विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जीरो टैरिफ के साथ व्यापार समझौते की पेशकश वाले दावे को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। जयशंकर ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता चल रही है। ये जटिल वार्ताएं हैं। जब तक सब कुछ तय नहीं हो जाता, तब तक कुछ भी तय नहीं होता। कोई भी व्यापार सौदा परस्पर लाभकारी होना चाहिए; इसे दोनों देशों के लिए कारगर होना चाहिए। व्यापार सौदे से हमारी यही अपेक्षा है। जब तक ऐसा नहीं हो जाता, इस पर कोई भी निर्णय जल्दबाजी होगी।
उन्होंने कहा कि चल रही वार्ता जटिल है और अंतिम से बहुत दूर है। जयशंकर ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता चल रही है। ये जटिल वार्ताएं हैं। जब तक सब कुछ तय नहीं हो जाता, तब तक कुछ भी तय नहीं होता। किसी भी व्यापार सौदे को पारस्परिक रूप से लाभकारी होना चाहिए; इसे दोनों देशों के लिए काम करना चाहिए। व्यापार सौदे से हमारी यही अपेक्षा होगी। जब तक ऐसा नहीं हो जाता, तब तक इस पर कोई भी निर्णय जल्दबाजी होगी। भारत 9 अप्रैल को डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित 90-दिवसीय टैरिफ राहत की अवधि समाप्त होने से पहले अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिश कर रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने "मुक्ति दिवस" घोषणापत्र के तहत भारतीय वस्तुओं पर 26 प्रतिशत टैरिफ लगाया था। फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन यात्रा के बाद भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता में तेजी आई है। दोनों देशों का लक्ष्य शरद ऋतु तक समझौते के पहले चरण को पूरा करना है। वार्ता को गति देने के लिए वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल 17 से 20 मई के बीच अमेरिका की यात्रा पर जाने वाले हैं।