IRS ने 10 साल में बनाई 8 करोड़ की संपत्ति:CBI जांच में खुलासा, लखनऊ से गाजियाबाद तक 14 संपत्तियां बेनामी
इनकम टैक्स विभाग में पूर्व अपर आयुक्त अमित निगम अब CBI के रडार पर हैं। गाजियाबाद स्थित CBI की विशेष अदालत ने आय से अधिक संपत्ति मामले में उनकी 7.5 करोड़ रुपए से ज्यादा की अचल संपत्तियों को अड-इंटरिम ऑर्डर के तहत अटैच करने का आदेश दिया है। CBI जांच में यह खुलासा हुआ है कि अमित निगम को 10 वर्षों में 1.26 करोड़ रुपए सैलरी मिली और उन्होंने 8 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति बना ली। उनमें से 14 संपत्तियां बेनामी हैं और इनका जाल लखनऊ, गाजियाबाद, हरदोई, बाराबंकी और गोवा तक फैला है। गाजियाबाद में 2022 में दर्ज हुआ था मुकदमा अमित निगम 1999 बैच के IRS अफसर हैं। CBI ने 22 सितंबर 2022 को गाजियाबाद में अमित निगम के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (DA) का मामला दर्ज किया था। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13(2) R/W 13(1)(e) के तहत केस दर्ज किया है। मामले की जांच गाजियाबाद CBI के डीएसपी कमल प्रकाश शर्मा को सौंपी गई है। 1 जनवरी 2008 से 30 जून 2018 तक उनकी आय और संपत्तियों की जांच हुई। इस अवधि में अमित निगम ने 7.52 करोड़ की संपत्ति अर्जित की, जो उनकी ज्ञात आय से 6 गुना अधिक है। मुकदमा दर्ज होने के समय वह गाजियाबाद में तैनात थे। उसके बाद वह निलंबित कर दिए गए। अमित निगम ने आयकर विभाग में विभिन्न पदों पर कार्य किया, जिनमें डिप्टी कमिश्नर, जॉइंट कमिश्नर और एडिशनल कमिश्नर शामिल है। उनकी तैनाती लखनऊ, दिल्ली, मुरादाबाद, गाजियाबाद और अन्य स्थानों पर रही है। लखनऊ में कहां-कहां और कितनी संपत्ति? CBI की चार्जशीट के अनुसार, लखनऊ में अमित निगम और उनके परिजनों के नाम कम से कम चार प्रमुख संपत्तियां हैं, जिनकी कुल कीमत करीब 8 करोड़ रुपए है। इनमें शामिल हैं... D-5, केंद्रीय विहार, सेक्टर-6, जानकीपुरम आम्रपाली योजना, लखनऊ-हरदोई रोड B-2470, इंदिरानगर C-2024, इंदिरानगर बाकी संपत्तियों का फैलाव जहांगीरपुरी, दिल्ली पारिवारिक बैकग्राउंड और रणनीति CBI को शक है कि अमित निगम ने पत्नी डॉली निगम और कुछ अन्य रिश्तेदारों के नाम पर संपत्ति खरीद कर अपने स्रोतों को छिपाने की कोशिश की। लखनऊ की दोनों कोठियों को भी पत्नी के नाम पर खरीदा गया, जो खुद डॉक्टर हैं। यह भी माना जा रहा है कि इन संपत्तियों की खरीद-फरोख्त के लिए फर्जी कंपनियों और शेल खातों का इस्तेमाल किया गया। CBI की जांच जारी, और खुलासों की उम्मीद है। CBI का कहना है कि ये सिर्फ शुरुआती आंकड़े हैं। जांच में कई अन्य संपत्तियों, लेन-देन और संभावित हवाला कनेक्शन का भी खुलासा हो सकता है। कोर्ट ने इन संपत्तियों को फिलहाल अस्थायी रूप से अटैच कर लिया है। -------------------- यह खबर भी पढ़िए... लखनऊ में IRS गौरव गर्ग के बयान दर्ज:पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया, CCTV फुटेज खंगाले; अहम साक्ष्य मिले आयकर विभाग के डिप्टी कमिश्नर गौरव गर्ग और जॉइंट कमिश्नर योगेन्द्र मिश्रा के बीच 29 मई को हुए विवाद मामले में पुलिस ने जांच तेज कर दी है। हजरतगंज पुलिस ने बुधवार को डिप्टी कमिश्नर गौरव गर्ग के बयान... पूरी खबर पढ़ें
