सीमा पर तनाव और कूटनीतिक गतिरोध के बीच पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ बड़ा साइबर हमला करने की कोशिश की है। भारत सरकार की भारतीय सैन्य इंजीनियरिंग सेवा और आधिकारिक थिंक टैंक एमपी आईडीएसए मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान हैक कर उसके डेटा में सेंध लगाने की नाकाम कोशिश की गई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान प्रायोजित हैकर समूहों ने भारतीय वेबसाइटों में सेंध लगाने के कई असफल प्रयास किए, इन हैकिंग प्रयासों का भारतीय साइबर सुरक्षा एजेंसियों ने तुरंत पता लगा लिया और उन्हें निष्प्रभावी कर दिया। इनमें से एक घटना में साइबर ग्रुप HOAX1337 और 'नेशनल साइबर क्रू' सहित हैकर समूहों ने जम्मू में आर्मी पब्लिक स्कूलों की वेबसाइटों को निशाना बनाया और हाल ही में पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों का मजाक उड़ाने वाले संदेशों के साथ उन्हें विकृत करने का प्रयास किया।
एक अलग साइबर हमले में भूतपूर्व सैनिकों के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने वाली एक वेबसाइट को नुकसान पहुंचाया गया, जबकि आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट और भारतीय वायु सेना के दिग्गजों की वेबसाइटें भी निशाना बनीं। अधिकारियों के अनुसार, सेना से जुड़े डोमेन के अलावा, पाकिस्तान स्थित हैकर्स ने बच्चों, बुजुर्ग दिग्गजों और नागरिकों से जुड़ी वेबसाइटों में घुसपैठ करने का बार-बार प्रयास किया है। इस बीच महाराष्ट्र साइबर विभाग ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान सहित कई देशों के हैकिंग समूहों द्वारा भारतीय सिस्टम पर 10 लाख से अधिक साइबर हमले दर्ज किए हैं।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, राज्य पुलिस की साइबर अपराध जांच शाखा महाराष्ट्र साइबर ने कश्मीर आतंकी हमले के बाद से डिजिटल हमलों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है। विश्लेषकों का मानना है कि ये साइबर हमले डिजिटल स्पेस में तनाव बढ़ाने के उद्देश्य से जानबूझकर किए गए अभियान का हिस्सा हैं। इन्हें पाकिस्तान की व्यापक हाइब्रिड युद्ध रणनीति के तत्वों के रूप में देखा जाता है, जिसमें लंबे समय से भारत के खिलाफ आतंकवाद और सूचना युद्ध का उपयोग शामिल है। पाकिस्तान के अलावा, साइबर हमले मध्य पूर्व, इंडोनेशिया और मोरक्को से भी शुरू हुए हैं। पुलिस अधिकारी ने कहा कि कई हैकर समूहों ने इस्लामवादी विचारधाराओं के प्रति निष्ठा का दावा किया है, जो संभावित समन्वित साइबर युद्ध प्रयास का संकेत देता है।