द्विपक्षीय सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) का मुद्दा उठाया। शहबाज शरीफ ने कहा कि सिंधु बेसिन के पानी के बंटवारे से संबंधित सिंधु जल संधि को स्थगित रखने का भारत का एकतरफा और अवैध फैसला बेहद खेदजनक है। शहबाज शरीफ ने कहा, "संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए लाखों लोगों की जान को खतरे में डालने नहीं दिया जाना चाहिए और पाकिस्तान ऐसा नहीं होने देगा। हम कभी लक्ष्मण रेखा को नहीं लांघने देंगे।" 

इसे भी पढ़ें: Pakistan कुछ कर पाता उससे पहले ही BrahMos ने सब तबाह कर दिया, शहबाज शरीफ ने सार्वजनिक रूप से भारत से पिटने की बात स्वीकारी

शहबाज शरीफ ने अपने भड़काऊ बयान में गाज़ा संकट की भारत-पाक जल विवाद से तुलना करते हुए भारत पर "जल को हथियार बनाने" का आरोप लगाया। शहबाज़ शरीफ़ ने गाज़ा में मानवीय संकट की तुलना भारत के साथ जल विवाद से की और भारत पर "जल को हथियार की तरह इस्तेमाल करने" का आरोप लगाया। शरीफ़ ने कहा कि आज दुनिया गाज़ा में पारंपरिक हथियारों के इस्तेमाल से लगे घावों की गवाही दे रही है, जिन्होंने गहरे ज़ख्म छोड़े हैं। लेकिन इतना ही नहीं, अब हम एक और चिंताजनक गिरावट देख रहे हैं वह है जल का हथियार के रूप में प्रयोग। शहबाज़ शरीफ़ ने दावा किया कि भारत जल को दबाव बनाने के साधन के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस्लामाबाद भारत को "रेड लाइन" पार करने की इजाज़त नहीं देगा, जिससे लाखों लोगों का जीवन खतरे में पड़ सकता है।

हम आपको यह भी बता दें कि एक दिन पहले ही पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने कहा था कि इस्लामाबाद जल मुद्दे पर कभी समझौता नहीं करेगा क्योंकि यह देश के 24 करोड़ लोगों के मूल अधिकारों से जुड़ा है। सेना के अनुसार जनरल मुनीर ने यह टिप्पणी विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, प्राचार्यों और वरिष्ठ शिक्षकों एवं शिक्षाविदों से बातचीत में की। उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान कभी भी भारतीय आधिपत्य को स्वीकार नहीं करेगा।’’ मुनीर ने कहा, ‘‘हम 24 करोड़ पाकिस्तानियों के इस बुनियादी अधिकार पर कोई समझौता नहीं होने देंगे।’’ 

जहां तक भारत के रुख की बात है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी सप्ताह अपने गुजरात के दौरे के दौरान कहा था कि पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि बहुत खराब तरीके से की गई थी और इसके तहत भारत को कश्मीर में बांधों से गाद तक निकालने की अनुमति नहीं थी। मोदी ने कहा, ‘‘सिंधु जल संधि पर बहुत खराब तरीके से बातचीत की गई थी, इसमें कश्मीर में बांधों से गाद निकालने तक की अनुमति नहीं थी।’’ उन्होंने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘हमने सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया है, अपनी तरफ बांधों की क्षमता बढ़ानी शुरू कर दी है और वे (पाकिस्तान) परेशानी महसूस कर रहे हैं।’’ 

हम आपको बता दें कि भारत विभिन्न मंचों से यह स्पष्ट कर चुका है कि पानी और खून साथ-साथ नहीं बह सकते। भारत का कहना है कि सिंधु जल संधि का निलंबन पाकिस्तान के प्रति लंबे समय से चली आ रही सहनशीलता के अंत की निशानी है। हम आपको याद दिला दें कि दोनों देशों ने जल विवाद को सुलझाने और सिंधु बेसिन की छह मुख्य नदियों के पानी के बंटवारे के लिए 1960 में सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर किए थे।