इनकम टैक्स विभाग में पूर्व अपर आयुक्त अमित निगम अब CBI के रडार पर हैं। गाजियाबाद स्थित CBI की विशेष अदालत ने आय से अधिक संपत्ति मामले में उनकी 7.5 करोड़ रुपए से ज्यादा की अचल संपत्तियों को अड-इंटरिम ऑर्डर के तहत अटैच करने का आदेश दिया है। CBI जांच में यह खुलासा हुआ है कि अमित निगम को 10 वर्षों में 1.26 करोड़ रुपए सैलरी मिली और उन्होंने 8 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति बना ली। उनमें से 14 संपत्तियां बेनामी हैं और इनका जाल लखनऊ, गाजियाबाद, हरदोई, बाराबंकी और गोवा तक फैला है। गाजियाबाद में 2022 में दर्ज हुआ था मुकदमा अमित निगम 1999 बैच के IRS अफसर हैं। CBI ने 22 सितंबर 2022 को गाजियाबाद में अमित निगम के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (DA) का मामला दर्ज किया था। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13(2) R/W 13(1)(e) के तहत केस दर्ज किया है। मामले की जांच गाजियाबाद CBI के डीएसपी कमल प्रकाश शर्मा को सौंपी गई है। 1 जनवरी 2008 से 30 जून 2018 तक उनकी आय और संपत्तियों की जांच हुई। इस अवधि में अमित निगम ने 7.52 करोड़ की संपत्ति अर्जित की, जो उनकी ज्ञात आय से 6 गुना अधिक है। मुकदमा दर्ज होने के समय वह गाजियाबाद में तैनात थे। उसके बाद वह निलंबित कर दिए गए। अमित निगम ने आयकर विभाग में विभिन्न पदों पर कार्य किया, जिनमें डिप्टी कमिश्नर, जॉइंट कमिश्नर और एडिशनल कमिश्नर शामिल है। उनकी तैनाती लखनऊ, दिल्ली, मुरादाबाद, गाजियाबाद और अन्य स्थानों पर रही है। लखनऊ में कहां-कहां और कितनी संपत्ति? CBI की चार्जशीट के अनुसार, लखनऊ में अमित निगम और उनके परिजनों के नाम कम से कम चार प्रमुख संपत्तियां हैं, जिनकी कुल कीमत करीब 8 करोड़ रुपए है। इनमें शामिल हैं... D-5, केंद्रीय विहार, सेक्टर-6, जानकीपुरम आम्रपाली योजना, लखनऊ-हरदोई रोड B-2470, इंदिरानगर C-2024, इंदिरानगर बाकी संपत्तियों का फैलाव जहांगीरपुरी, दिल्ली पारिवारिक बैकग्राउंड और रणनीति CBI को शक है कि अमित निगम ने पत्नी डॉली निगम और कुछ अन्य रिश्तेदारों के नाम पर संपत्ति खरीद कर अपने स्रोतों को छिपाने की कोशिश की। लखनऊ की दोनों कोठियों को भी पत्नी के नाम पर खरीदा गया, जो खुद डॉक्टर हैं। यह भी माना जा रहा है कि इन संपत्तियों की खरीद-फरोख्त के लिए फर्जी कंपनियों और शेल खातों का इस्तेमाल किया गया। CBI की जांच जारी, और खुलासों की उम्मीद है। CBI का कहना है कि ये सिर्फ शुरुआती आंकड़े हैं। जांच में कई अन्य संपत्तियों, लेन-देन और संभावित हवाला कनेक्शन का भी खुलासा हो सकता है। कोर्ट ने इन संपत्तियों को फिलहाल अस्थायी रूप से अटैच कर लिया है। -------------------- यह खबर भी पढ़िए... लखनऊ में IRS गौरव गर्ग के बयान दर्ज:पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया, CCTV फुटेज खंगाले; अहम साक्ष्य मिले आयकर विभाग के डिप्टी कमिश्नर गौरव गर्ग और जॉइंट कमिश्नर योगेन्द्र मिश्रा के बीच 29 मई को हुए विवाद मामले में पुलिस ने जांच तेज कर दी है। हजरतगंज पुलिस ने बुधवार को डिप्टी कमिश्नर गौरव गर्ग के बयान... पूरी खबर पढ़ें