Ganesh Mantra: बुधवार को पूजा के समय करें गणेश जी के इन मंत्रों का जाप, धन-समृद्धि में होगी वृद्धि

हिंदू धर्म में बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन भगवान श्री गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाती है। भगवान गणेश जी की पूजा करने से व्यक्ति को जीवन में आने वाली सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है। भगवान गणेश की पूजा करने से व्यक्ति की आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है। हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता माना जाता है। सभी तरह के शुभ कामों में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। भगवान गणेश की पूजा करने से जातक को आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है। ऐसे में अगर आप भी अपने करियर और कारोबार को नया आयाम देना चाहते हैं, तो बुधवार के दिन भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। भगवान गणेश की पूजा के समय इन मंत्रों का जाप करना चाहिए।गणेश मंत्रऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ।निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा॥इसे भी पढ़ें: Palmistry Reading: हथेली में छिपा है आपकी सेहत और लंबी उम्र का राज, जानिए कहां होती है ये रेखाॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नम:।।ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं चिरचिर गणपतिवर वर देयं मम वाँछितार्थ कुरु कुरु स्वाहा ।गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः।द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः ।द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्‌ ॥विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत्‌ क्वचित्‌ ।ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।।श्रीगणेशमन्त्रस्तोत्रम्शृणु पुत्र महाभाग योगशान्तिप्रदायकम् ।येन त्वं सर्वयोगज्ञो ब्रह्मभूतो भविष्यसि ॥चित्तं पञ्चविधं प्रोक्तं क्षिप्तं मूढं महामते ।विक्षिप्तं च तथैकाग्रं निरोधं भूमिसज्ञकम् ॥तत्र प्रकाशकर्ताऽसौ चिन्तामणिहृदि स्थितः ।साक्षाद्योगेश योगेज्ञैर्लभ्यते भूमिनाशनात् ॥चित्तरूपा स्वयंबुद्धिश्चित्तभ्रान्तिकरी मता ।सिद्धिर्माया गणेशस्य मायाखेलक उच्यते ॥अतो गणेशमन्त्रेण गणेशं भज पुत्रक ।तेन त्वं ब्रह्मभूतस्तं शन्तियोगमवापस्यसि ॥इत्युक्त्वा गणराजस्य ददौ मन्त्रं तथारुणिः ।एकाक्षरं स्वपुत्राय ध्यनादिभ्यः सुसंयुतम् ॥तेन तं साधयति स्म गणेशं सर्वसिद्धिदम् ।क्रमेण शान्तिमापन्नो योगिवन्द्योऽभवत्ततः ॥गणेश जी की आरतीजय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥जय गणेश जय गणेश...एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥जय गणेश जय गणेश...जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥जय गणेश जय गणेश...पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥जय गणेश जय गणेश...जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥जय गणेश जय गणेश...अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥जय गणेश जय गणेश...जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥जय गणेश जय गणेश...'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥जय गणेश जय गणेश...जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥जय गणेश जय गणेश...दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥जय गणेश जय गणेश...जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥जय गणेश जय गणेश...

Apr 24, 2025 - 14:45
 0
Ganesh Mantra: बुधवार को पूजा के समय करें गणेश जी के इन मंत्रों का जाप, धन-समृद्धि में होगी वृद्धि
हिंदू धर्म में बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन भगवान श्री गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाती है। भगवान गणेश जी की पूजा करने से व्यक्ति को जीवन में आने वाली सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है। भगवान गणेश की पूजा करने से व्यक्ति की आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है। हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता माना जाता है। सभी तरह के शुभ कामों में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। भगवान गणेश की पूजा करने से जातक को आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है। ऐसे में अगर आप भी अपने करियर और कारोबार को नया आयाम देना चाहते हैं, तो बुधवार के दिन भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। भगवान गणेश की पूजा के समय इन मंत्रों का जाप करना चाहिए।

गणेश मंत्र
ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा॥

इसे भी पढ़ें: Palmistry Reading: हथेली में छिपा है आपकी सेहत और लंबी उम्र का राज, जानिए कहां होती है ये रेखा


ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नम:।।

ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं चिरचिर गणपतिवर वर देयं मम वाँछितार्थ कुरु कुरु स्वाहा ।

गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः।

द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥
विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः ।

द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्‌ ॥
विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत्‌ क्वचित्‌ ।

ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।
ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।।

श्रीगणेशमन्त्रस्तोत्रम्
शृणु पुत्र महाभाग योगशान्तिप्रदायकम् ।
येन त्वं सर्वयोगज्ञो ब्रह्मभूतो भविष्यसि ॥

चित्तं पञ्चविधं प्रोक्तं क्षिप्तं मूढं महामते ।
विक्षिप्तं च तथैकाग्रं निरोधं भूमिसज्ञकम् ॥

तत्र प्रकाशकर्ताऽसौ चिन्तामणिहृदि स्थितः ।
साक्षाद्योगेश योगेज्ञैर्लभ्यते भूमिनाशनात् ॥

चित्तरूपा स्वयंबुद्धिश्चित्तभ्रान्तिकरी मता ।
सिद्धिर्माया गणेशस्य मायाखेलक उच्यते ॥

अतो गणेशमन्त्रेण गणेशं भज पुत्रक ।
तेन त्वं ब्रह्मभूतस्तं शन्तियोगमवापस्यसि ॥

इत्युक्त्वा गणराजस्य ददौ मन्त्रं तथारुणिः ।
एकाक्षरं स्वपुत्राय ध्यनादिभ्यः सुसंयुतम् ॥

तेन तं साधयति स्म गणेशं सर्वसिद्धिदम् ।
क्रमेण शान्तिमापन्नो योगिवन्द्योऽभवत्ततः ॥

गणेश जी की आरती
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश...
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश...
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश...
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश...
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश...
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश...
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश...
'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश...
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश...
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश...
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश...