भारत को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का व्यवहार काफी बदल गया है। डोनाल्ड ट्रंप जिस भारत और मोदी को अपना दोस्त बताते फिरते थे, उस भारत के साथ आज डोनाल्ड ट्रंप बदले हुए तेवर के साथ व्यवहार कर रहे है। डोनाल्ड ट्रंप अब उद्योगपतियों को सलाह दे रहे हैं कि वो भारत में अपनी फैक्ट्रियां ना लगाएं।
हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप ने एप्पल के सीईओ टिम कुक को सलाह दी कि भारत में वो फैक्ट्री ना लगाएं। गुरुवार को डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्हें एप्पल के सीईओ को कहा है कि एप्पल आईफोन के निर्माण के लिए भारत में फैक्ट्री लगाने की जगह अमेरिका में ही इसका निर्माण करें। बीते पांच सालों में भारत आईफोन प्रोडक्शन का बड़ा हब बनकर उभरा है। बीते एक वर्ष में भारत में एप्पल के 60 फीसदी से अधिक फोन बनाए गए है।
बता दें कि दोहा में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टिम कुक से कहा कि थोड़ी समस्या है। उन्होंने बताया कि मैंने कहा मैं तुम्हारा ध्यान रख रहा हूं। तुम 500 अरब डॉलर ला रहे है। मगर मैं सुन रहा हूं तुम भारत में निर्माण करने जा रहे है। मैं नहीं चाहता भारत में तुम निर्माण करो। अगर तुम भारत की देखरेख करना चाहते हो तो वहां निर्माण कर सकते है। भारत दुनिया के उन शीर्ष देशों में से है जहां सबसे उच्च टैरिफ शुल्क लगाया जाता है। यहां कुछ बेचना कठिन होने वाला है।
डोनाल्ड ट्रंप ने ये भी दावा किया कि नई दिल्ली ने वॉशिंगटन डीसी को एक समझौता प्रस्तावित किया है। ये भी कहा गया है कि अमेरिकी सामानों पर कोई शुल्क नहीं लगाए गा। भारत ने इस दिशा में अबतक कोई घोषणा नहीं की है। उन्होंने कहा कि भारत ने हमें ऐसा सौदा दिया है जिसमें वो मूल रूप से हमसे किसी तरह का शुल्क नहीं लेंगे। मैंने टिम से कहा हम तुम्हारे साथ अच्छा व्यवहार कर रहे है। हमने उन सभी संयंत्रों को सहन किया जो तुमने वर्षों तक चीन में बनाए। हमारी दिलचस्पी नहीं है कि भारत में निर्माण हो। भारत अपनी देखरेख कर सकता है।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि एप्पल के आईफोन और मैकबुक दुनिया भर में मशहूर है। अमेरिका में प्रोडक्टिविटी बढ़ानें पर विचार किया जा राह है। एएफपी की रिपोर्ट की मानें तो इस महीने की शुरुआत में टिम कुक ने कहा था कि उम्मीद है अमेरिका में बिकने वाले अधिकतर आईफोन भारत में निर्मित होंगे। वर्तमान में भारत में एप्पल के निर्माण के लिए तीन प्लांट्स हैं जिनमें से दो तमिलनाडु और एक कर्नाटक में है।